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Congress Supporters Displeasure in Jodhpur : गहलोत के घर में कार्यकर्ताओं की पीड़ा, नहीं मिल रही तवज्जो...

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) इस बार कांग्रेस सरकार दोबारा बनाने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं. इसके चलते वह संगठन को मजबूत करने की भी बात करते हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि खुद उनके घर में ही Congress Supporters Displeasure in Jodhpur) कार्यकर्ता खुश नहीं है. उनकी सुनी नहीं जा रही...

Congress Supporters Displeasure in Jodhpur
गहलोत और बरकत खान मेहर
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Published : Dec 29, 2021, 12:02 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 12:18 PM IST

जोधपुर. सीएम के घर में कांग्रेस समर्थकों की नाराजगी सामने आ रही. हालात कैसे हैं, यह मंगलवार को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर देहात जिला कांग्रेस के कार्यक्रम में सामने आए. कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह में एक भी एमएलए नहीं पहुंचा, जबकि देहात से 6 विधायक आते हैं.

इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव करण सिंह उचियारड़ा ने वहां मौजूद पूर्व सांसद एवं अशोक गहलोत के नजदीक बद्रीराम जाखड़ के सामने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने का दर्द बयां किया, जिसका वीडियो चर्चा में आ गया तो अब उसी कार्यक्रम का एक और वीडियो सामने आया है. जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं पूर्व सरकारी वकील रह चुके बरकत खान मेहर ने (Barkat Khan Mehar on Gehlot Government) जमकर अपनी भड़ास निकाली.

जोधपुर में क्यों भड़के बरकत खान मेहर..

मेहर ने तो यहां तक कहा कि जिन लोगों ने चुनाव के दौरान कांग्रेस के एजेंटों के साथ मारपीट की उन्हें आज सरकार में बड़े पद दे दिए गए हैं. जो वकील कभी रजिस्ट्री करवाते थे, लोवर कोर्ट में खड़े नहीं हो सकते थे, हाईकोर्ट नहीं देखा उनको वहां पद दे दिए गए हैं. ऐसे लोग पार्टी की कब्र खोद रहे हैं. इससे कार्यकर्ता तो मायूस ही हो रहे हैं. कुल मिलाकर स्थापना दिवस के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की हो रही उपेक्षा (Allegation to Neglect Workers in Rajasthan Congress) को लेकर पुराने कांग्रेसियों ने जमकर भड़ास निकाली.

पढ़ें : Uchiyarda on Gehlot Government : पायलट की कार्यकारिणी में करण सिंह उचियारड़ा थे प्रदेश सचिव, अब हाशिये पर...

पढ़ें : Rajendra Rathore on Rajasthan Police : पुलिस अब अपनी बर्बर कार्रवाई से प्रसिद्ध हो रही है : राठौड़

यह माना जा रहा है कि नई पीढ़ी को आगे लाने के चक्कर में पुराने नेताओं को तरजीह देना बंद कर दिया गया है, जबकि पार्टी को जिंदा कार्यकर्ता रखता है. कहा जाता है कि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डी है, लेकिन आज रीढ़ की हड्डी कहां है. यहां तो सिर्फ ढांचा बच गया है. हम सबको पुतला बनाकर छोड़ दिया है. नेताओं को कार्यकर्ता की इज्जत करनी होगी.

पीसीसी मेंबर ने भी जताई थी नाराजगी...

अब जोधपुर में जब भी कांग्रेसियों को एकत्र किया जाता है तो खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का दर्द लगता जा रहा है 12 दिसंबर को जयपुर में जो रैली आयोजित की गई थी उसकी तैयारी के लिए जोधपुर में लूणी विधानसभा क्षेत्र में हुई एक बैठक में वैभव गहलोत के सामने पीसीसी के सदस्य मोतीराम चौधरी ने भी अपना दर्द व्यक्त किया था. उन्होंने तो यहां तक कहा कि चापलूसों को पद दे दिए हैं.

जोधपुर. सीएम के घर में कांग्रेस समर्थकों की नाराजगी सामने आ रही. हालात कैसे हैं, यह मंगलवार को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर देहात जिला कांग्रेस के कार्यक्रम में सामने आए. कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह में एक भी एमएलए नहीं पहुंचा, जबकि देहात से 6 विधायक आते हैं.

इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव करण सिंह उचियारड़ा ने वहां मौजूद पूर्व सांसद एवं अशोक गहलोत के नजदीक बद्रीराम जाखड़ के सामने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने का दर्द बयां किया, जिसका वीडियो चर्चा में आ गया तो अब उसी कार्यक्रम का एक और वीडियो सामने आया है. जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं पूर्व सरकारी वकील रह चुके बरकत खान मेहर ने (Barkat Khan Mehar on Gehlot Government) जमकर अपनी भड़ास निकाली.

जोधपुर में क्यों भड़के बरकत खान मेहर..

मेहर ने तो यहां तक कहा कि जिन लोगों ने चुनाव के दौरान कांग्रेस के एजेंटों के साथ मारपीट की उन्हें आज सरकार में बड़े पद दे दिए गए हैं. जो वकील कभी रजिस्ट्री करवाते थे, लोवर कोर्ट में खड़े नहीं हो सकते थे, हाईकोर्ट नहीं देखा उनको वहां पद दे दिए गए हैं. ऐसे लोग पार्टी की कब्र खोद रहे हैं. इससे कार्यकर्ता तो मायूस ही हो रहे हैं. कुल मिलाकर स्थापना दिवस के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की हो रही उपेक्षा (Allegation to Neglect Workers in Rajasthan Congress) को लेकर पुराने कांग्रेसियों ने जमकर भड़ास निकाली.

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यह माना जा रहा है कि नई पीढ़ी को आगे लाने के चक्कर में पुराने नेताओं को तरजीह देना बंद कर दिया गया है, जबकि पार्टी को जिंदा कार्यकर्ता रखता है. कहा जाता है कि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डी है, लेकिन आज रीढ़ की हड्डी कहां है. यहां तो सिर्फ ढांचा बच गया है. हम सबको पुतला बनाकर छोड़ दिया है. नेताओं को कार्यकर्ता की इज्जत करनी होगी.

पीसीसी मेंबर ने भी जताई थी नाराजगी...

अब जोधपुर में जब भी कांग्रेसियों को एकत्र किया जाता है तो खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का दर्द लगता जा रहा है 12 दिसंबर को जयपुर में जो रैली आयोजित की गई थी उसकी तैयारी के लिए जोधपुर में लूणी विधानसभा क्षेत्र में हुई एक बैठक में वैभव गहलोत के सामने पीसीसी के सदस्य मोतीराम चौधरी ने भी अपना दर्द व्यक्त किया था. उन्होंने तो यहां तक कहा कि चापलूसों को पद दे दिए हैं.

Last Updated : Dec 29, 2021, 12:18 PM IST
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