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डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाला, मौत के बाद उपचार का खर्च वापस लेने पर अड़े थे परिजन

जोधपुर के एक निजी अस्पताल में मरीज की मौत हो गई. इस पर परिजन अस्पताल से इलाज में खर्च हुई राशि मांगने पर अड़ गए. उधर, अस्पताल का कहना है कि मरीज का जो उपचार किया गया, वह चिरंजीवी योजना में शामिल नहीं था, इसलिए शुल्क लिया गया. जहां परिजन मांग पर अड़े रहे, उधर चिकित्सकों ने भी विरोध में कैंडल मार्च (Doctors candle march in Jodhpur) निकाला.

Doctors candle march in Jodhpur, Family demand treatment fees back in Jodhpur
डॉक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च, जताया विरोध, मौत के बाद उपचार का खर्च वापस लेने पर अड़े परिजन
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Published : Sep 12, 2022, 11:10 PM IST

जोधपुर. शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों ने धरना देकर इलाज में खर्च हुई राशि 8 लाख रुपए वापस देने की मांग की (Family demand treatment fees back in Jodhpur) है. लेकिन अस्पताल ने प्रशासन से स्पष्ट कर दिया कि जो उपचार किया गया, वो चिरंजीवी योजना में शामिल नहीं है. इसके चलते हैं शुल्क लिया गया था. लेकिन इसको लेकर कोई सुनने को तैयार नहीं है.

इस मामले को लेकर दिन में लूणी विधायक महेंद्र विश्नोई, पूर्व विधायक जोगाराम पटेल सहित कई नेता परिजनों के पक्ष में पहुंचे. चिकित्सा विभाग ने उनको अवगत कराया कि यह उपचार योजना में शामिल नहीं है. इसके बाद ज्यादातर नेता वहां से चले गए. लेकिन परिजनों व अन्य लोगों का जमावड़ा बना हुआ है. इसके बाद धरने की कमान कांग्रेस नेता हनुमान सिंह खांगटा ने थाम ली. दूसरी ओर दोपहर बाद शहर के निजी अस्पताल संचालक डॉक्टर से एकजुट होने लगे.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल में कारनामा, मरीज की मौत के एक साल बाद भी करते रहे डायलिसिस, भेजते रहे बिल

उन्होंने कृष्णा अस्पताल पहुंचकर मीटिंग की और यह स्पष्ट किया कि डॉक्टर्स के विरुद्ध इस तरह का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसको लेकर विरोध जताने के लिए डॉक्टरों ने कैंडल मार्च भी निकाला. उस दौरान धरने पर बैठे लोगों ने भी जमकर अस्पताल के विरूद्ध नारेबाजी की. हालात को देखते हुए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है, अभी तक मरीज का शव अस्पताल में ही पड़ा है.

जोधपुर. शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों ने धरना देकर इलाज में खर्च हुई राशि 8 लाख रुपए वापस देने की मांग की (Family demand treatment fees back in Jodhpur) है. लेकिन अस्पताल ने प्रशासन से स्पष्ट कर दिया कि जो उपचार किया गया, वो चिरंजीवी योजना में शामिल नहीं है. इसके चलते हैं शुल्क लिया गया था. लेकिन इसको लेकर कोई सुनने को तैयार नहीं है.

इस मामले को लेकर दिन में लूणी विधायक महेंद्र विश्नोई, पूर्व विधायक जोगाराम पटेल सहित कई नेता परिजनों के पक्ष में पहुंचे. चिकित्सा विभाग ने उनको अवगत कराया कि यह उपचार योजना में शामिल नहीं है. इसके बाद ज्यादातर नेता वहां से चले गए. लेकिन परिजनों व अन्य लोगों का जमावड़ा बना हुआ है. इसके बाद धरने की कमान कांग्रेस नेता हनुमान सिंह खांगटा ने थाम ली. दूसरी ओर दोपहर बाद शहर के निजी अस्पताल संचालक डॉक्टर से एकजुट होने लगे.

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उन्होंने कृष्णा अस्पताल पहुंचकर मीटिंग की और यह स्पष्ट किया कि डॉक्टर्स के विरुद्ध इस तरह का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसको लेकर विरोध जताने के लिए डॉक्टरों ने कैंडल मार्च भी निकाला. उस दौरान धरने पर बैठे लोगों ने भी जमकर अस्पताल के विरूद्ध नारेबाजी की. हालात को देखते हुए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है, अभी तक मरीज का शव अस्पताल में ही पड़ा है.

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