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हाईकोर्ट सुनवाई : राजस्थान बायोफ्यूल नियम-2019 को HC में चुनौती, केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस

कोर्ट में दलील- राजस्थान बायोफ्यूल नियम-2019 को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए. क्योंकि राज्य सरकार को इन्हें बनाने का अधिकार नहीं था. केंद्र सरकार के तेल क्षेत्रों के विकास और विनियमन के लिए कानून बनाने के अधिकार से परे जाकर इसे लागू किया गया है.

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Published : Jul 14, 2021, 9:59 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से राजस्थान बायोफ्यूल नियम-2019 की वैधानिकता को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी.

इस याचिका को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 23 अगस्त तक जवाब तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष दायर याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई की गई.

एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता अंकुर माथुर ने जनहित याचिका पेश कर बताया कि राजस्थान बायोफ्यूल नियम 2019 को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार को इन्हे बनाने का अधिकार नही था. केंद्र सरकार के तेल क्षेत्रों के विकास और विनियमन के लिए कानून बनाने के अधिकार से परे जाकर लागू किया गया है.

पढ़ें- जोधपुर: पाक विस्थापितों के वैक्सीनेशन से जुड़े मामले में हलफनामा पेश करने के लिए सरकार ने मांगा समय

माथुर ने कहा कि केंद्र ने परिवहन उद्देश्य के लिए हाई स्पीड डीजल के साथ मिश्रण के लिए बायो डीजल की बिक्री के दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसमें केंद्र ने मोबाइल रिटेल आउटलेट के बारे में उल्लेख नहीं किया था. लेकिन राज्य सरकार ने नियम 5.4 के माध्यम से मोबाइल रिटेल आउटलेट के पंजीकरण के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए, जो कि केंद्र सरकार की अधिसूचनाओं के विपरीत है.

उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से राजस्थान बायोफ्यूल नियम-2019 की वैधानिकता को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी.

इस याचिका को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 23 अगस्त तक जवाब तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष दायर याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई की गई.

एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता अंकुर माथुर ने जनहित याचिका पेश कर बताया कि राजस्थान बायोफ्यूल नियम 2019 को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार को इन्हे बनाने का अधिकार नही था. केंद्र सरकार के तेल क्षेत्रों के विकास और विनियमन के लिए कानून बनाने के अधिकार से परे जाकर लागू किया गया है.

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माथुर ने कहा कि केंद्र ने परिवहन उद्देश्य के लिए हाई स्पीड डीजल के साथ मिश्रण के लिए बायो डीजल की बिक्री के दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसमें केंद्र ने मोबाइल रिटेल आउटलेट के बारे में उल्लेख नहीं किया था. लेकिन राज्य सरकार ने नियम 5.4 के माध्यम से मोबाइल रिटेल आउटलेट के पंजीकरण के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए, जो कि केंद्र सरकार की अधिसूचनाओं के विपरीत है.

उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

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