जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) जोधपुर मुख्यपीठ ने विदेशी नागरिकों को उनके देश वापसी की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को निर्देश दिये हैं. मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपों से बरी होने के बावजूद विदेशी नागरिकों को उनके देश डिपोर्ट नहीं किये जाने पर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवारी की खंडपीठ के समक्ष तंजानिया निवासी एडम गॉडविन और अन्य की ओर से अधिवक्ता निशांत बोडा के जरिये पेश याचिका पर सुनवाई हुई. केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और राज्य सरकार की ओर से जीए अनिल जोशी ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि उनके आदेशों की पालना के लिए सम्बंधित अधिकारी आपसी समन्वय करते हुए प्रयास कर रहे हैं. इनको अलवर के डिटेंशन सेंटर से इनके देश तंजानिया डिपोर्ट करने के लिए जल्द कार्य पूरा कर लिया जायेगा. इस पर कोर्ट ने 21 फरवरी को याचिका पर अगली सुनवाई मुकरर्र की है.
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गौरतलब है कि कोर्ट में पेश याचिका में बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में याचिकाकर्ता सहित तीन लोगों को बीस साल की सजा हुई थी. हाईकोर्ट में सजा के आदेश के खिलाफ अपील पेश की गई थी जिसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए भुगती गई सजा में जोड़ने के आदेश दिये गये थे.
तीनों को जोधपुर जेल से रिहा करते हुए उनको तंजानिया डिपोर्ट करने के आदेश दिये गये थे लेकिन तीनों के वीजा और पासपोर्ट एक्सपायर हो जाने की वजह से पुलिस ने 151 में दोबारा गिरफ्तार कर लिया था. बाद में तीनों को अलवर स्थित केन्द्र में रखा गया है जहा से उनके देश भेजने की आज तक कोई व्यवस्था नहीं करते हुए जबरन वहा रखा गया है.