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बजट घोषणा कार्यशाला : फिर उठी जवाबदेही और स्वास्थ्य अधिकार कानून की मांग, सिविल सोसायटी ने कहा- बजट अच्छा, पर लागू होगा तो मिलेगा लाभ

सरकार की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन और सुझाओं को लेकर वित्त विभाग की ओर से सोमवार को जयपुर में आयोजित कार्यशाला में मंथन (Workshop on Budget announcement in Jaipur) हुआ. जिसमें एक बार फिर जवाबदेही और स्वास्थ्य के अधिकार को मांग उठी. इसके साथ ही राज्य स्तर पर भी शिक्षा नीति लाने के सुझाव आए.

Workshop on Budget announcement in Jaipur, demand of right to health, education and women policy raised
बजट घोषणा कार्यशाला: फिर उठी जवाबदेही और स्वास्थ्य अधिकार कानून की मांग, सिविल सोसायटी ने कहा जवाबदेही धरातल पर उतरे
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Published : Aug 1, 2022, 11:06 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत ने सरकार ने आमजन को बड़ी राहत देने के लिए बजट पेश किया गया, लेकिन जब तक बजट की क्रियान्वयन को लेकर जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक इसका लाभ आमजन को नहीं मिलेगा. आमजन को योजनाओं के लाभ के साथ आम समस्या समाधान को लेकर एक बार फिर सिविल सोसायटी ने जवाबदेही कानून बनाने की मांग उठी. इसके साथ स्वास्थ्य का अधिकार (Demand of Right to health policy), महिला नीति, राज्य स्तर पर शिक्षा नीति सहित कई मांग इस कार्यशाला में उठी.

फेस टू फेस चर्चा: राज्य सरकार की ओर से पहली बार वित्त (बजट) विभाग की ओर से सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर फेस टू फेस चर्चा की. कार्यशाला में आयोजित सत्रों में विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को बजट घोषणाओं के बारें में विस्तृत रूप से चर्चा की. खास बात यह है कि इस कार्यशाला में अलग-अलग सिविल सोसायटी के लोगों से बजट घोषणा क्रियान्वयन को सुझाव लिया (Suggestions for Budget implementation) गया. कार्यशाला में आये सुझाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिए गए.

पढ़ें: Drones for Spraying Pesticides : कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 1000 ड्रोन करेंगे किसानों की मदद, 40 करोड़ की आएगी लागत

352 ब्लॉक से आये प्रतिनिधि: बजट कार्यशाला में राज्य के 352 ब्लॉक से आए प्रतिनिधियों ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण घोषणाओं पर सुझाव दिए. वहीं, अधिकारियों ने बजट घोषआओं के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की जानकारी दी. विभिन्न प्रस्तुतीकरणों के माध्यम से आमजन के कल्याण के लिए किए निर्णयों के बारें में उन्हें अवगत करवाया गया. साथ ही, प्रतिनिधियों से कई मुद्दों पर चर्चा कर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया. कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी मिडियम विद्यालय, कृषि बजट, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, राइट टु हेल्थ बिल, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, मुख्यमंत्री किसान पेंशन योजना, पालनहार योजना, इंदिरा रसोई योजनाओं, महिला नीति, स्वास्थ्य सुधार, सहित कई मुद्दों पर सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई.

पढ़ें: Budget Announcement 2022: सीएम गहलोत ने बजट घोषणाओं को दी मंजूरी, NGO को सहायता अनुदान के नियमों में किया सरलीकरण

यह आये सुझाव: बजट कार्यशाला में सबसे ज्यादा जोर जवाबदेही कानून और राइट टू हेल्थ को लागू किये जाने की मांग उठी. सामाजिक संगठनों ने कहा बजट अच्छा है, लेकिन इसके लागू नहीं किया जाएगा, तब तक उसका लाभ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही कार्यशाला में सामने आया कि बालिका विद्यालय जिनको अंग्रेजी में बदला गया है, उसकी वजह से बालिकाओं को दूरदराज स्कूल जाने में दिक्कत हो रही है. इसके लिए स्कूल की व्यवस्था की जाए.

  • कार्यशाला में राज्य स्तर पर भी शिक्षा नीति बनने की मांग भी उठी.
  • ट्रांसफर पॉलिसी लाई जाए
  • जन आधार कार्ड की अनिवार्यता को हटाया जाए
  • चिरंजीवी योजना की शिकायतों के निवारण के लिए कमेटी बने
  • अनुसूचित जाति/जनजाति की भागीदारी हो
  • महिला नीति को सही तरीके से क्रियान्वित किया जाए, इसमें सिविल सोसायटी को शामिल किया जाए
  • लोक कलाकारों का कार्ड बनाया जाए

इन विभागों की घोषणाओं पर हुआ मंथन: ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग, युवा एवं खेल विकास विभाग, शिक्षा एव उच्च शिक्षा विभाग, कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं पर्यटन विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास, वन एवं राजस्व विभाग, महिला एवं अधिकारिता विभाग, परिवहन विभाग, श्रम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के बिंदुओं पर चर्चा हुई.

