जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में जस्टिस पी के लोहरा की अदालत में बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी मामले में सीबीआई की ओर से पेश की गई याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है. अभियोजन पक्ष के गवाह अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की डीएनए विशेषज्ञ एंबर बी कार की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराए जाने को लेकर सीबीआई ने एससी-एसटी कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका पेश की थी. सीबीआई की ओर से पूर्व में बहस पूरी कर ली गई थी. और गुरुवार को बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह चौधरी ने अपना पक्ष रखा.
उन्होंने अदालत को बताया कि अंबर बी कार की गवाही को लेकर सीबीआई ने छह बार अधीनस्थ न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया. लेकिन 6 बार ही खारिज हो गया है. सीबीआई ने सितंबर 2018 से लेकर अब तक इसी आधार पर अधीनस्थ न्यायालय में 34 बार एडजर्नमेंट लिया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लेकर सीआरपीसी में कोई प्रावधान नहीं है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लेकर हाईकोर्ट के नए रूल्स 2018 में सिविल क्रिमिनल रूल्स में भी प्रावधान नहीं है. तो वहीं गवाह ने भी कोर्ट में आने से मना नहीं किया है. ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही करवाना सही नहीं है. अधिवक्ता ने कहा कि सीबीआई केवल मामलों को लंबित कर आरोपियों को प्रताड़ित करने का ही प्रयास कर रही है. ऐसे में हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद गुरूवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है.