जयपुर. पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में वन्यजीवों का अहम योगदान है. प्रदेश में वन्यजीव गणना 2022 (Wildlife Census 2022) 16 मई को शुरू होगी. कोरोना काल में 2 वर्ष से वन्यजीव गणना नहीं हो पाई थी. 16 मई को सुबह 8 बजे वन्यजीव गणना शुरू होगी और 17 मई सुबह 8 बजे तक वन्यजीवों की गणना की जाएगी. वन कर्मचारियों के साथ वन्यजीव प्रेमी लगातार 24 घंटे मचान पर बैठकर वन्यजीवों की गिनती करेंगे. वाटर होल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की जाएगी.
30 मई तक वन्यजीव गणना के आंकड़े एकत्रित करके वन मुख्यालय अरण्य भवन भेजे जाएंगे. वन विभाग के (Wildlife Census 2022 based on water hole method in Rajasthan) कर्मचारियों के साथ वन्यजीव प्रेमी भी इस काम में वॉलंटियर्स की तरह सहायता करेंगे. वन्यजीवों के एक-एक मूवमेंट पर नजर बनाए रखी जाएगी. जयपुर रेंज में करीब 120 से अधिक पॉइंट्स पर वन्यजीव गणना की जाएगी.
वाटर होल पद्धति के आधार पर होगी गणना: वन्यजीव गणना वाटर होल पद्धति के आधार पर की जाती है. क्योंकि वन्यजीव गणना में मुख्य आधार सभी जल स्रोत होते हैं. वन क्षेत्रों में वन विभाग की ओर से वाटर पॉइंट बनाए जाते हैं, जहां पर वन्यजीव पानी पीने के लिए आते हैं. चांदनी रात में आने वाले वन्यजीवो की गिनती की जाती है. वन्यजीव की तादाद का एक अंदाजा लग जाता है. वन विभाग की ओर से वन्यजीव गणना की तैयारियां पूरी कर ली गई है. प्रदेश भर में करीब 37 प्रजातियों के वन्यजीवों की गणना की जाएगी. गणना में टाइगर, पैंथर, भालू समेत 16 प्रजातियां मांसाहारी जीवों की है. आठ अलग-अलग प्रजातियां शाकाहारी वन्यजीव की गिनती की जाती है. साथ ही 9 अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को भी काउंटिंग में शामिल किया जाता है. 3 प्रजातियों के रेप्टाइल भी गिनती में शामिल हैं. वन्यजीव गणना में कैमरा ट्रैप का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों की होगी गणना: प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व के अलावा झालाना लेपर्ड रिजर्व सहित प्रदेश के तमाम वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षित वन क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना के आदेश जारी किए गए हैं. वन्यजीव गणना में भालू, पैंथर, टाइगर, सियागोश, लकड़बग्घे, भेड़िए, सियार, जरख, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, लंगूर, जंगली सूअर, नीलगाय, सांभर, चीतल, काला हिरण, चिंकारा, नेवला, गिलहरी, बिज्जू, उल्लू और सेही को गिना जाएगा. प्रदेश में वन्यजीवो की सैकड़ों प्रजातियां हैं. वन अधिकारियों के अनुसार वन्यजीव की प्रजाति और लिंग का सही निर्धारण हो सके इसके लिए मोबाईल या कैमरे से फ़ोटो खींच कर विशेषज्ञ से पहचान करवाना सुनश्चित करना होगा.
आंकड़े भेजे जाएंगे वन मुख्यालय: 24 घंटे की वन्यजीव गणना के आंकड़े एकत्रित करके वन मुख्यालय भेजे जाएंगे. वन्यजीव गणना के बाद आंकड़ों की अधिकारियों की ओर से तुलना की जाएगी. वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो वन विभाग के लिए खुशखबरी की बात होगी. अगर आंकड़ों में कमी आई तो वन विभाग के लिए चिंता का विषय होगा.