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वैक्सीन और वैक्सीनेशन से जुड़ी भ्रांतियों के निवारण के लिए राजस्थान विवि में वेबिनार

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Published : May 15, 2021, 10:50 PM IST

कोविड-19 से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान से बचाव के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया. इसमें विशेषज्ञों ने वायरस, टीके और टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

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राजस्थान विवि में वेबिनार

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में रूसा 2.0 के तहत संचालित एंटरप्रेन्योरशिप एंड करियर हब की ओर से कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए चलाए जा रहे वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता को लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया. वेबीनार की शुरुआत कुलपति राजीव जैन के संबोधन से हुई. इस दौरान उन्होंने महामारी के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य का महत्व बताया.

साथ ही उन्होंने कहा कि स्टार्टअप, उद्यमियों और इनोवेटर्स को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह देश को वैश्विक विनिर्माण के केंद्र में बदल सकता है. इसके अलावा भारत बायोटेक के असिस्टेंट मैनेजर डवलपमेंट एंड क्वालिटी कंट्रोल ने कोविड-19 के वायरस के बारे में जानकारी दी और वैक्सीन अनुसंधान और डिजाइनिंग से जुड़े अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने टीके और टीकाकरण की विस्तार से जानकारी दी. साथ ही शिक्षकों और अन्य प्रतिभागियों की वैक्सीनेशन से जुड़ी जिज्ञासाओं और भ्रांतियों को दूर किया.

पढ़ें: अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बेहतर प्रबंधन लेकिन अभी करनी होगी और मेहनत: हरीश चौधरी

उन्होंने बताया कि वैक्सीन डोज लगने के बाद कुछ लोगों में हल्के बुखार, सिरदर्द और घबराहट जैसे लक्षणों से घबराने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा ये हमारे प्रतिरक्षा तंत्र के सक्रिय होने का संकेत हैं. उन्होंने वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया और वैक्सीन के प्रकार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी.

वहीं वेबिनार में प्रो. एसएल शर्मा ने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप और करियर हब के माध्यम से नवाचारों और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में इनोवेटर्स की अहम भूमिका हो सकती है. एंटरप्रेन्योरशिप और करियर हब की समन्वयक विद्या पाटनी ने भी उद्यमिता और रचनात्मकता की महत्ता पर प्रकाश डाला.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में रूसा 2.0 के तहत संचालित एंटरप्रेन्योरशिप एंड करियर हब की ओर से कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए चलाए जा रहे वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता को लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया. वेबीनार की शुरुआत कुलपति राजीव जैन के संबोधन से हुई. इस दौरान उन्होंने महामारी के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य का महत्व बताया.

साथ ही उन्होंने कहा कि स्टार्टअप, उद्यमियों और इनोवेटर्स को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह देश को वैश्विक विनिर्माण के केंद्र में बदल सकता है. इसके अलावा भारत बायोटेक के असिस्टेंट मैनेजर डवलपमेंट एंड क्वालिटी कंट्रोल ने कोविड-19 के वायरस के बारे में जानकारी दी और वैक्सीन अनुसंधान और डिजाइनिंग से जुड़े अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने टीके और टीकाकरण की विस्तार से जानकारी दी. साथ ही शिक्षकों और अन्य प्रतिभागियों की वैक्सीनेशन से जुड़ी जिज्ञासाओं और भ्रांतियों को दूर किया.

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उन्होंने बताया कि वैक्सीन डोज लगने के बाद कुछ लोगों में हल्के बुखार, सिरदर्द और घबराहट जैसे लक्षणों से घबराने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा ये हमारे प्रतिरक्षा तंत्र के सक्रिय होने का संकेत हैं. उन्होंने वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया और वैक्सीन के प्रकार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी.

वहीं वेबिनार में प्रो. एसएल शर्मा ने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप और करियर हब के माध्यम से नवाचारों और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में इनोवेटर्स की अहम भूमिका हो सकती है. एंटरप्रेन्योरशिप और करियर हब की समन्वयक विद्या पाटनी ने भी उद्यमिता और रचनात्मकता की महत्ता पर प्रकाश डाला.

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