कोटा : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बुधवार को कोटा दौरे पर रहे. उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी के शादी समारोह में जाकर वर-वधु आशीर्वाद को दिया. इसके बाद वह निजी कोचिंग संस्थान में छात्रों से संवाद करने के लिए जवाहर नगर स्थित सत्यार्थ कैंपस पहुंचे. कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग कर रहे मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के छात्रों से उन्होंने कहा कि सृष्टि ग्रह नक्षत्र के जरिए चल रही है. हमारे यहां पर संत भी 108 और 1008 लिखते हैं, जिसका निश्चय भी नक्षत्र के जरिए होता है.
मोहन यादन ने छात्रों से कहा कि 27 नक्षत्र हमारे आसपास हैं, जिससे ही सब कुछ तय होता है. संत जब 1 साल साधना करते हैं तो वह 108 लगाते हैं और जो 1 साल से ज्यादा साधना कर चुके होते हैं, वह 1008 लगाते हैं. ऐसे में यह संतों की यूजी और पीजी की डिग्री को डिसाइड करते है. साथ ही हमारी सृष्टि कैसे संचालित होती है, यह भी बताते हैं. समय ग्रहण नक्षत्र की गणना भी उन्होंने कोचिंग छात्रों को समझाई. उन्होंने अवसाद में आने वाले छात्रों से कहा कि मन कभी निराश हो जाए या अवसाद लगे, तब वह राजनीतिक क्षेत्र के लोगों और नेताओं की तरफ देखें.
इसे भी पढ़ें- MP CM मोहन यादव का बड़ा बयान, सनातन संस्कृति पर बोले- कुछ तो बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी - MP CM Mohan Yadav
सीएम डॉ. यादव ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 'मेरा चयन प्री मेडिकल टेस्ट में हो गया था. इंदौर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया था, लेकिन मैंने बीएससी की, फिर राजनीति में आया. यहां मेहनत की और आज मुख्यमंत्री बन गया हूं. जब भी असफल हो, तब निराश नहीं हों, नेताओं की तरफ देखें. उनके जीवन में कितने उतार-चढ़ाव आते हैं'. उन्होंने कहा कि अब्राहम लिंकन पहले चुनाव हारे, बाद में राष्ट्रपति बन गए. पीएम नरेन्द्र मोदी 51 वर्ष की उम्र तक कोई चुनाव नहीं लड़े, जब लड़े तो मुख्यमंत्री बने, अब सांसद का चुनाव लड़े तो प्रधानमंत्री बने. ऐसे में कौन सा अवसर किस आयु में कब इंतजार कर रहा है, इसके बारे में कोई नहीं बता सकता. हमें प्रयास करते रहने चाहिए. हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत करते रहना चाहिए.
पढ़ाई के साथ शरीर पर भी दें ध्यान : छात्रों से बातचीत करते हुए डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अपना टाइम टेबल बनाकर रखें. साथ ही योगासन, प्राणायाम भी करें और पूरी दिनचर्या सेट रखें, क्योंकि पढ़ाई के साथ-साथ शरीर पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए. नींद पूरी लें, भोजन व व्यायाम भी पर्याप्त करें. अपना कॉन्फिडेंस और एकाग्रता बनाएं रखें. उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता 11 साल की उम्र में हुई थी, लेकिन जब वह द्वारकाधीश हो गए तब भी उनकी दोस्ती बरकरार रही. गरीब व अमीर दोस्ती का यह सबसे बड़ा उदाहरण है. स्कूल,कॉलेज जीवन की दोस्ती हमेशा याद रहती है, इसीलिए बड़े व छोटे का का फेर नहीं आना चाहिए. पद कितना ही बड़ा हो जाए, लेकिन अंदर का प्रेम खत्म नहीं होना चाहिए, इसलिए ही हम मथुरा से उज्जैन पढ़ने आए भगवान श्री कृष्ण के पथ गमन मार्ग को तीर्थ स्थल बना रहे हैं.
चीता प्रोजेक्ट पर उन्होंने कहा कि राजस्थान के सरकार से भी समन्वय बना रहे हैं, क्योंकि चीता एक बड़ा प्रोजेक्ट है. वन्यजीव राजस्थान में भी घूमता हुआ आ सकता है. वन्य जीव पर किसी का बस नहीं चलता. राजस्थान सरकार से इस प्रोजेक्ट पर सौहार्दपूर्ण वार्ता हुई है और समन्वय भी बनाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कोटा के कोचिंग संस्थान से मध्य प्रदेश के उज्जैन में ब्रांच खोलने की मांग भी उठाई.