जोधपुर. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के एक छात्र की वर्ष 2017 के अगस्त महीने में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी. छात्र का शव एनएलयू के सामने एक रेस्टोरेंट के पीछे रेलवे ट्रैक पर मिला था, जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच करते हुए इस घटना को एक्सीडेंट बताया था. इसके बाद मामले में एफआर लगा दी.
इसके बाद छात्र विक्रांत के माता-पिता की ओर से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले की शुरुआत से जांच करने के निर्देश दिए. इसके बाद मामले को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया, जिसमें जयपुर एफएसएल टीम आईआईटी के प्रोफेसर और एनआईएफटी के प्रोफेसर, रेलवे के अधिकारी और एम्स के चिकित्सकों के साथ बुधवार को घटनास्थल पर जाकर पूरे मामले में पुनः जांच शुरू करते हुए पूरे सीन का रीक्रिएशन किया.
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नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र विक्रांत की संदिग्ध अवस्था में मौत के मामले में जांच के बाद सामने आया कि मौत के एक रात पहले विक्रांत किसी पार्टी में गया था. पार्टी खत्म होने के बाद विक्रांत अपने दोस्तों को रेलवे ट्रैक पर कुछ समय बैठने का कह कर अकेला चला गया और अगले दिन सुबह उसकी लाश मिली.
सीन क्रिएशन को लेकर एसआईटी की टीम की ओर से विक्रांत की हाइट और हेल्थ के आधार पर 4 डमी पुतले बनवाएं और एक बार फिर से उसी घटनास्थल पर रेलवे ट्रैक पर डम्मी पुतले को खड़ा कर उसी स्पीड से ट्रेन से उसे हिट करवाया गया और उसके पश्चात वहां मौजूद आईआईटी और एनआईएफटी एफएसएल की टीम की ओर से पूरे मामले की जांच की गई. एसआईटी सहित पुलिस की टीम द्वारा पूरे घटनाक्रम को अलग-अलग जगहों से वीडियो शूट भी किया गया.
14 अगस्त को मिली थी लाश
छात्र विक्रांत की लाश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सामने रेलवे ट्रैक पर 14 अगस्त की सुबह मिली थी. पुलिस की जांच में सामने आया कि 13 अगस्त को विक्रांत पार्टी के बाद अपने दोस्तों को रेलवे ट्रैक पर जाकर कुछ समय बैठने का कहकर वहां से निकल गया था.
बता दें, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र विक्रांत की संदिग्ध अवस्था में मौत के मामले में पुलिस में केस दर्ज करवाने के 8 महीने बाद तक पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद विक्रांत के पिता रिटायर्ड कर्नल ने हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की, जिसके पश्चात कोर्ट के समक्ष पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम को आत्महत्या बताया.
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हाईकोर्ट की ओर से मामले को निरस्त करने के पश्चात विक्रांत की मां ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर क्रिमिनल रिट प्रिटिशन दायर की और बताया कि उसके पुत्र की शरीर पर चोट के निशान होने के बावजूद भी पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या बताया. जिसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले की शुरुआत से जांच करने के निर्देश दिए. इसी के तहत बुधवार को एसआईटी की टीम की ओर से सभी विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस पूरे घटनाक्रम का पुनः सीन रीक्रिएशन करवाया गया.