जोधपुर. हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर बुधवार को 5 राफेल विमान लैंड कर गए. जिसके बाद इस वर्ल्ड क्लास फाइटर जेट की वजह से भारत के सैन्य शक्ति में इजाफा हुआ है. काफी कम लोग जानते हैं कि राफेल इससे पहले भी भारत आ चुका है. बात 2014 की है जब राफेल जोधपुर एयरबेस पर उतरा था. तब राफेल किसी और कारण से भारत सरजमीं पर उतरा था.
आज से ठीक छह साल पहले राफेल ने जोधपुर एयरबेस पर अपने कदम रखे थे. तब भारत और फ्रांस ने जोधपुर में संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास किया था. दोनों देशों की एयरफोर्स ने यहां करीब 10 दिनों युद्धाभ्यास किया था. उस समय फ्रांसीसी वायुसेना के अध्यक्ष ने सुखोई और भारतीय एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने राफेल को उड़ाया था.
फ्रांस के वायुसेनाध्यक्ष ने कहा था कि जोधपुर में राफेल उड़ाने का अलग मजा
साल 2014 के जून में युद्धाभ्यास गरुड़ जोधपुर में आयोजित किया गया था. इस युद्धाभ्यास में फ्रांस के करीब 120 वायु सैनिक चार राफेल लेकर जोधपुर पहुंचे थे. उस समय भी संयुक्त अरब अमीरात स्थित फ्रांस के एयरबेस से सीधे ये जोधपुर पहुंचे थे. उस समय भारतीय वायु सेना प्रमुख अरूप राहा ने राफेल को उड़ाने के बाद इसे बेहतरीन लड़ाकू विमान करार दिया था. फ्रांस के वायुसेनाध्यक्ष जनरल डेनिस मर्सियर ने भी राफेल और सुखोई-30 एमकेआई विमानों में उड़ान भरी थी. तब फ्रांस के पायलट्स ने कहा था कि यहां के साफ मौसम में लंबी दूरी तक इस फाइटर जेट को उड़ाने का अलग ही मजा है.
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उन्होंने स्वीकर किया था कि फ्रांस में उन्हें इतनी लंबी दूरी का एयर स्पेस नहीं मिलता. 2014 से पहले राफेल खरीदने की प्रक्रिया के शुरू होने के दौरान राफेल ने यूरो फाइटर टायफून के साथ वर्ष 2008 में देश में उड़ान भरी थी. जिसके आधार पर खरीद तय हुई थी.
युद्धाभ्यास के दौरान थी भीषण गर्मी
जोधपुर में 2014 में जून में भीषण गर्मी पड़ रही थी. 10 दिन तक यहां अभ्यस्त होने के लिए फ्रांस के पायलट्स ने कुछ दिन संयुक्त अरब अमीरात की गर्मी में अभ्यास किया था. उस दौरान फ्रांस के पायलट्स गर्मी से बचने के लिए विशेष रूप से निर्मित हेलमेट और कूलवेस्ट पहन कर आए थे.