जोधपुर. शहर में जलसंकट के हालात बनने जा रहे हैं क्योंकि नहर बंदी को दो दिनों के लिए और बढाने की घोषणा की गई है. सरहिंद फीडर टूट गया है और उसकी मरम्मत (Canal closure in Jodhpur) चल रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि नहर बंदी का समय और बढ़ेगा.
माना जा रहा है कि अब आने वाले 8 से 10 दिनो तक संग्रहित पानी से ही चलाना पड़ेगा. इस मामले को लेकर प्रशासन भी चिंता में है. कलेक्टर ने शनिवार को जलदाय विभाग के साथ बैठकर पूरा प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत अब तीन दिन में एक बार पानी आएगा. ऐसे में अगर पानी मिलने में और देरी हुई तो परेशानी बढ़ सकती है. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा कि नहरबंदी बढ़ने से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए पानी का सदुपयोग करें. उन्होंने बताया कि हालात संभालने के लिए उन्होने जलदाय विभाग के साथ आरएएस अधिकारियों की भी टीम लगाई है. वर्तमान में स्टोरेज पानी 275 एमसीएफटी है. लेकिन इसमें 150 एमसीएफटी स्टोरेज है. ऐसे में शेष पानी से प्रतिदिन 14 से 15 एमसीएफटी के हिसाब से करीब दस दिन ही पानी की आपूर्ति हो सकती है. उन्होंने कहा कि पानी के दो जून तक आने की संभावना है. इसमें विलंब भी हो सकता है. ऐसे में तीन दिन में एक बार पानी दिया (Canal closure time extended in Jodhpur ) जाएगा.
इस वजह से करनी पड़ी हैं आपात व्यवस्थाएं: जोधपुर शहर की जलापूर्ति का मुख्य स्रोत इन्दिरा गांधी नहर है, जिसकी मरम्मत के लिए पंजाब और राजस्थान में इस वर्ष 60 दिनों की नहर बंदी चल रही है. यह नहरी पानी 21 मई, शनिवार को पंजाब से प्रारंभ होकर 28 मई तक जोधपुर पहुंचना था, उसी के अनुरूप ही जोधपुर में जल संग्रहण की तैयारी की गई थी. लेकिन सरहिन्द फीडर के पास मुख्य नहर टूट जाने के कारण अब इस नहर का पानी की अब 2 जून तक जोधपुर पहुंचने की (Canal closure time extended in Jodhpur ) संभावना है.
क्षेत्रों में अठारह दलों का किया गया गठन: पानी की हालातों को देखते हुए जोधपुर शहर में नहर बन्दी के बीच जलापूर्ति की व्यवस्थाओं को सुचारु रखने के लिए जोधपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों को 18 जोन में बांट दिया गया है. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में अठारह दलों का गठन भी किया गया है. पेयजल से संबंधित शिकायतों के निस्तारण के लिए जिला प्रशासन और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने शहर में 3 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं.