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पॉक्सो कोर्ट ने दसवीं की छात्रा के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा

सीकर जिले में नाबालिग का अपहरण करके दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने अभियुक्त को बीस साल की कठोर कारवास की सजा सुनाई है.

POCSCO COURT JUDGEMENT
बलात्कार के अभियुक्त को 20 साल की सजा (ETV Bharat (file photo))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 13, 2024, 4:13 PM IST

सीकर: विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट प्रथम ने 10 वीं में पढ़ने वाली नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने पीड़िता को 2.50 लाख रुपए की प्रतिकर राशि दिलवाए जाने की अनुशंसा भी की है.

विशिष्ट लोक अभियोजक भवानीसिंह जेरठी ने बताया कि 20 मई 2022 को एक महिला ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी बहन की लड़की उसके घर पर आई हुई थी. वह 10वीं में पढ़ती है. उसको 19 मई 2022 को उसके पिता उसकी मौसी के यहां रात आठ बजे छोड़कर गए थे. सब खाना खाकर सो गए. रात में पीड़िता टॉयलेट के लिए उठी और गेट खोलकर बाहर गई. काफी देर तक वापस नहीं आने पर देखा तो बाहर अशोक नाम का युवक बाइक लेकर खड़ा था.

पढ़ें: नाबालिग को अगवा करके दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को 20 वर्ष की सजा, 62 हजार का जुर्माना भी लगाया

रिपोर्ट के अनुसार आरोपी अशोक कुमार (19) पुत्र श्रीराम उसकी नाबालिग भांजी को बाइक पर बिठाकर हरियाणा में अपनी बहन के मकान पर ले गया. वहां उसने पीड़िता से तीन दिन तक दुष्कर्म किया. कुछ दिन बाद हरियाणा का सरपंच व एक अन्य व्यक्ति पीड़िता को घर छोड़कर गए. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान किया. पॉक्सो कोर्ट-1 के विशिष्ट न्यायाधीश के समक्ष 21 गवाह के बयान दर्ज करवाए और 36 साक्ष्य पेश किए गए. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट-1 की विशिष्ट न्यायाधीश सुमन सहारण ने अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है. अपने आदेश में विशिष्ट न्यायाधीश ने लिखा कि इस प्रकार के अपराधों में अभियुक्त के प्रति यदि नरमी का रुख अपनाया तो समाज में विपरीत संदेश जाएगा. इस प्रकार के अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाना न्यायोचित नहीं है.

सीकर: विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट प्रथम ने 10 वीं में पढ़ने वाली नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने पीड़िता को 2.50 लाख रुपए की प्रतिकर राशि दिलवाए जाने की अनुशंसा भी की है.

विशिष्ट लोक अभियोजक भवानीसिंह जेरठी ने बताया कि 20 मई 2022 को एक महिला ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी बहन की लड़की उसके घर पर आई हुई थी. वह 10वीं में पढ़ती है. उसको 19 मई 2022 को उसके पिता उसकी मौसी के यहां रात आठ बजे छोड़कर गए थे. सब खाना खाकर सो गए. रात में पीड़िता टॉयलेट के लिए उठी और गेट खोलकर बाहर गई. काफी देर तक वापस नहीं आने पर देखा तो बाहर अशोक नाम का युवक बाइक लेकर खड़ा था.

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रिपोर्ट के अनुसार आरोपी अशोक कुमार (19) पुत्र श्रीराम उसकी नाबालिग भांजी को बाइक पर बिठाकर हरियाणा में अपनी बहन के मकान पर ले गया. वहां उसने पीड़िता से तीन दिन तक दुष्कर्म किया. कुछ दिन बाद हरियाणा का सरपंच व एक अन्य व्यक्ति पीड़िता को घर छोड़कर गए. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान किया. पॉक्सो कोर्ट-1 के विशिष्ट न्यायाधीश के समक्ष 21 गवाह के बयान दर्ज करवाए और 36 साक्ष्य पेश किए गए. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट-1 की विशिष्ट न्यायाधीश सुमन सहारण ने अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है. अपने आदेश में विशिष्ट न्यायाधीश ने लिखा कि इस प्रकार के अपराधों में अभियुक्त के प्रति यदि नरमी का रुख अपनाया तो समाज में विपरीत संदेश जाएगा. इस प्रकार के अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाना न्यायोचित नहीं है.

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