नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के इस साल कई नियम बदलने की संभावना है.नए नियमों का मुख्य उद्देश्य पीएफ खाता धारकों को ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराना है. नए उपाय प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकते हैं, सहज अनुभव बढ़ा सकते हैं और कर्मचारियों और कर्मचारियों दोनों के लिए पारदर्शिता में सुधार कर सकते हैं.
ईपीएफओ के द्वारा किए गए नियमों में परिवर्तन से न सिर्फ प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी फायदा होगा. इन बदलावों में ईपीएफ अकाउंटहोल्डर्स को एटीएम कार्ड जारी करना, कागजी कार्रवाई में कमी, पीएफ योगदान तक त्वरित पहुंच और ईपीएफ अकाउंट में कॉन्ट्रिब्यूशन सीमा समाप्त करना है.
पीएफ अकाउंट में कितना पैसा जमा होता है?
भारत में प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों का पीएफ अकाउंट है. पीएफ खाते में कर्मचारियों की सैलरी का 12 प्रतिशत हिस्सा जमा होता है.इतना ही योगदान कंपनी यानी नियोक्ता द्वारा भी किया जाता है. पीएफ अकाउंट ईपीएफओ संचालित करता है.
EPFO 3.0 लॉन्च
हाल ही में EPFO 3.0 लॉन्च हुआ है. इसके तहत पीएफ अकाउंटहोल्डर को डेबिट कार्ड की तरह ही कार्ड दिया जाएगा, जिससे वह अपने पीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकता है. इसके लिए ईपीएफओ ने तैयारी भी शुरू कर दी है. जनवरी के आखिरी तक इस योजना का पहला चरण पूरा होने की उम्मीद है.
क्या पुरानी पुरानी कंपनियों का पैसा निकाल पाएंगे कर्मचारी?
हालांकि, क्या EPFO 3.0 से पुराने संस्थानों का पीएफ भी निकल जाएगा, यह सवाल अभी भी बना हुआ. बता दें कि EPFO 3.0 में मिलने वाले एटीम कार्ड के इस्तेमाल से कर्मचारी अपनी पुरानी कंपनियों के पैसे भी निकाल सकेंगे. इसके लिए प्रक्रिया क्या होगी फिलहाल इसे लेकर पूरी जानकारी सामने नहीं आई है.
फिलहाल पुरानी कंपनियों को वर्तमान पीएफ अकाउंट में मर्ज करने का ऑप्शन मिलता है.जहां आपका पूरा अमाउंट एक में ट्रांसफर हो जाता है.गौरतलब है कि EPFO 3.0 योजना के लागू होने के बाद पीएफ अकाउंट को किसी भी बैंक अकाउंट की तरह ही ऑपरेट किया जा सकेगा. इसमें आप आसानी से ही अपने पैसों निकाल सकेंगे.