जोधपुर. डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने नागौर मामले की बात करते हुए एक बारगी यह बात स्वीकार कर ली कि प्रदेश में दलितों के विरुद्ध अत्याचार में इजाफा हुआ है. लेकिन तुरंत संभलते हुए बोले की अगर इजाफा हुआ है तो हमें कमियां सुधारनी चाहिए. पायलट ने एक बार फिर प्रदेश के गृह मंत्रालय में सुधार की बात कहकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. क्योंकि गृह विभाग उनके अधीन है.
पायलट ने कहा कि नागौर मामले की जांच संगठन स्तर पर करवाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है. लेकिन नागौर के बाद दूसरे जिलों में भी लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं, जो बहुत शर्मनाक है. ऐसे में हमारे को राजनीतिक संदेश देने की जरुरत है. जो भी इस तरह की घटनाओं में शामिल हैं. उनके विरुद्ध कार्रवाई सरकार कर रही है. लेकिन किसी अधिकारी का तबादला या हटाने के साथ-साथ अब समय आ गया है कि जवाबदेही तय हो.
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पायलट ने कहा कि हमारा स्टैंड आज भी बहुत साफ है, जब हम विपक्ष में थे तो दलितों के विरुद्ध अत्याचार होने पर सड़कों पर उतरते थे. आज हमारी सरकार है तो हमारी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है. क्योंकि दलित समाज को कांग्रेस सरकार से हमेशा अपेक्षा रहती है. पायलट ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश को 11 हजार करोड़ रुपए कम मिले हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने घोषणा पत्र पर काम कर रही है. हमारा विश्वास घोषणा के बाद डिलवरी में है. मेरे अपने विभाग में 4 माह पहले तक जहां मनरेगा में 9 लाख लोग जुड़े हुए थे, उसे अब 35 लाख तक पहुंचा दिया है. इससे आर्थिक मंदी के दौर में इससे गरीब तबके हाथ में पैसा जा रहा है.