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Special: अयोध्या की जमीन पर राम भक्तों की आगवानी करेगा जोधपुर के सेंड स्टोन से बना भव्य द्वार

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Published : Apr 15, 2021, 9:38 PM IST

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के परिसर में पंचकोशी यात्रा का मार्ग भी विकसित किया जा रहा है. इस मार्ग पर 62 भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं, जिसमें जोधपुरी पत्थर लगने जा रहा है. शहर की बनावट क्षेत्र स्थित एक सेंड स्टोन फैक्ट्री में यह द्वार बनकर तैयार है जो गुरुवार रात को अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा.

ram mandir,  route of Panchkoshi Yatra in premises of Ram temple
जोधपुर के सेंड स्टोन से बना भव्य द्वार

जोधपुर. पूरी दुनिया में प्रसिद्ध जोधपुर के सेंड स्टोन को स्थानीय भाषा मे छितर का भाटा भी कहा जाता है. यह स्टोन जोधपुर के उम्मेद भवन सहित देश की कई इमारतों की शान बढ़ा रहा है. यह स्टोन अब राम मंदिर क्षेत्र की भी शोभा बढ़ाएगा. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के परिसर में पंचकोशी यात्रा का मार्ग भी विकसित किया जा रहा है.

राम भक्तों की आगवानी करेगा जोधपुर के सेंड स्टोन से बना भव्य द्वार

पढ़ें- SPECIAL : गणगौर की कहानी 'ईसर-गौर' की जुबानी

इस मार्ग पर 62 भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं, जिसमें जोधपुरी पत्थर लगने जा रहा है. राम भक्त एक व्यक्ति ने इस द्वार को बनवाने का जिम्मा न्यास से प्राप्त किया था, उसके बाद उन्होंने जोधपुरी पत्थर को इसके लिए चुना. शहर की बनावट क्षेत्र स्थित एक सेंड स्टोन फैक्ट्री में यह द्वार बनकर तैयार है जो गुरुवार रात को अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा.

बता दें, इस द्वार की डिजाइन अयोध्या से ही प्राप्त हुई थी, जिसे जोधपुर के कारीगर भोमाराम प्रजापत और उनकी टीम ने 25 दिन में तैयार किया है. 15 फुट चौड़े और 21 फुट ऊंचे इस भव्य द्वार पर नक्काशी की गई है. इसके अलावा राम दरबार को भी उकेरा गया है. यह द्वार पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में नया घाट स्थित हिंदू धाम पर लगेगा. इस द्वार को बनाने में 300 घन फिट से ज्यादा जोधपुरी सेंड स्टोन लगा है.

पढ़ें- SPECIAL : बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह की पत्नी बल्लभ कुंवर की रहस्यमयी छतरी, जहां से टपकता है दूध

सामान्य सेंड स्टोन से बनने वाली इमारतें कुछ समय के बाद काली पड़ने लग जाती है क्योंकि उस सेंड स्टोन में क्वार्टज की मात्रा अधिक होती है. क्वार्टज की मात्रा अधिक होने से सेंड स्टोन में आयरन की उपस्थिति भी ज्यादा होती है, जिसके चलते वह समय के साथ काला पड़ जाता है. लेकिन, जोधपुर के सेंड स्टोन में क्वार्टज बहुत की मात्रा कम होती है. इसके चलते जोधपुर स्टोन समय के साथ और ज्यादा निखार देता है.

जोधपुर. पूरी दुनिया में प्रसिद्ध जोधपुर के सेंड स्टोन को स्थानीय भाषा मे छितर का भाटा भी कहा जाता है. यह स्टोन जोधपुर के उम्मेद भवन सहित देश की कई इमारतों की शान बढ़ा रहा है. यह स्टोन अब राम मंदिर क्षेत्र की भी शोभा बढ़ाएगा. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के परिसर में पंचकोशी यात्रा का मार्ग भी विकसित किया जा रहा है.

राम भक्तों की आगवानी करेगा जोधपुर के सेंड स्टोन से बना भव्य द्वार

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इस मार्ग पर 62 भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं, जिसमें जोधपुरी पत्थर लगने जा रहा है. राम भक्त एक व्यक्ति ने इस द्वार को बनवाने का जिम्मा न्यास से प्राप्त किया था, उसके बाद उन्होंने जोधपुरी पत्थर को इसके लिए चुना. शहर की बनावट क्षेत्र स्थित एक सेंड स्टोन फैक्ट्री में यह द्वार बनकर तैयार है जो गुरुवार रात को अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा.

बता दें, इस द्वार की डिजाइन अयोध्या से ही प्राप्त हुई थी, जिसे जोधपुर के कारीगर भोमाराम प्रजापत और उनकी टीम ने 25 दिन में तैयार किया है. 15 फुट चौड़े और 21 फुट ऊंचे इस भव्य द्वार पर नक्काशी की गई है. इसके अलावा राम दरबार को भी उकेरा गया है. यह द्वार पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में नया घाट स्थित हिंदू धाम पर लगेगा. इस द्वार को बनाने में 300 घन फिट से ज्यादा जोधपुरी सेंड स्टोन लगा है.

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सामान्य सेंड स्टोन से बनने वाली इमारतें कुछ समय के बाद काली पड़ने लग जाती है क्योंकि उस सेंड स्टोन में क्वार्टज की मात्रा अधिक होती है. क्वार्टज की मात्रा अधिक होने से सेंड स्टोन में आयरन की उपस्थिति भी ज्यादा होती है, जिसके चलते वह समय के साथ काला पड़ जाता है. लेकिन, जोधपुर के सेंड स्टोन में क्वार्टज बहुत की मात्रा कम होती है. इसके चलते जोधपुर स्टोन समय के साथ और ज्यादा निखार देता है.

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