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आर्थिक रूप से पिछड़े वकीलों को मिले आरक्षण का लाभ, HC एडवोकेट्स एसोसिएशन ने की मांग - राजस्थान सरकार

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (Rajasthan High Court Advocates Association) ने आर्थिक रूप से पिछड़े वकीलों को आरक्षण का लाभ देने की मांग की है. एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को इस संबंध में विस्तृत पत्र सौंपकर जिला जज भर्ती परीक्षा में आर्थिक पिछड़े वकीलों को आयु एवं शुल्क आदि में छूट देने का आग्रह किया है.

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राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन
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Published : Jun 20, 2021, 2:57 AM IST

जोधपुर. जिला जज भर्ती परीक्षा 2020 में आर्थिक रूप से पिछड़े वकीलों को EWS श्रेणी के आरक्षण का लाभ देने की मांग उठ रही है. जोधपुर में वकीलों के सबसे बड़े संगठन राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (Rajasthan High Court Advocates Association) ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस संबंध में विस्तृत पत्र सौंपकर भर्ती परीक्षा में आर्थिक पिछड़े वकीलों को आयु एवं शुल्क आदि में छूट देने का आग्रह किया है.

पढ़ें- जिला शिक्षा अधिकारी पद के लिए अभी नहीं जारी होगी डीपीसी: राजस्थान हाईकोर्ट

एसोसिएशन की ओर भेजे पत्र में बताया गया है कि राज्य सरकार ने हाल ही में 16 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर विभिन्न सरकारी सेवाओं में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण अभ्यर्थियों को आयु सीमा और परीक्षा शुल्क में रियायत देने का निर्णय किया था. लेकिन, तब तक जिला जज भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि निकल चुकी थी. लिहाजा इस भर्ती परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर संवर्ग को आवेदन करने का अवसर नहीं मिल पाया.

इसके विपरीत राज्य सरकार की अधिसूचना को देखते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) की ओर से आयोजित की जाने वाली विभिन्‍न परीक्षाओं की तिथियों को स्थगित किया गया और आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट का लाभ देते हुए पुनः आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे. पत्र में बताया गया है कि कोरोना महामारी के कारण हाईकोर्ट प्रशासन ने जिला जज की भर्ती परीक्षा की तिथियों में बदलाव कर दिया है. तब भी जिला जज भर्ती परीक्षा हेतु भर्ती नियमों में संशोधन नहीं किए जाने के कारण आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को कोई लाभ नहीं होगा.

पत्र में इसे असंतुलन की स्थिति बताते हुए राजस्थान सरकार ( Rajasthan Government) के संशोधन को समय पर लागू नहीं करने को विभेदकारी भी बताया गया है. साथ ही नवीन संशोधन को लागू कर जिला जज की भर्ती में EWS को समुचित अवसर प्रदान करने की मांग की गई है.

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (Rajasthan High Court Advocates Association) के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ का कहना है कि राज्य सरकार ने तो 16 अप्रैल को नोटिफिकेशन निकाल कर आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ देने की घोषणा कर दी, लेकिन यह अधिसूचना हाईकोर्ट पर सीधे लागू नहीं होती है. इसके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी करना आवश्यक है. फिलहाल हाईकोर्ट की ओर से ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. ऐसे में जिला जज भर्ती को लेकर विसंगति उत्पन्न हो गई है, इसे दूर किया जाना आवश्यक है.

जोधपुर. जिला जज भर्ती परीक्षा 2020 में आर्थिक रूप से पिछड़े वकीलों को EWS श्रेणी के आरक्षण का लाभ देने की मांग उठ रही है. जोधपुर में वकीलों के सबसे बड़े संगठन राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (Rajasthan High Court Advocates Association) ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस संबंध में विस्तृत पत्र सौंपकर भर्ती परीक्षा में आर्थिक पिछड़े वकीलों को आयु एवं शुल्क आदि में छूट देने का आग्रह किया है.

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एसोसिएशन की ओर भेजे पत्र में बताया गया है कि राज्य सरकार ने हाल ही में 16 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर विभिन्न सरकारी सेवाओं में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण अभ्यर्थियों को आयु सीमा और परीक्षा शुल्क में रियायत देने का निर्णय किया था. लेकिन, तब तक जिला जज भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि निकल चुकी थी. लिहाजा इस भर्ती परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर संवर्ग को आवेदन करने का अवसर नहीं मिल पाया.

इसके विपरीत राज्य सरकार की अधिसूचना को देखते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) की ओर से आयोजित की जाने वाली विभिन्‍न परीक्षाओं की तिथियों को स्थगित किया गया और आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट का लाभ देते हुए पुनः आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे. पत्र में बताया गया है कि कोरोना महामारी के कारण हाईकोर्ट प्रशासन ने जिला जज की भर्ती परीक्षा की तिथियों में बदलाव कर दिया है. तब भी जिला जज भर्ती परीक्षा हेतु भर्ती नियमों में संशोधन नहीं किए जाने के कारण आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को कोई लाभ नहीं होगा.

पत्र में इसे असंतुलन की स्थिति बताते हुए राजस्थान सरकार ( Rajasthan Government) के संशोधन को समय पर लागू नहीं करने को विभेदकारी भी बताया गया है. साथ ही नवीन संशोधन को लागू कर जिला जज की भर्ती में EWS को समुचित अवसर प्रदान करने की मांग की गई है.

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (Rajasthan High Court Advocates Association) के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ का कहना है कि राज्य सरकार ने तो 16 अप्रैल को नोटिफिकेशन निकाल कर आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ देने की घोषणा कर दी, लेकिन यह अधिसूचना हाईकोर्ट पर सीधे लागू नहीं होती है. इसके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी करना आवश्यक है. फिलहाल हाईकोर्ट की ओर से ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. ऐसे में जिला जज भर्ती को लेकर विसंगति उत्पन्न हो गई है, इसे दूर किया जाना आवश्यक है.

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