जोधपुर. शहर में अनलॉक के साथ ही एक जून से कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. 1 जून से 1 जुलाई तक जोधपुर शहर में 1319 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. वहीं 36 लोगों की मौत भी कोरोना के चलते हुई है. हर दिन बढ़ते संक्रमण के बीच जिला प्रशासन ने भी आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) की नई गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे कई क्षेत्र चिन्हित किए हैं, जिनमें लोगों की कोरोना जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी.
जांच नहीं करवाने पर होगी कार्रवाई
अगर कोई व्यक्ति जो गाइडलाइन के दायरे में आता है और जांच नहीं करवाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. जोधपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि आईसीएमआर की नई गाइड लाइन में ऐसे कार्यक्षेत्र के लोगों को भी शामिल किया गया है जो ज्यादा लोगों के कॉन्टैक्ट में आते हैं. जैसे सभी तरह के दुकानदार, अस्पताल कर्मचारी, सरकारी सेवा के ऐसे कर्मचारी जिनका सीधा जनता से संपर्क होता है, जिनके संक्रमण होने की आशंका अधिक रहती है. उनकी जांच करवाने का प्रावधान तय किया गया है. इसके अलावा ऐसे लोग जिनमें लक्षण मौजूद है साथ ही जो पॉजिटिव के कॉन्टैक्ट में आए हैं, उनकी भी जांच करने के लिए कहा गया है.
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जिला कलेक्टर ने कहा कि जो लोग जांच नहीं करवाएंगे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का प्रावधान है. राजस्थान में सबसे ज्यादा टेस्टिंग जोधपुर जिले में हुई है. जोधपुर में अब तक 142160 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मामले में जोधपुर दूसरे नंबर पर हैं.
क्या है धारा 188
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति सरकारी आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इसके अंतर्गत एक महीने की कैद और 1000 रुपए के जुर्माने तक का प्रावधान हैं.