जोधपुर. केंद्रीय कारागृह में बुधवार रात को हुई तलाशी के दौरान मिले मोबाइल फोन के जखीरे के मामले में स्पष्ट रूप से मिलीभगत का खेल सामने आने लगा है. जेल प्रशासन ने ही जेल के एक ठेकेदार व तीन स्टोर के प्रभारियों के खिलाफ रातानाडा थाने में मामला दर्ज करवाया है.
जेल अधीक्षक के मार्फ़त के प्रहरी ओमप्रकाश द्वारा रिपोर्ट दी गई है, जिसमें बताया गया है कि जेल के स्टोर में निषिद्ध वस्तु यानी कि मोबाइल वगैरह सीसीटीवी फुटेज में नजर आए हैं. यह सामान जेल तक पहुंचाने में ठेकेदार बाबूलाल व स्टोर के प्रभारी श्यामसुंदर सत्यनारायण व लक्ष्मण सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया गया है.
जोधपुर डीसीपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि इस प्रकरण में जिन 4 लोगों के नाम सामने आए हैं, वह सीसीटीवी फुटेज में निषद वस्तुओं के साथ नजर आए थे. अब इस पूरे मामले की पूरी पड़ताल की जा रही है. नामजद हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी. जेल में बुधवार रात को तलाशी के दौरान मिले 17 मोबाइल की संख्या और अधिक होने के बाद के सवाल पर डीसीपी यादव ने कहा कि यह अनुसंधान का विषय है, हम इसकी पड़ताल कर रहे हैं.
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इधर जोधपुर जेल के जेलर जगदीश पूनिया जो बीते 3 दिनों से अवकाश पर बताए जा रहे हैं, उन्हें मौखिक आदेश से अजमेर प्रशिक्षण केंद्र भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि पूनिया की भी इस प्रकरण में भूमिका है.
अब जेल प्रशासन बैकफुट पर
बुधवार रात को जोधपुर केंद्रीय कारागृह के प्रबंधन ने अचानक सर्च अभियान शुरू कर बड़ी संख्या में मोबाइल एकत्र करने से पुलिस वालों ने एजेंसियां बैकफुट पर आ गई थी, क्योंकि बीते 2 माह से इन एजेंटों को जेल में कुछ नहीं मिल रहा था. लेकिन बुधवार को ही जेल के सीसीटीवी कैमरे जो अभय कमांड से जुड़े हैं, उनमें पुलिस को कुछ आपत्तिजनक चीजें नजर आई, तो पुलिस रात को ही जेल पहुंची. जिसके चलते 17 मोबाइल की बरामदगी दिखाई गई. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर पुलिस रात को नहीं पहुंचती संभव है. जेल में मिलीभगत करने वाले लोग मोबाइल को खुर्द बुर्द कर देते यह भी कहा जा रहा है कि इनकी संख्या भी अधिक थी.