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पुष्कर के पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, धर्मराज की पूजा के लिए उमड़े लोग - MAKAR SANKRANTI 2025

मकर संक्रांति पर तीर्थराज पुष्कर में पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई.

मकर संक्रांति
मकर संक्रांति (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2025, 2:11 PM IST

Updated : Jan 14, 2025, 2:17 PM IST

अजमेर : मकर संक्रांति पर तीर्थ में स्नान करने, हवन पूजन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. यही वजह है कि तीर्थराज पुष्कर में सुबह से ही तीर्थ यात्रियों का सरोवर के 52 घाटों पर आना जाना लगा हुआ है. तीर्थ यात्री सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पुष्कर राज की पूजा अर्चना कर श्रद्धा के अनुसार दान पुण्य कर रहे हैं. वहीं, पुष्कर के वराह मंदिर में स्थित धर्मराज की पूजा अर्चना करने के लिए भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

उत्तरांचल घाट पर तीर्थ पुरोहित पंडित सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति पर भगवान सूर्यनारायण उत्तरायण में आ जाते हैं. इसके साथ ही सभी मांगलिक कार्य आज से आरंभ होंगे. मलमास के कारण सभी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. पंडित शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन किसी भी नदी तालाब या तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान करना चाहिए. जो लोग तीर्थ पर स्नान करने के लिए नहीं जा सकते हैं वह घर पर ही सभी तीर्थ को याद करके स्नान करें. इसके बाद भगवान की पूजा अर्चना करके असहाय लोगों को श्रद्धा और क्षमता के अनुसार दान करें. मकर संक्रांति के दिन अपने पितरों के निमित्त जल दर्पण, श्रद्धा और पिंडदान करने से विशेष फल प्राप्त होता है. इससे पितृ प्रसन्न होकर अपने परिवारजन को दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

पढ़ें. मकर संक्रांति पर दान पुण्य का दौर जारी, मंदिरों में सजी विशेष झांकी, रंग-बिरंगी पतंगों से पटा आसमान

मकर संक्रांति पर तीर्थ नगरी पुष्कर में तीर्थ स्नान, धार्मिक अनुष्ठान और दान पुण्य का दौर जारी है. मकर संक्रांति से मलमास खत्म हो गया है और मांगलिक कार्य भी आरंभ हो गए हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर पुण्य लाभ कमाने के लिए बड़ी संख्या में लोग तीर्थ में स्नान के लिए पहुंचे हैं. सुबह से ही पुष्कर के पवित्र 52 घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. सरोवर में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही तीर्थ पुरोहितों के सानिध्य में तीर्थ यात्री सरोवर की पूजा अर्चना करने के साथ ही अपने पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान भी कर रहे हैं. इसके बाद जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने के उपरांत तीर्थ यात्री श्रद्धा के अनुसार दान पुण्य कर रहे हैं.

धर्मराज की पूजा के लिए भी उमड़े श्रद्धालू
धर्मराज की पूजा के लिए भी उमड़े श्रद्धालू (ETV Bharat Ajmer)

धर्मराज का पूजन करने के लिए लगा श्रद्धालुओं का तांता : मकर संक्रांति के दिन तीर्थ नगरी पुष्कर में स्थित इमली मोहल्ला में 950 बरस पुराने प्राचीन वराह मंदिर में मौजूद धर्मराज की प्रतिमा की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. धर्मराज जी को पगड़ी बनाने के साथ-साथ लोग उन्हें एक कटोरी राई अर्पित कर रहे हैं. इसके अलावा लोग श्रद्धा के अनुसार जरूरत की चीज भी धर्मराज को अर्पित कर रहे हैं. बुजुर्ग महिलाएं आने वाले श्रद्धालुओं को धर्मराज की कहानी सुना रही हैं. वहीं, कई श्रद्धालु व्रत का संकल्प ले रहे हैं तो कई श्रद्धालु व्रत पूर्ण होने पर उजमना भी कर रहे हैं. पंडित आशीष पाराशर ने बताया कि मान्यता है कि धर्मराज के व्रत करने और उन्हें एक कटोरी राई अर्पित करने से पाप कट जाते हैं.

