जयपुर. खानू खान बुधवाली राजस्थान वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष बन गए हैं. सोमवार को हुए चुनाव में सिर्फ बुधवाली ने ही दावेदारी पेश की और वे निर्विरोध अध्यक्ष बन गए. बुधवाली दूसरी बार बोर्ड अध्यक्ष बने हैं. वे बोर्ड के 13वें अध्यक्ष हैं. वक्फ की संपत्तियों को बचाना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी.
राजस्थान वक्फ बोर्ड के ज्योति नगर स्थित कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की देखरेख में नए अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया (Rajasthan waqf board chairman election 2022) शुरू हुई. वक्फ बोर्ड के सभी 9 सदस्य बैठक के लिए सुबह कार्यालय पहुंचे. मीटिंग के बाद सहमति से बुधवाली ने ही अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश की और अपना नामांकन दाखिल किया. दोपहर में नामांकन पत्रों की जांच की गई. एकमात्र उम्मीदवार होने से बुधवाली को कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित किया. बुधवाली दूसरी बार वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं. इससे पहले वे 16 महीने तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे थे. बुधवाली वक्फ बोर्ड के 13वें अध्यक्ष बनाए गए हैं.
विरोध के बावजूद जीते बुधवाली...
राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले कुछ मुस्लिम संगठनों ने बुधवाली का विरोध किया था. विरोध के लिए एक मुहिम भी चलाई गई थी. बुधवाली पर वक्फ की संपत्तियों को खुर्द बुर्द करने का आरोप भी लगाया था. इसके लिए मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया था. विरोध करने वाले मुस्लिम संगठनों ने चेतावनी दी थी कि यदि बुधवाली को अध्यक्ष बनाया जाता है तो वे सड़कों पर उतरेंगे.
दूसरी ओर कुछ मुस्लिम संगठनों ने बुधवाली का समर्थन किया था और कहा था कि बुधवाली का पिछला 16 महीने का कार्यकाल बेहतरीन रहा था. उस समय सरकार से वक्फ बोर्ड के लिए बजट भी मिला था. उनके कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का संरक्षण हुआ और अनियमितता करने वाली कमेटियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी.
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राजस्थान मुस्लिम परिषद, राजस्थान हज वेलफेयर सोसाइटी, मुस्लिम फेडरेशन, कर्बला युवा शांति एवं सुधार समिति सहित अन्य संगठन डॉ खानू खान बुधवाली को चेयरमैन बनाने की पैरवी की थी. दूसरी ओर मुस्लिम मुसाफिरखाना कमेटी, मिल्ली काउंसिल, राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा सहित अन्य संगठन बुधवाली के विरोध में रहे.
ये हैं निर्वाचित और मनोनीत सदस्य...
सांसद कोटे से अश्क अली टांक, विधायक कोटे से रफीक खान, बार काउंसिल कोटे से शाहिद अली, मुतवल्ली कोटे से यूसुफ और शब्बीर अहमद वक्फ बोर्ड के सदस्य हैं. इसी तरह से समाजसेवी कोटे से खानू खान बुधवाली, आरएस अधिकारी के तौर पर असलम शेर खान, सिया आलिम के तौर पर राणा जैदी, सुन्नी आलिम के तौर रेशमा वक्फ बोर्ड की सदस्य हैं.
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वक्फ की संपत्तियों को बचाना ही प्राथमिकता...
अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद बुधवाली ने कहा कि वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की संपत्तियां हैं. इसी तरह से देवस्थान विभाग की संपत्तियां ईश्वर की संपत्तियां हैं. वक्फ की संपत्तियों को बचाना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं जो वक्फ की संपत्तियों को कम दर पर किराए पर लेते हैं और अन्य लोगों को अधिक दर से किराए पर दे रहे है. ऐसे लोगों को इस तरह के काम नहीं करने चाहिए. उन्होंने इस नई जिम्मेदारी के लिए मुख्यमंत्री सहित आलाकमान का आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता रहेगी कि कि नई किराया नीति बने और वक्फ का विकास हो.