जोधपुर. करीब एक महीने से शहर में चर्चा का विषय बना सेंट्रल एकडमी की नाबालिग छात्रा को सहपाठी छात्र की ओर से लेटर लिखकर दोस्ती नहीं करने पर तेजाब से जलाने की धमकी देने और उसके साथ दुर्व्यवहार करने के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस के खुलासे में पता चला है कि एक महीने में छात्रा ने ही खुद को 50 लेटर लिखे (girl student wrote fifty threat letter) थे.
पुलिस ने बताया कि छात्रा खुद ही अपने आप को लेटर लिखा करती थी. इसकी वजह भी रोचक है क्योंकि आरोपी छात्रा से अपने पिता कहने पर छात्र से दोस्ती तोड़ चुकी थी. उसे व्हाट्सएप पर भी ब्लॉक कर दिया था. लेकिन उस छात्र का क्लास के अन्य छात्र-छात्राओं से बढ़ता हुआ मेलजोल उसे रास नहीं आ रहा था. उसे लगा कि वह सबको उसके बारे में गलत बता रहा है. जिसके चलते छात्रा खुद को अपमानित महसूस करने लगी. तब उसने तय किया कि वह उसे मजा चखाएगी, जिसके बाद उसने खुद को ही अपने दोस्त के नाम से लेटर लिखने लगी थी. एक महीने में छात्रा ने करीब 50 लेटर लिखे. मामला दर्ज होने के बाद भी छात्रा ने खुद को लेटर लिखने का सिलसिला जारी रखा, जिससे पुलिस भी परेशान हुई.
पुलिस ने इस मामले में सहपाठी छात्र और एक अन्य को गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन लेटर का सिलसिला नहीं रूका. इसके बाद पुलिस ने भी अपनी पड़ताल जारी रखी. आखिरकार छात्रा की राइटिंग और उस पर पुख्ता मॉनिटरिंग से पुलिस सच निकालने में कामयाब रही. परिजनों के सामने छात्रा से पूछताछ की तो छात्रा ने सब कबूल लिया. अब पुलिस छात्रा को न्यायालय में पेश कर गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध परिवाद निरस्त करने की कार्रवाई करेगी. ज्ञात रहे मामला पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुआ था. अगर पुलिस गहनता से पड़ताल नहीं करती तो दोनों युवकों को जेल में अपनी जवानी बितानी पड़ती.
बारिकी से अनुसंधान: बता दें, पांच सितंबर को सेंट्रल एकेडमी की 12वीं कक्षा की छात्रा की रिपोर्ट पर मामला दर्ज हुआ था. छात्रा ने अपने बयान में सहपाठी पर आरोप लगाए थे. इसके कुछ दिनों बाद ही मेहुल का एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हुआ, जिसमें उसने खुद को बेगुनाह बताया. वीडियो में उसने कहा कि छात्रा के आरोप के चलते उसे स्कूल से बाहर निकाल दिया गया है और उसे नहीं सुना जा रहा है. इसके बाद पुलिस ने मामले को संवदेनशील मानते हुए आगे बढ़ना शुरू किया. पुलिस कमिश्नर रवि दत्त गौड़ खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे.
मामले में पुलिस ने छात्रा के परिजनों से भी बातचीत की. साथ ही आरोपी के परिवार की जानकारी निकाली कि आखिरकार छात्रा के पिता ने मेहुल से दोस्ती तोड़ने के लिए क्यों कहा. इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि दोस्ती तोड़ने से पहले छात्रा ने मेहुल से पूछा था कि तुम्हारे पिता कौन हैं? मेहुल की ओर से बताने के बाद छात्रा के पिता ने उसे व्हाट्सएप पर ब्लॉक करवा दिया. इसके बाद पुलिस ने सभी कड़ियां जोड़नी शुरू की.
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SOS JODHPUR : Mehul posted this video himself. He's a class 12 Student who's been rusticated by his school, as per him w/t listening to his side on a girls accusation. FIR under POCSO has also been lodged. He's pleading innocence @NCPCR_ @KanoongoPriyank @CP_Jodhpur @Igp_Jodhpur pic.twitter.com/YwokyOGKaH
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) September 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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एसीपी चक्रवर्ती सिंह और थानाधिकारी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि मामला संवदेनशील था. गिरफ्तार हुआ मेहुल खुद को लगातार बेगुनाह बता रहा था. इसके बाद जब छात्रा की हैंड राइटिंग का मिलान लेटर से किया तो बहुत कुछ साफ होता गया. मेहुल ने पुलिस को बताया कि छात्रा अपनी राइटिंग बदलने के लिए जानबूझ कर रफ लिख रही है. पुलिस ने छात्रा की राइटिंग मिलाई तो कई एलफाबेट लेटर में लिखे जैसे थे. जिसके बाद पुलिस को शक हुआ.
