जोधपुर. नगर निगम दक्षिण में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों के पेंडेंसी को लेकर गुरुवार को पूरे दिन ड्रामा चला. पहले इसको मुद्दा बनाते हुए प्रतिपक्ष नेता गणपत सिंह चौहान के नेतृत्व में निगम के बाहर धरना दिया. इसके बाद महापौर पर उनकी बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए कक्ष पर ताला जड़ दिया और दरवाजे पर अपना ज्ञापन चस्पा कर दिया.
इसके बाद महापौर वनीता सेठ अपने पार्षदों के साथ निगम पहुंची तो कक्ष पर ताला जड़ा देख उन्होंने निगम के बरामदे में ही टेबल कुर्सी लगा ली. इतना ही नहीं जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले अनुभाग के कर्मचारियों को सम्मानित भी किया. इसके बाद भाजपा के पार्षदों ने महापौर कक्ष का ताला तोड़ा. इस दौरान पार्षद रामस्वरूप प्रजापत को चोट भी लग गई. सुबह 11 बजे धरना शुरू होने के साथ चालू हुआ ड्रामा शाम 8 बजे तक चलता रहा.
प्रतिपक्ष नेता गणपत सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों के काम अटक रहे हैं. महापौर से मिलने के लिए हमने एक दिन पहले ही 12 से दो बजे के बीच मिलने का नोटिस दिया था. लेकिन इसके बावजूद वे नहीं मिली. जानबूझ कर पार्षदों से झगडों के नियत से उनसे मिलने नहीं आई. महापौर समस्याओं से दूर भाग रही है तो महापौर वनीता सेठ ने कहा कि कांग्रेस के पार्षदों ने शर्मनाक हरकत की है. कर्मचारियों को काम नहीं करने दे रहे हैं. 3500 प्रमाण पत्रों की पेंडेंसी खत्म कर 300 तक पहुंची है. ऐसे में कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करना चाहिए.
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महापौर ने कहा कि लीगल एडवाइजर ने ताला लगाने पर एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही, लेकिन हम उनकी तरह नहीं होना चाहते हैं. उन्हें यह सोचना होगा कि उनके साथी नगर निगम उत्तर से यहां आ रहे हैं. अगर हमने कुछ किया तो वे कहां जाएंगे. कांग्रेस के पार्षद काम में बाधा बने हुए हैं. इनके साथ साथ पदाधिकारी भी पूरे दिन यहां रहते हैं. महापौर ने कांग्रेस पार्षद दल के धरने पर सवाल उठाए कि धारा 144 में धरने की अनुमति किसने दी, जबकि भाजयुमो के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन करने पर चालान काटे गए.