जोधपुर. शहर में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनसुंधान केंद्र काजरी को एक बार फिर देश में लगातार तीसरे साल कृषि के क्षेत्र में नवचार विकसित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से पुरष्कार दिए गए हैं. जोधपुर काजरी के निदेशक डॉ.ओपी यादव ने बताया कि काजरी के वैज्ञानिकों की लगन का ही यह परिणाम है. जिसके चलते हमारा संस्थान लगातार शीर्ष पर रहा है.
उन्होंने बताया कि आईसीएआर के फाउंडेशन डे पर तीन पुरस्कार मिले हैं. पहला पुरस्कार 'वसंतराव नाईक इंटीग्रेटेड रिफार्मिंग सिस्टम पुरस्कार'जो कि सूखे क्षेत्रों में खेती के प्रचार व प्रसार के कार्यों के लिए मिला है. इसमें काजरी को धान व चारा के अलावा पूरे साल किसानों को जिविकापार्जन के लिए संसाधन विकसित करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
इसके अलावा दूसरा पुरस्कार फखरूदीन अली अहमद जनजाति क्षेत्र में कृषि कार्यों के लिए मिला है. यह पुरस्कार काजरी के लदृाख स्थित केंद्र के कार्यों पर मिला है. जिसमें यह बताया जाता है कि जनजाति क्षेत्र में किस तरह से नई फसलें विकसित की जा सकती है. तीसरा पुरस्कार बेस्ट कृषि विज्ञान केंद्र के लिए काजरी के पाली स्थित कृषि विज्ञान केंद्र को मिला है.
जिसमें खास तौर से पूरे साल पशुधन के लिए किस क्रम में हरे चारे के उत्पादन की प्रक्रिया विकसित करने के लिए मिला है. डॉ. यादव ने बताया कि कोराना के चलते यह पुरस्कार ऑनलाइन आयोजित वर्चुल कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जारी किए हैं.
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गौरतलब है कि जोधपुर स्थित काजरी शुष्क क्षेत्रों में कृषि के नवाचार पर काम बरसों से कर रहा है. पश्चिमी राजस्थान के सूखे क्षेत्र के साथ-साथ शीत क्षेत्र लदृाख के शुष्क क्षेत्र में कृषि कार्यों के विकास का जिम्मा काजरी के पास है. काजरी के वैज्ञानिकों ने दोनों क्षेत्रों की परस्थितियों के आधार पर काम कर नवाचार विकसित कर रहे हैं.