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Cyber fraud in jodhpur: साइबर ठग ने व्यापारी के खाते से निकाले 4.48 लाख रुपए, पुलिस ने वापस दिलवाए

साइबर ठगी के जरिए एक व्यापारी के खाते (Cyber fraud in jodhpur) 4.48 लाख रुपए पार हो गए. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ठगे गए रुपए वापस दिलाने (Cyber fraud payment revert in jodhpur) में सफलता हासिल की है.

bank fraud payment revert in jodhpur
जोधपुर पुलिस ने ठगी के पैसे वापस व्यापारी को दिलवाए
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Published : Dec 15, 2021, 11:07 PM IST

जोधपुर. महामंदिर थाना पुलिस ने 45 वर्षीय व्यापारी के बैंक खाते से साइबर ठग की ओर से अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए निकाले गए 4 लाख 48 हजार रुपए (Cyber fraud payment revert in jodhpur) वापस दिलवाने में कामयाबी हासिल की है.

थानाधिकारी लेखराज सियाग ने बताया कि 9 दिसंबर को थाना क्षेत्र निवासी 45 वर्षीय हेमंत अरोड़ा ने सूचना दी कि उसे एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि आपके एसबीआई खाते की केवाईसी अपडेट नहीं है. अगर जल्द अपडेट नहीं करवाई तो ट्रांजेक्शन नहीं होगा. ठग के जाल में फंसे हेमंत ने केवाईसी अपडेट के बारे में जानकारी मांगी. इस पर ठग ने हेमंत के फोन पर एक लिंक भेजा. साथ ही कहा कि इसे एक्टिव करने के दौरान मांगी गई जानकारी भरने पर केवाईसी अपडेट हो जाएगी.

पढ़ें.Chittorgarh Murder case: पत्नियों से छेड़छाड़ पर छोटे भाइयों ने ही की थी बड़े भाई की हत्या, हाथ-पैर बांधकर फेंका था खदान में

हेमंत ने जब लिंक पर क्लिक किया तो उसके तुरंत बाद उसे 3 मैसेज मिले. जिनमें उसके खाते से 96,820 रुपए, 2,54,997 व 96,820 रुपए विड्रा होने की जानकारी मिली. महामंदिर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ट्रांजेक्शन डिटेल के आधार पर पेमेंट गेटवे और मर्चेंट तक संपर्क कर पेमेंट रुकवाया. उसके बाद बैंक से संपर्क कर पेमेंट वापस हेमंत के एसबीआई बैंक खाते में रिवर्ट करवाया.

सायबर फ्रॉड होने पर यहां दें सूचना

राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगी पर रोक लगाने के लिए विशेष नंबर 155260 जारी किया है. पुलिस ने कहा कि साइबर ठगी होने पर मामले की सूचना इस नंबर पर दे सकते हैं. सूचना मिलने के साथ ही पुलिस एक्टिव होती है. पुलिस ने कहा कि बैंक फ्रॉड के मामले में जितनी जल्दी सूचना पुलिस को दी जाती है, उतना जल्दी ही ट्रांजेक्शन रोकने में सफलता मिलती है.

जोधपुर. महामंदिर थाना पुलिस ने 45 वर्षीय व्यापारी के बैंक खाते से साइबर ठग की ओर से अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए निकाले गए 4 लाख 48 हजार रुपए (Cyber fraud payment revert in jodhpur) वापस दिलवाने में कामयाबी हासिल की है.

थानाधिकारी लेखराज सियाग ने बताया कि 9 दिसंबर को थाना क्षेत्र निवासी 45 वर्षीय हेमंत अरोड़ा ने सूचना दी कि उसे एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि आपके एसबीआई खाते की केवाईसी अपडेट नहीं है. अगर जल्द अपडेट नहीं करवाई तो ट्रांजेक्शन नहीं होगा. ठग के जाल में फंसे हेमंत ने केवाईसी अपडेट के बारे में जानकारी मांगी. इस पर ठग ने हेमंत के फोन पर एक लिंक भेजा. साथ ही कहा कि इसे एक्टिव करने के दौरान मांगी गई जानकारी भरने पर केवाईसी अपडेट हो जाएगी.

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हेमंत ने जब लिंक पर क्लिक किया तो उसके तुरंत बाद उसे 3 मैसेज मिले. जिनमें उसके खाते से 96,820 रुपए, 2,54,997 व 96,820 रुपए विड्रा होने की जानकारी मिली. महामंदिर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ट्रांजेक्शन डिटेल के आधार पर पेमेंट गेटवे और मर्चेंट तक संपर्क कर पेमेंट रुकवाया. उसके बाद बैंक से संपर्क कर पेमेंट वापस हेमंत के एसबीआई बैंक खाते में रिवर्ट करवाया.

सायबर फ्रॉड होने पर यहां दें सूचना

राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगी पर रोक लगाने के लिए विशेष नंबर 155260 जारी किया है. पुलिस ने कहा कि साइबर ठगी होने पर मामले की सूचना इस नंबर पर दे सकते हैं. सूचना मिलने के साथ ही पुलिस एक्टिव होती है. पुलिस ने कहा कि बैंक फ्रॉड के मामले में जितनी जल्दी सूचना पुलिस को दी जाती है, उतना जल्दी ही ट्रांजेक्शन रोकने में सफलता मिलती है.

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