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HC में 28 जून से भौतिक रूप से शुरू होगी सुनवाई, वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों को ही मिलेगी एंट्री - Rajasthan High Court News

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ और जयपुर पीठ में 28 जून से भौतिक रूप से सुनवाई शुरू की जाएगी. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालना किया जाएगा. लेकिन अदालतों में उन्हीं को एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jun 25, 2021, 3:22 AM IST

Updated : Jun 25, 2021, 9:04 PM IST

जोधपुर. राजस्थान में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए लंबे समय से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ और जयपुर पीठ में पिछले ढाई महीने से केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई हो रही थी. लेकिन अब एक बार फिर 28 जून से भौतिक रूप से सुनवाई शुरू की जाएगी. लेकिन अदालतों में उन वकीलों या अन्य व्यक्तियों को ही एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए हों और वे इसके बाद की 14 दिन की अवधि पूरी कर चुके हों.

पढ़ें- डिस्ट्रिक्ट प्रोगाम कोऑर्डिनेटर पद के आवेदन के लिए पात्र हैं बीडीएस व एमबीए डिग्रीधारक: राजस्थान हाईकोर्ट

जारी निर्देश में बताया है कि जो वकील या अन्य लोग मेडिकल कारणों से वैक्सीन के डोज नहीं लगवा पाए हों, उन्हें कोर्ट परिसर में एंट्री को लेकर छूट रहेगी. राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के साथ न्यायालय में भौतिक और वर्चुअल माध्यम से सुनवाई शुरू कर दी जाएगी. कोरोना के सभी उपचारों का उपयोग करते हुए भौतिक सुनवाई शुरू की जा रही है. 28 जून से जहां न्यायालय के समय का बदलाव हो जाएगा, वहीं भौतिक सुनवाई भी होगी.

अब न्यायालय का समय सवेरे 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक का होगा. न्यायालय में उन्हीं अधिवक्ताओं और लिपिक को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास कोविड-19 का टीकाकरण प्रमाण पत्र होगा. न्यायालय में जाने के लिए टीकाकरण का प्रमाण पत्र होना आवश्यक कर दिया गया है.

वकील संगठनों ने किया विरोध

हाईकोर्ट प्रशासन की इस गाइडलाइन का बीसीआर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर, दी बार एसोसिएशन जयपुर सहित अन्य वकील संगठनों ने विरोध किया है. वकीलों का कहना है कि जब 18 से ज्यादा आयु वर्ग वालों का वैक्सीनेशन ही 1 मई से शुरू हुआ था तो उन्हें दोनों डोज लगने की अवधि अगस्त महीने तक पूरी होती है. ऐसे में हाईकोर्ट प्रशासन का दोनों डोज लगवाने वालों को ही एंट्री देने का निर्णय अव्यवहारिक है.

हर पक्षकारों की एंट्री नहीं होगी

हाईकोर्ट प्रशासन ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि हाईकोर्ट में पक्षकारों की एंट्री नहीं होगी और अदालत की ओर से बुलाए गए पक्षकार ही प्रवेश कर सकेंगे. उन्हें भी प्रवेश से पहले कोर्ट का आदेश व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा. हाईकोर्ट की वेबसाइट पर वकीलों, पक्षकारों व मुंशियों को अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा. इसके बाद हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से उनका सत्यापन करने के बाद संबंधित वकील व मुंशी को ऑनलाइन ऑथराइजेशन कार्ड व एसएमएस भेजा जाएगा. जिसे एंट्री गेट पर दिखाना होगा.

जोधपुर. राजस्थान में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए लंबे समय से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ और जयपुर पीठ में पिछले ढाई महीने से केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई हो रही थी. लेकिन अब एक बार फिर 28 जून से भौतिक रूप से सुनवाई शुरू की जाएगी. लेकिन अदालतों में उन वकीलों या अन्य व्यक्तियों को ही एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए हों और वे इसके बाद की 14 दिन की अवधि पूरी कर चुके हों.

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जारी निर्देश में बताया है कि जो वकील या अन्य लोग मेडिकल कारणों से वैक्सीन के डोज नहीं लगवा पाए हों, उन्हें कोर्ट परिसर में एंट्री को लेकर छूट रहेगी. राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के साथ न्यायालय में भौतिक और वर्चुअल माध्यम से सुनवाई शुरू कर दी जाएगी. कोरोना के सभी उपचारों का उपयोग करते हुए भौतिक सुनवाई शुरू की जा रही है. 28 जून से जहां न्यायालय के समय का बदलाव हो जाएगा, वहीं भौतिक सुनवाई भी होगी.

अब न्यायालय का समय सवेरे 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक का होगा. न्यायालय में उन्हीं अधिवक्ताओं और लिपिक को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास कोविड-19 का टीकाकरण प्रमाण पत्र होगा. न्यायालय में जाने के लिए टीकाकरण का प्रमाण पत्र होना आवश्यक कर दिया गया है.

वकील संगठनों ने किया विरोध

हाईकोर्ट प्रशासन की इस गाइडलाइन का बीसीआर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर, दी बार एसोसिएशन जयपुर सहित अन्य वकील संगठनों ने विरोध किया है. वकीलों का कहना है कि जब 18 से ज्यादा आयु वर्ग वालों का वैक्सीनेशन ही 1 मई से शुरू हुआ था तो उन्हें दोनों डोज लगने की अवधि अगस्त महीने तक पूरी होती है. ऐसे में हाईकोर्ट प्रशासन का दोनों डोज लगवाने वालों को ही एंट्री देने का निर्णय अव्यवहारिक है.

हर पक्षकारों की एंट्री नहीं होगी

हाईकोर्ट प्रशासन ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि हाईकोर्ट में पक्षकारों की एंट्री नहीं होगी और अदालत की ओर से बुलाए गए पक्षकार ही प्रवेश कर सकेंगे. उन्हें भी प्रवेश से पहले कोर्ट का आदेश व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा. हाईकोर्ट की वेबसाइट पर वकीलों, पक्षकारों व मुंशियों को अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा. इसके बाद हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से उनका सत्यापन करने के बाद संबंधित वकील व मुंशी को ऑनलाइन ऑथराइजेशन कार्ड व एसएमएस भेजा जाएगा. जिसे एंट्री गेट पर दिखाना होगा.

Last Updated : Jun 25, 2021, 9:04 PM IST
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