जयपुर: नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन में भर्ती के लिए कम्प्यूटराइज्ड परीक्षा में विभिन्न कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के जरिए नकल करवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस और एटीएस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से आठ आरोपियों को जयपुर पुलिस ने और छह आरोपियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है. हालांकि, नकल गिरोह के दो सरगना फरार हो गए. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. प्रारंभिक जांच में इस गिरोह द्वारा रेलवे सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी नकल करवाने के सबूत मिले हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने इस पूरे मामले की जांच के लिए जयपुर (पश्चिम) एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है.
संदिग्धों की सूचना मिलने पर किया ट्रैस: कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि रविवार को नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन में भर्ती के लिए कम्प्यूटराइज्ड परीक्षा का आयोजन हुआ था. वैशाली नगर थानाधिकारी रविंद्र सिंह नरूका को जानकारी मिली कि परमजीत और जोगेंद्र व उनके साथी नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की एग्री ट्रैनी भर्ती परीक्षा में नकल गिरोह के रूप में सक्रिय हैं. उन्होंने संदिग्धों को तकनीकी रूप से ट्रैस करना शुरू किया. इस गैंग में अन्य बदमाशों के सक्रिय होने की जानकारी मिलने पर चित्रकूट थानाधिकारी जहीर अब्बास ने नितेश जाखड़ और सुमित चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इनसे पूछताछ में अन्य लोगों के नाम सामने आए.
संदिग्धों से पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे: संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि शास्त्री नगर में संदीप एसजेएम कंप्यूटर कॉलेज चलाता है. पुलिस ने एसजेएम कंप्यूटर कॉलेज से संदीप, बलबीर और कश्मीर को पकड़ा और उनके कब्जे से 168500 रुपए नकद, छह एडमिट कार्ड, सात हस्ताक्षरशुदा खाली चेक, तीन लैपटॉप, वाई-फाई राउटर, एक प्रिंटर-स्कैनर सहित अन्य उपकरण जब्त किए हैं. संदीप, बलवीर और कश्मीर से पूछताछ में इस पूरे गिरोह के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
इन आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार: जयपुर (पश्चिम) डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की भर्ती में नकल के मामले में मनीष कुमार, खुशीराम, नवीन सारण, अंकित कुमार अभ्यर्थियों के कंप्यूटर को अवैध रूप से रिमोट एक्सेस पर लेकर नकल करवा रहे थे. इस मामले में संदीप कुमार, बलबीर, कश्मीर झाझड़िया, नितेश कुमार, सुमित सिंह, जोरावर सिंह मीणा, मनीष कुमार, खुशीराम, नवीन सारण, अंकित कुमार, प्रवीण यादव, मुकेश कुमार मीणा, टिंकू चौधरी उर्फ गुरुजी और रूपम पचार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
परीक्षा केंद्रों के संचालक भी शामिल: प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि संदीप, परमजीत, जोगेंद्र, हैरिटेज वायुना सी.सै. स्कूल, खातीपुरा का संचालक प्रवीण, वैदिक कन्या स्कूल में कंप्यूटर लैब संचालक नंदू ठेकेदार, आईटी इंफ्रा के कंप्यूटर लैब संचालक दिलखुश व गणपति ठेकेदार, द लॉरेन्स स्कूल मानसरोवर के कंप्यूटर लैब संचालक व कॉन्ट्रैक्टर प्रदीप, संदीप उर्फ सैंडी के साथ मिलकर संगठित रूप से परीक्षाओं में नकल करवाने और पेपर सॉल्व करवाने का काम करते हैं.
हर अभ्यर्थी से लिए 50 हजार रुपए एडवांस: पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि नकल करवाने वाले गिरोह से जुड़े बदमाशों ने कई अभ्यर्थियों जोरावर सिंह, रूपम पचार, मनीष सैनी, दीपक ख्यालिया को MEID सॉफ्टवेयर व डिजिटल उपकरणों के जरिए कंप्यूटर सेंटर संचालकों के साथ मिलकर पेपर हल करवाए. इस काम के लिए उन्होंने हर अभ्यर्थी से 50-50 हजार रुपए एडवांस लिए हैं.
रेलवे की परीक्षा में सीकर के सेंटर पर करवाई नकल: आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि दिसंबर 2024 में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा आयोजित तकनीकी परीक्षा में सीकर के एक सेंटर पर कई अभ्यर्थियों को इसी तरह पेपर हल करवाया गया था. उन्होंने बताया कि एटीएस के उपाधीक्षक नरेंद्र दायमा ने एग्री ट्रेनी भर्ती परीक्षा के मामले में परीक्षा केंद्र हैरिटेज वायुना स्कूल पर कार्रवाई की है. उन्होंने मौके से चार संदिग्ध सीपीयू, दो यूनिट सीपीयू, एक डीवीआर, एक एनवीआर और दो यूनिट लैपटॉप जब्त किए हैं.
इन सॉफ्टवेयर की मदद से करते थे खेल: संदीप ने पुलिस को बताया कि उसने 2022 में शास्त्री नगर में एसजेएम कॉलेज खोला. जहां ऑनलाइन एग्जाम सेंटर लिया. वह नंदू और परमजीत से 2024 में संपर्क में आया. बैंक प्रमोशन की परीक्षा में दो अभ्यर्थियों को पास करवाने के लिए उन्होंने संपर्क किया था. लेकिन वह परीक्षा नोटबुक पर हुई थी. जांच में सामने आया कि नोटबुक पर TEAM VIEWER और AMMYY ADMIN जैसे एप काम नहीं करते हैं. जबकि Windows पर होने वाली परीक्षा में ये सॉफ्टवेयर काम कर जाते हैं. इससे नकल आसन हो जाती है. रेलवे और आरपीएफ के प्रमोशन टेस्ट में भी नकल करवाने की साजिश के सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं.