जोधपुर. जिले में गुरुवार को चिकित्सा विभाग की लापरवाही से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जहां कोरोना महामारी के दौरान फुटपाथ पर रहने वाले एक भिखारी ने तड़पते-तड़पते जान दे दी. सूचना के बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची, लेकिन फिर भी भिखारी की लाश घंटों तक सड़क पर ही पड़ी रही.
जानकारी के अनुसार जोधपुर के उदय मंदिर थाना क्षेत्र में एक भिखारी की बुधवार रात को तबीयत खराब हुई थी. आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कोरोना कंट्रोल रूम और 108 पर सूचना दी. एम्बुलेंस मौके पर तो आई, लेकिन भिखारी को अस्पताल लेकर नहीं गई. उसे सड़क पर बीमारी की हालात में ही छोड़ दिया.
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गुरुवार सुबह फिर से भिखारी की तबीयत खराब हुई तो पुलिस को सूचना मिली. पुलिस ने आकर मौके पर देखा तो की भिखारी की हालत खराब थी. जिस पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और 108 को सूचना दी गई. गुरुवार को भिखारी को लेने कोई एम्बुलेंस नहीं आई. उस दौरान प्रशासन पर मीडियाकर्मियों के दबाव डालने के बाद एम्बुलेंस मौके पर आई, लेकिन तब तक भिखारी ने दम तोड़ दिया.
इसके बावजूद एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शव को उठाने में आनाकानी की. क्योंकि उनके पास पीपीई किट नहीं था. उदय मंदिर थाना पुलिस ने एंबुलेंस कर्मचारियों को पीपीई किट उपलब्ध करवाया. उसके बाद एंबुलेंस कर्मचारियों ने शव को उठाया और उसे महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया.
उदय मंदिर थाना अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि बुधवार को भी उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी थी. इसके बावजूद भी कोई भी एंबुलेंस भिखारी को लेकर नहीं गई. थानाधिकारी के आग्रह करने के बावजूद भी एम्बुलेंस कर्मचारियों ने भिखारी को लेकर जाने से मना कर दिया. फिलहाल अज्ञात भिखारी के शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.