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रितेश बैरवा का छलका दर्द, बोले- आलाकमान और प्रदेश के मुखिया ने हमेशा किया नजरअंदाज

प्रदेश की गहलोत सरकार में बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों और 11 निर्दलीय विधायकों को तवज्जो मिलने से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशियों में असंतोष उभरने लगा है. राजधानी के दूदू में विधानसभा चुनाव प्रत्याशी रहे रितेश बैरवा का दर्द छलका है. बैरवा ने गहलोत सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बसपा और निर्दलीय विधायकों का साथ लेकर मजबूरी में सरकार चला रहे हैं.

Congress Leader Ritesh Bairwa
बैरवा का छलका दर्द
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Published : Aug 10, 2021, 7:15 PM IST

जयपुर. बैरवा ने मंगलवार को मौजमाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने वाले बसपा और निर्दलीय विधायकों को सरकार और संगठन में तवज्जो मिल रही है, जिससे कांग्रेस प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का मनोबल जवाब दे रहा है. क्षेत्र में न कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम हो रहे हैं और न ही प्रत्याशियों के.

कांग्रेस नेता ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में प्रताड़ित किया जा रहा है. जिससे कार्यकर्ताओं और नेताओं में पार्टी और सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ने लगा है. ढाई साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

बैरवा का छलका दर्द...

पढ़ें : Panchayati Raj Election : 2020 में मात खा चुकी कांग्रेस 2021 में कितनी है तैयार...CM गहलोत समेत कई दिग्गजों की साख दांव पर

वहीं, उन्होंने कहा कि पंचायती राज चुनाव में निर्दलीय विधायक बाबूलाल को सीआर और डीआर पदों पर टिकट बांटने की जिम्मेदारी दी जा रही है, लेकिन हम जन्मजात कांग्रेसी हैं. हमको तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, आलाकमान और प्रदेश के मुखिया ने हमेशा नजरअंदाज किया है.

जयपुर. बैरवा ने मंगलवार को मौजमाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने वाले बसपा और निर्दलीय विधायकों को सरकार और संगठन में तवज्जो मिल रही है, जिससे कांग्रेस प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का मनोबल जवाब दे रहा है. क्षेत्र में न कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम हो रहे हैं और न ही प्रत्याशियों के.

कांग्रेस नेता ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में प्रताड़ित किया जा रहा है. जिससे कार्यकर्ताओं और नेताओं में पार्टी और सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ने लगा है. ढाई साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

बैरवा का छलका दर्द...

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वहीं, उन्होंने कहा कि पंचायती राज चुनाव में निर्दलीय विधायक बाबूलाल को सीआर और डीआर पदों पर टिकट बांटने की जिम्मेदारी दी जा रही है, लेकिन हम जन्मजात कांग्रेसी हैं. हमको तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, आलाकमान और प्रदेश के मुखिया ने हमेशा नजरअंदाज किया है.

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