जोधपुर. टिड्डी प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जोधपुर में ही गृहमंत्री अमित शाह से जल्द से जल्द राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से फण्ड जारी करने की मांग की थी. क्योंकि वो इस कोष के चैयरमेन हैं.
गहलोत ने यह भी कहा था, कि अकाल सूखा राहत के तहत ही टिड्डी से फसल की खराबी आती है. लिहाजा इसकी राहत केंद्र सरकार को देनी है और इसके लिए हमने ज्ञापन भेज दिया है, लेकिन जोधपुर जिले के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते समय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने टिड्डी प्रभावित किसानों को राहत देने की गेंद अब राज्य सरकार के पाले में डाल दी है.
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शेखावत ने कहा है, कि राज्य सरकार ने प्रक्रिया शुरू की है, उसमें जल्दी करनी चाहिए. यह राहत राज्य आपदा राहत कोष से देनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि राज्य आपदा राहत कोष में वर्तमान में करीब 1250 करोड़ रुपए हैं. ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द राहत देने का काम शुरू करना चाहिए. शेखावत ने यह भी कहा, कि राज्यों के आपदा राहत कोष को केंद्रीय सरकार साल में दो बार भरती है. इसके तहत राहत में खर्च की राशि का 75 प्रतिशत केंद्र राज्यों को देता है. लिहाजा राज्य सरकार को राहत देकर केन्द्र को जल्द रिपोर्ट भेजनी चाहिए.
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शेखावत ने लूनी क्षेत्र के किसानों के खेतों में जाकर हालात का जायजा लिया. इस दौरान एक महिला ने बताया, कि हमने कितने कनस्तर और थालियां बजा-बजा कर तोड़ दिए, टायर भी जलाए लेकिन टिड्डी उड़ी नहीं. सब कुछ खत्म करके ही उड़ी. शेखावत के साथ लूनी के पूर्व विधायक जोगाराम पटेल सहित अन्य जनप्रतिधि थे. शेखावत ने किसानों को जल्द राहत मिलने का आश्वासन दिया.
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इस बार टिड्डी का हमला खरीफ से रबी की फसल तक जारी है. इससे किसान की परेशानी बढ़ गई है. वर्तमान में जिले में हजारों हेक्टेयर में जीरे की फसल को टिड्डी के हमले से बड़ा नुकसान हुआ है.