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ओला इलेक्ट्रिक वाहन की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर ठगे 22 लाख रुपए...फर्जी तरीके से जारी करते रहे लेटर - jodhpur online fraud

ओला इलेक्ट्रिक वाहन की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर जोधपुर में 22 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.

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जोधपुर में 22 लाख की ठगी
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Published : Sep 17, 2021, 3:44 PM IST

जोधपुर. देशभर में ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की चर्चा है. हाल में लांच हुए इस स्कूटर की बुकिंग बड़ी मात्रा में हो रही है. इस बीच बदमाशों ने ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल की डीलरशिप दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक मामला जोधपुर से सामने आया है. यहां बदमाशों ने एक व्यक्ति को ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर 22 लाख रुपए ठग लिए. ठगी को लेकर पीड़ित ने मंडोर थाने में मामला दर्ज कराया है.

पढ़ें: सावधान ! फिंगर प्रिंट का क्लोन बनाकर हो रही बैंक खातों में सेंधमारी, 54 लाख उड़ाए

पुलिस के अनुसार थाना क्षेत्र के माता का थान में ऑटोमोबाइल की दुकान करने वाले धन्नाराम परिहार ने ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल की एजेंसी के लिए पता किया. उन्हें ऑनलाइन रूप एक लिंक मिला. लिंक को ओपन करने के बाद उसमें डिटेल भरने पर एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया. 24 अगस्त को उक्त व्यक्ति ने डिलरशिप के लिए 45 हजार 500 रुपए ऑनलाइन ओला इलेक्ट्रिक के नाम से ट्रांसफर करवाए. साथ ही कहा कि इसके बाद आपको अलग अलग प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशि जमा करवानी होगी. जिसके आधार पर धन्नाराम ने 5 लाख 50 हजार रुपए जमा करवाए.

पढ़ें: सोफ्टवेयर इंजीनियर से 90 हजार की ठगी, हैरान करने वाली है कहानी...

इसके बाद धन्नाराम को डीलरशिप के लिए एनओसी दी. इसके बाद उससे 9 लाख 50 हजार रुपए और जमा करवाए. बाद में 7 लाख रुपए इलेक्ट्रिक व्हीकल बुक करने के नाम पर भी लिए. 10 सितंबर तक कुल 22 लाख 77 हजार रुपए जमा करवा लिए. इस दौरान बदमाश ओला के नाम से फर्जी तरीके से अलग-अलग लेटर जारी करते रहे. जिसे धन्नाराम सही मानता रहा. 10 सितंबर के बाद जिस नंबर से कॉल आ रहे थे वह स्वीच ऑफ आने लगा. जिससे धन्नाराम व उसके परिजन परेशान हुए. दो तीन दिन इंतजार के बाद मंडोर थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई. मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक हनुमान राम कर रहे हैं. पुलिस ने एकाउंट डीटेल के आधार बैंक से भुगतान होल्ड करवाने के लिए आग्रह किया है.

सब कुछ ओला के नाम पर

बदमाशों ने धन्नाराम से जो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाए वे सब ओला के नाम से फर्जी तरीके से करवाए. इतना ही नहीं ओला के नाम से ही मेल आईडी बना रखी ​है. जिससे डिलरशिप लेटर, एनओसी सहित अन्य लेटर जारी किए गए. इतना ही नहीं ओला डीलरशिप के नाम पर एक पोर्टल भी बना दिया जिससे लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाएं.

जोधपुर. देशभर में ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की चर्चा है. हाल में लांच हुए इस स्कूटर की बुकिंग बड़ी मात्रा में हो रही है. इस बीच बदमाशों ने ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल की डीलरशिप दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक मामला जोधपुर से सामने आया है. यहां बदमाशों ने एक व्यक्ति को ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर 22 लाख रुपए ठग लिए. ठगी को लेकर पीड़ित ने मंडोर थाने में मामला दर्ज कराया है.

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पुलिस के अनुसार थाना क्षेत्र के माता का थान में ऑटोमोबाइल की दुकान करने वाले धन्नाराम परिहार ने ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल की एजेंसी के लिए पता किया. उन्हें ऑनलाइन रूप एक लिंक मिला. लिंक को ओपन करने के बाद उसमें डिटेल भरने पर एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया. 24 अगस्त को उक्त व्यक्ति ने डिलरशिप के लिए 45 हजार 500 रुपए ऑनलाइन ओला इलेक्ट्रिक के नाम से ट्रांसफर करवाए. साथ ही कहा कि इसके बाद आपको अलग अलग प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशि जमा करवानी होगी. जिसके आधार पर धन्नाराम ने 5 लाख 50 हजार रुपए जमा करवाए.

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इसके बाद धन्नाराम को डीलरशिप के लिए एनओसी दी. इसके बाद उससे 9 लाख 50 हजार रुपए और जमा करवाए. बाद में 7 लाख रुपए इलेक्ट्रिक व्हीकल बुक करने के नाम पर भी लिए. 10 सितंबर तक कुल 22 लाख 77 हजार रुपए जमा करवा लिए. इस दौरान बदमाश ओला के नाम से फर्जी तरीके से अलग-अलग लेटर जारी करते रहे. जिसे धन्नाराम सही मानता रहा. 10 सितंबर के बाद जिस नंबर से कॉल आ रहे थे वह स्वीच ऑफ आने लगा. जिससे धन्नाराम व उसके परिजन परेशान हुए. दो तीन दिन इंतजार के बाद मंडोर थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई. मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक हनुमान राम कर रहे हैं. पुलिस ने एकाउंट डीटेल के आधार बैंक से भुगतान होल्ड करवाने के लिए आग्रह किया है.

सब कुछ ओला के नाम पर

बदमाशों ने धन्नाराम से जो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाए वे सब ओला के नाम से फर्जी तरीके से करवाए. इतना ही नहीं ओला के नाम से ही मेल आईडी बना रखी ​है. जिससे डिलरशिप लेटर, एनओसी सहित अन्य लेटर जारी किए गए. इतना ही नहीं ओला डीलरशिप के नाम पर एक पोर्टल भी बना दिया जिससे लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाएं.

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