जोधपुर. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत संचालित जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, काजरी में किसानों को बीज की सही पहचान हो, इसके लिए रबी की फसलों की एक फसल वाटिका तैयार की गई है. इस वाटिका में रबी सीजन में बोई जाने वाली सभी फसलों के विभिन्न किस्मों के बीजों की बुआई की गई है. जिससे कि किसान बीज चयन करने से पहले उसके परिणाम देख सकें.
काजरी के वैज्ञानिक डॉ. हंसराज महला ने बताया कि हमने यहां रबी फसलों के कई किस्मों के बीज की बुआई की है. जिससे किसान बीज की फसल देखकर ही अपना निर्णय ले सकें. डॉ. महला ने बताया कि राजस्थान में कई जगह पर मिट्टी कमजोर है. जिससे पेड़ या बूटा गिरने का आशंका रहती है. ऐसे में फसल का दाना बहुत जल्दी गिर जाता है. जिसका सीधा नुकसान किसान को होता है. उनका कहना रहा कि हमने जो किस्में यहां लगाई है, उन सभी के अलग-अलग परिणाम है. किसान अपनी मिट्टी के अनुसार अपना बीज चयनित कर सकता है.
यह भी पढ़ें : जोधपुर: मौसम में बदलाव के कारण बढ़ रही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या
उन्होंने बताया कि फसल वाटिका तैयार होने के बाद राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के अधिकारी भी यहां विजिट कर चुके हैं और यह क्रम जारी है. साथ ही इसके फायदों से किसानों को अवगत करवा रहे हैं. किसानों को और अधिक जानकारी देने के लिए काजरी आने वाले दिनों में यहां एक मेला भी आयोजित करने वाली है. फसल वाटिका में जीरा, इसबगोल, सरसों, राजगिरा सहित रबी फसलों के विभिन्न किस्मों के बीजों की बुआई की गई है.