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लेटर बन गए थे पुलिस के लिए जंजाल: पुलिस ने बताया कि जो मामला दर्ज हुआ था उसमें मेहुल भटनागर के नाम से लेटर मिलने और दोस्ती नहीं करने पर उसे तेजाब से जलाने की धमकी देने के आरोप थे. मामला दर्ज होने के बाद भी परिजन पुलिस को हमेशा बताते कि आज घर पर लेटर मिला, आज स्कूल में लेटर मिला. एक महीने में चालीस से ज्यादा लेटर मिल गए, पुलिस इससे परेशान हो गई. एक दिन तो थानाधिकारी छात्रा के घर पूछताछ के लिए गए तो उनके पहुंचते ही छात्रा ने कहा कि लेटर आया है, जिसे पुलिस ने ही बरामद किया था.
उस दिन छात्रा से पूछताछ के आधार पर आरोपी मेहुल के रिश्तेदार रोहित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. लेकिन इसके बाद भी लेटर आने का सिलसिला नहीं थमा. पुलिस ने मेहुल के परिजनों पर दबाव बनाया कि मेहुल को गिरफ्तार करना होगा. इसके बाद पिछले सप्ताह पुलिस ने मेहुल को भी गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इसके बाद भी लेटर आने बंद नहीं हुए. मेहुल ने पुलिस बताया कि जब वह इंदौर गया था तब भी पीछे से लेटर मिले थे.
पुलिस को इस बात का शक- पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जो भी कार्रवाई कर रही थी, वह अगले दिन छात्रा को मिले लेटर में लिखी होती थी. यह भी लिखा होता था कि पुलिस वाले कुछ नहीं कर रहे हैं. उनके बारे में भला बुरा लिखा मिलता था. पुलिस को भी इस बात का अचरज होता कि इस मामले लेकर जो भी कर रहे हैं वह लेटर लिखने वाले को कैसे पता चलता है? क्योंकि मेहुल पुलिस की गिरफ्त में ही था, तो आरोपी को बातें कौन बता रहा था. इससे भी पुलिस को शक हुआ, लेकिन पुलिस को कोई राह नजर नहीं आ रही थी.
ऐसे हुआ पुलिस का संदेह पक्का: छात्रा को लगातार मिल रहे लेटर के चलते पुलिस के कहने पर सेंट्रल एकेडमी प्रबंधन ने छात्रा के घर आने वाली स्कूल बस की दोनों महिला कर्मचारी को हिदायत दी कि उसे घर लेकर बस में बैठे और छुट्टी में भी उसके साथ बस से घर छोडे़. एक दिन सुबह घर से निकल कर स्कूल पहुंचते ही टीचर को छात्रा ने कहा कि बैग में किसी ने लेटर डाल दिया. जिसके बाद पुलिस स्कूल पहुंची और पूछताछ की.
ऐसे खुली पोल- पुलिस पूछताछ में छात्रा ने महिला कर्मचारी पर आरोप लगाया कि उसने लेटर डाला है. जिसके बाद पुलिस ने महिला कर्मचारी से पूछा तो उसने छात्रा से कहा कि क्यूं झूठ बोल रही है? इससे छात्रा थोड़ी सहमी तो पुलिस का संदेह पक्का हो गया. इसके बाद पुलिस ने छात्रा को घर भेज दिया. पुलिस ने सिरे से सभी घटनाएं मिलाई तो सबकुछ साफ हो गया. उसके बाद परिजनों के सामने छात्रा से पूछा तो उसने स्वीकार कर लिया कि उसने ही पत्र लिखे थे. अब अधिकारिक पुष्टि के लिए पुलिस सभी लेटर और उसकी लिखावट की एफएसएल से जांच कराएगी. मामले में पुलिस ने मेहुल और रोहित को गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों रिमांड पर हैं. अब पुलिस कोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश करेगी.
छात्रा ने ही धमकी भरे पत्र लिख अपने घर और बैग में डाले थे. छात्र की गिरफ्तारी के बावजूद लेटर मिलने बंद नहीं होने पर संदेह हुआ था. कॉपी और लेटर की लिखावट में काफी मिलान हुआ. बयान ने छात्रा ने स्वीकार कर लिया है. एफएसएल से जांच में और पुष्टि होगी. - जोगेन्द्रसिंह, थानाधिकारी, शास्त्री नगर.