पढ़ें: भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ की ओर से प्रदेश स्तरीय केंद्रीय बजट जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे: बजट कार्यशाला में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी (CM Gehlot in workshop on Budget announcement) पहुंचे. कार्यशाला में बजट क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और उनके समाधान के सुझाव सिविल सोसायटी की ओर से सीएम गहलोत को दिए गये. इस मौके पर मुख्य सचिव उषा शर्मा , फाइनेंस सेकेट्री अखिल अरोड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, अरुणा रॉय सहित बड़ी संख्या में सिविल सोसायटी के सदस्य मौजूद थे.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत ने सरकार ने आमजन को बड़ी राहत देने के लिए बजट पेश किया गया, लेकिन जब तक बजट की क्रियान्वयन को लेकर जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक इसका लाभ आमजन को नहीं मिलेगा. आमजन को योजनाओं के लाभ के साथ आम समस्या समाधान को लेकर एक बार फिर सिविल सोसायटी ने जवाबदेही कानून बनाने की मांग उठी. इसके साथ स्वास्थ्य का अधिकार (Demand of Right to health policy), महिला नीति, राज्य स्तर पर शिक्षा नीति सहित कई मांग इस कार्यशाला में उठी.

फेस टू फेस चर्चा: राज्य सरकार की ओर से पहली बार वित्त (बजट) विभाग की ओर से सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर फेस टू फेस चर्चा की. कार्यशाला में आयोजित सत्रों में विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को बजट घोषणाओं के बारें में विस्तृत रूप से चर्चा की. खास बात यह है कि इस कार्यशाला में अलग-अलग सिविल सोसायटी के लोगों से बजट घोषणा क्रियान्वयन को सुझाव लिया (Suggestions for Budget implementation) गया. कार्यशाला में आये सुझाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिए गए.

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352 ब्लॉक से आये प्रतिनिधि: बजट कार्यशाला में राज्य के 352 ब्लॉक से आए प्रतिनिधियों ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण घोषणाओं पर सुझाव दिए. वहीं, अधिकारियों ने बजट घोषआओं के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की जानकारी दी. विभिन्न प्रस्तुतीकरणों के माध्यम से आमजन के कल्याण के लिए किए निर्णयों के बारें में उन्हें अवगत करवाया गया. साथ ही, प्रतिनिधियों से कई मुद्दों पर चर्चा कर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया. कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी मिडियम विद्यालय, कृषि बजट, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, राइट टु हेल्थ बिल, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, मुख्यमंत्री किसान पेंशन योजना, पालनहार योजना, इंदिरा रसोई योजनाओं, महिला नीति, स्वास्थ्य सुधार, सहित कई मुद्दों पर सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई.

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यह आये सुझाव: बजट कार्यशाला में सबसे ज्यादा जोर जवाबदेही कानून और राइट टू हेल्थ को लागू किये जाने की मांग उठी. सामाजिक संगठनों ने कहा बजट अच्छा है, लेकिन इसके लागू नहीं किया जाएगा, तब तक उसका लाभ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही कार्यशाला में सामने आया कि बालिका विद्यालय जिनको अंग्रेजी में बदला गया है, उसकी वजह से बालिकाओं को दूरदराज स्कूल जाने में दिक्कत हो रही है. इसके लिए स्कूल की व्यवस्था की जाए.

  • कार्यशाला में राज्य स्तर पर भी शिक्षा नीति बनने की मांग भी उठी.
  • ट्रांसफर पॉलिसी लाई जाए
  • जन आधार कार्ड की अनिवार्यता को हटाया जाए
  • चिरंजीवी योजना की शिकायतों के निवारण के लिए कमेटी बने
  • अनुसूचित जाति/जनजाति की भागीदारी हो
  • महिला नीति को सही तरीके से क्रियान्वित किया जाए, इसमें सिविल सोसायटी को शामिल किया जाए
  • लोक कलाकारों का कार्ड बनाया जाए

इन विभागों की घोषणाओं पर हुआ मंथन: ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग, युवा एवं खेल विकास विभाग, शिक्षा एव उच्च शिक्षा विभाग, कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं पर्यटन विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास, वन एवं राजस्व विभाग, महिला एवं अधिकारिता विभाग, परिवहन विभाग, श्रम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के बिंदुओं पर चर्चा हुई.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे: बजट कार्यशाला में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी (CM Gehlot in workshop on Budget announcement) पहुंचे. कार्यशाला में बजट क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और उनके समाधान के सुझाव सिविल सोसायटी की ओर से सीएम गहलोत को दिए गये. इस मौके पर मुख्य सचिव उषा शर्मा , फाइनेंस सेकेट्री अखिल अरोड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, अरुणा रॉय सहित बड़ी संख्या में सिविल सोसायटी के सदस्य मौजूद थे.

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