अजमेर : मकर संक्रांति पर तीर्थ में स्नान करने, हवन पूजन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. यही वजह है कि तीर्थराज पुष्कर में सुबह से ही तीर्थ यात्रियों का सरोवर के 52 घाटों पर आना जाना लगा हुआ है. तीर्थ यात्री सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पुष्कर राज की पूजा अर्चना कर श्रद्धा के अनुसार दान पुण्य कर रहे हैं. वहीं, पुष्कर के वराह मंदिर में स्थित धर्मराज की पूजा अर्चना करने के लिए भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

उत्तरांचल घाट पर तीर्थ पुरोहित पंडित सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति पर भगवान सूर्यनारायण उत्तरायण में आ जाते हैं. इसके साथ ही सभी मांगलिक कार्य आज से आरंभ होंगे. मलमास के कारण सभी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. पंडित शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन किसी भी नदी तालाब या तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान करना चाहिए. जो लोग तीर्थ पर स्नान करने के लिए नहीं जा सकते हैं वह घर पर ही सभी तीर्थ को याद करके स्नान करें. इसके बाद भगवान की पूजा अर्चना करके असहाय लोगों को श्रद्धा और क्षमता के अनुसार दान करें. मकर संक्रांति के दिन अपने पितरों के निमित्त जल दर्पण, श्रद्धा और पिंडदान करने से विशेष फल प्राप्त होता है. इससे पितृ प्रसन्न होकर अपने परिवारजन को दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

पढ़ें. मकर संक्रांति पर दान पुण्य का दौर जारी, मंदिरों में सजी विशेष झांकी, रंग-बिरंगी पतंगों से पटा आसमान

मकर संक्रांति पर तीर्थ नगरी पुष्कर में तीर्थ स्नान, धार्मिक अनुष्ठान और दान पुण्य का दौर जारी है. मकर संक्रांति से मलमास खत्म हो गया है और मांगलिक कार्य भी आरंभ हो गए हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर पुण्य लाभ कमाने के लिए बड़ी संख्या में लोग तीर्थ में स्नान के लिए पहुंचे हैं. सुबह से ही पुष्कर के पवित्र 52 घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. सरोवर में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही तीर्थ पुरोहितों के सानिध्य में तीर्थ यात्री सरोवर की पूजा अर्चना करने के साथ ही अपने पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान भी कर रहे हैं. इसके बाद जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने के उपरांत तीर्थ यात्री श्रद्धा के अनुसार दान पुण्य कर रहे हैं.

धर्मराज की पूजा के लिए भी उमड़े श्रद्धालू
धर्मराज की पूजा के लिए भी उमड़े श्रद्धालू (ETV Bharat Ajmer)

धर्मराज का पूजन करने के लिए लगा श्रद्धालुओं का तांता : मकर संक्रांति के दिन तीर्थ नगरी पुष्कर में स्थित इमली मोहल्ला में 950 बरस पुराने प्राचीन वराह मंदिर में मौजूद धर्मराज की प्रतिमा की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. धर्मराज जी को पगड़ी बनाने के साथ-साथ लोग उन्हें एक कटोरी राई अर्पित कर रहे हैं. इसके अलावा लोग श्रद्धा के अनुसार जरूरत की चीज भी धर्मराज को अर्पित कर रहे हैं. बुजुर्ग महिलाएं आने वाले श्रद्धालुओं को धर्मराज की कहानी सुना रही हैं. वहीं, कई श्रद्धालु व्रत का संकल्प ले रहे हैं तो कई श्रद्धालु व्रत पूर्ण होने पर उजमना भी कर रहे हैं. पंडित आशीष पाराशर ने बताया कि मान्यता है कि धर्मराज के व्रत करने और उन्हें एक कटोरी राई अर्पित करने से पाप कट जाते हैं.

Last Updated : Jan 14, 2025, 2:17 PM IST
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