जोधपुर. सरकार के निर्देश पर शहर के कुछ निजी चिकित्सालय में कोरोना मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है, लेकिन कुछ दिनों में ही इन अस्पतालों में मरीजों से आर्थिक लूट शुरू करने की शिकायतें आने लगी है. खुद संभागीय आयुक्त समित शर्मा के पास कुछ लोगों ने निजी अस्पतालों के बिल भेज कर और ओवर बिलिंग करने की शिकायत की है.
इस मामले को लेकर संभागीय आयुक्त ने मंगलवार दोपहर शहर के निजी अस्पताल जो कोरोना का इलाज कर रहे हैं उनकी एक बैठक बुलाई और उन्हें दो टूक शब्दों में कहा कि हर हाल में राज्य सरकार की ओर से निर्धारित की गई दरों पर ही मरीजों का उपचार किया जाए.
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उन्होंने एक अस्पताल के संचालक को बिल दिखाते हुए कहा कि दवाइयों में ओवर बिलिंग की गई है ऐसा नहीं होना चाहिए. इस पर संचालक ने राशि वापस लौटाने की बात कही. साथ ही आगे से इस तरह की परेशानी नहीं होने के लिए आश्वस्त भी किया.
संभागीय आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसमें सामान्य गंभीर, अति गंभीर मरीजों के उपचार खर्च का विस्तृत विवरण दिया है. राज्य सरकार के आदेश में ये भी स्पष्ट किया गया है कि कुछ दवाइयां अलग से लगेगी उनकी भी राशि निर्धारित की गई है, जांच शुल्क भी निर्धारित किया गया है. ऐसे में सभी संचालकों को ये निर्देशित किया गया है कि वो राज्य सरकार के आदेश की पालना के अंतर्गत ही उपचार करें, जिससे मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा भी मौजूद रहे.
यह है सरकार की दरें
सामान्य लक्षण के मरीज-
NABL अस्पताल : 5500 रुपए प्रतिदिन
NonNABL अस्पताल : 5000 रुपए प्रतिदिन
(7 दिन के लिए इसमें पीपीई किट भी शामिल है)
गंभीर मरीज-
NABL अस्पताल : 8250 रुपए प्रतिदिन
NonNABL अस्पताल : 7500 रुपए प्रतिदिन
(10 दिन के लिए इसमें पीपीई किट भी शामिल है)
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अति गंभीर मरीज-
NABL अस्पताल : 9900 रुपए प्रतिदिन
NonNABL अस्पताल : 9000 रुपए प्रतिदिन
(10 दिन के लिए इसमें पीपीई किट भी शामिल है)