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हाईकोर्ट: मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में अनुमति से अधिक ऊंची बनाई जा रही है इमारत, रीको को 8 जुलाई तक जवाब पेश करने के आदेश - Illegal construction in multistory building

मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में अनुमति से 5 फ्लोर ज्यादा बनाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में रीको की ओर से काउंटर जवाब पेश नहीं किया गया. रीको ने रिजॉइंडर का काउंटर जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत देने के लिए आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने महज एक सप्ताह का ही समय दिया है.

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रीको को 8 जुलाई तक जवाब पेश करने के आदेश
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Published : Jul 2, 2020, 10:47 PM IST

जोधपुर. मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में अनुमति से पांच फ्लोर ज्यादा बनाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में रीको की ओर से काउंटर जवाब पेश नहीं किया गया. रीको ने रिजॉइंडर का काउंटर जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत देने के लिए आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने महज एक सप्ताह का ही समय दिया है.

पढ़ें: भंवरी देवी हत्याकांडः सह आरोपी परसराम विश्नोई की अंतरिम जमानत याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने 8 जुलाई को अगली सुनवाई से पहले जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता रविंद्र शर्मा की ओर से दायर एक याचिका में काजरी के पास उम्मेद हाइट्स के नाम से मल्टीस्टोरी कॉमर्शियल बिल्डिंग में अनुमति से ज्यादा फ्लोर बनाने को चुनौती दी गई थी. निर्माण के लिए आठ फ्लोर तक ही अनुमति दी गई थी, लेकिन मौके पर तेरह फ्लोर तक अवैध रूप से निर्माण करा दिया गया. जेडीए और सरकार की तरफ से जवाब पेश किया गया. इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से भी रिजॉइंडर पेश किया गया था. रीको की ओर से अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने काउंटर जवाब पेश करने के लिए मोहलत मांगी जिस पर कोर्ट ने 08 जुलाई तक का समय दिया है.

खसरे में बजरी खनन पर हाईकोर्ट की रोक

पाली जिले के रायपुर गांव में एक खसरे में की जा रही बजरी के खनन पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाते हुए रेस्पोडेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संगीत लोढ़ा और रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता माणकराम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बजरी खनन पर अंतरिम रोक लगाई है.

पढ़ें: सीकर: शराब ठेके से 2.50 लाख रुपए की लूट के 2 आरोपियों को कोर्ट ने रिमांड पर भेजा

याचिका में बताया गया कि रायपुर गांव का खसरा संख्या 1282 का मूल रूप से राजस्व रिकॉर्ड में नदी-नाले की भूमि के रूप में दर्ज था. इसी खसरे के एक भाग को 1282/5 के नाम से एक व्यक्ति के पक्ष में निजी खातेदारी के रूप में दर्ज कर लिया गया. उसी खसरे पर खान विभाग ने गत 5 फरवरी 2020 को बजरी खनन के लिए लीज स्वीकृत कर दी.

जब यह मामला तहसीलदार के ध्यान में आया तो उसने इस संबंध में कलेक्टर को रेफरेंस पेश किया और कहा, कि नदी-नाले की जमीन पर किसी को भी खातेदारी अधिकार दिए जाने का प्रावधान नहीं है. माइनिंग इंजीनियर ने भी इस संबंध में लीजधारक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता ने बताया इन सबके बावजूद मौके पर खनन कार्य जारी है. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए रेस्पोडेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है साथ ही अगले आदेश तक संबंधित खसरे से बजरी खनन पर रोक लगा दी है.

जोधपुर. मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में अनुमति से पांच फ्लोर ज्यादा बनाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में रीको की ओर से काउंटर जवाब पेश नहीं किया गया. रीको ने रिजॉइंडर का काउंटर जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत देने के लिए आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने महज एक सप्ताह का ही समय दिया है.

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हाईकोर्ट ने 8 जुलाई को अगली सुनवाई से पहले जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता रविंद्र शर्मा की ओर से दायर एक याचिका में काजरी के पास उम्मेद हाइट्स के नाम से मल्टीस्टोरी कॉमर्शियल बिल्डिंग में अनुमति से ज्यादा फ्लोर बनाने को चुनौती दी गई थी. निर्माण के लिए आठ फ्लोर तक ही अनुमति दी गई थी, लेकिन मौके पर तेरह फ्लोर तक अवैध रूप से निर्माण करा दिया गया. जेडीए और सरकार की तरफ से जवाब पेश किया गया. इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से भी रिजॉइंडर पेश किया गया था. रीको की ओर से अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने काउंटर जवाब पेश करने के लिए मोहलत मांगी जिस पर कोर्ट ने 08 जुलाई तक का समय दिया है.

खसरे में बजरी खनन पर हाईकोर्ट की रोक

पाली जिले के रायपुर गांव में एक खसरे में की जा रही बजरी के खनन पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाते हुए रेस्पोडेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संगीत लोढ़ा और रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता माणकराम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बजरी खनन पर अंतरिम रोक लगाई है.

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याचिका में बताया गया कि रायपुर गांव का खसरा संख्या 1282 का मूल रूप से राजस्व रिकॉर्ड में नदी-नाले की भूमि के रूप में दर्ज था. इसी खसरे के एक भाग को 1282/5 के नाम से एक व्यक्ति के पक्ष में निजी खातेदारी के रूप में दर्ज कर लिया गया. उसी खसरे पर खान विभाग ने गत 5 फरवरी 2020 को बजरी खनन के लिए लीज स्वीकृत कर दी.

जब यह मामला तहसीलदार के ध्यान में आया तो उसने इस संबंध में कलेक्टर को रेफरेंस पेश किया और कहा, कि नदी-नाले की जमीन पर किसी को भी खातेदारी अधिकार दिए जाने का प्रावधान नहीं है. माइनिंग इंजीनियर ने भी इस संबंध में लीजधारक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता ने बताया इन सबके बावजूद मौके पर खनन कार्य जारी है. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए रेस्पोडेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है साथ ही अगले आदेश तक संबंधित खसरे से बजरी खनन पर रोक लगा दी है.

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