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'जल जीवन मिशन' की प्रगति की वीसी से समीक्षा, 'जन सहभागिता के लिए विलेज एक्शन प्लान के काम को दें गति'

हर घर तक नल कनेक्शन से पानी पहुंचाने की सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन की प्रगति की बुधवार को पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएच) सुधांश पंत ने समीक्षा की. वर्चुअल बैठक में उन्होंने विलेज एक्शन प्लान तैयार करने के काम को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने पर जोर दिया.

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'जल जीवन मिशन' की प्रगति की वीसी से समीक्षा
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Published : May 6, 2021, 1:40 AM IST

जयपुर. पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने कहा, प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हर घर नल कनेक्शन के कार्यों को गति देते हुए 'विलेज एक्शन प्लान' (वीएपी) तैयार करने के काम को भी समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए. जेजेएम के क्रियान्वयन में जन सहभागिता को बढ़ावा देने में 'विलेज एक्शन प्लान' अहम है. वे बुधवार को शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा स्वीकृत अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे.

उन्होंने कहा, प्रदेश में अभी तक 2,500 गांवों के ही 'एक्शन प्लान' तैयार हुए हैं. जबकि विभाग द्वारा सितंबर तक सभी गांवों के 'विलेज एक्शन प्लान' बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कोरोनाकाल को देखते हुए सभी अधिकारी अपने स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और जल भवन, रीजन एवं सर्किल स्तर पर संबंधित अधिकारी छोटी-छोटी अवधि की वीसी लेकर जेजेएम की प्रगति की सतत मॉनिटरिंग करें. इनमें स्वीकृतियों, निविदाओं एवं अन्य कामों में पिछड़ रहे रीजन एवं जिलों की समीक्षा पर फोकस हो. ताकि समेकित प्रगति में सुधार दर्ज किया जा सके.

यह भी पढ़ें: फर्श पर MLA : चीफ इंजीनियर के कमरे में 2 घंटे जमीन पर बैठे रहे विधायक गुढ़ा...अपने इलाके को जल जीवन मिशन में जोड़ने की थी मांग

वीसी में बताया गया कि जेजेएम के कार्यों में सहयोग के लिए अब तक 27 जिलों में आईएसए (इम्पलीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी) का चयन लिया गया है. राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) तथा जिला स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) के गठन का कार्य इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा. एसीएस ने इन कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़ विधानसभा के गांवों में सुलभ होगी पेयजल व्यवस्था, 20.67 करोड़ की स्वीकृति जारी

वीसी में सामने आया कि एसएलएससी की गत बैठकों में मेजर प्रोजेक्ट्स के अतिरिक्त स्वीकृत 9101 कार्यों में से अब तक 4500 कामों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 2800 कार्यों की निविदाएं जारी की गई है. बूंदी में 98 प्रतिशत, चूरू में 93 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 92 प्रतिशत, राजसमंद में 91 प्रतिशत तथा बारां और नागौर में 90-90 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है. वीसी में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) महेश जांगिड़ तथा जिला एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी भी शामिल हुए.

जयपुर. पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने कहा, प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हर घर नल कनेक्शन के कार्यों को गति देते हुए 'विलेज एक्शन प्लान' (वीएपी) तैयार करने के काम को भी समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए. जेजेएम के क्रियान्वयन में जन सहभागिता को बढ़ावा देने में 'विलेज एक्शन प्लान' अहम है. वे बुधवार को शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा स्वीकृत अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे.

उन्होंने कहा, प्रदेश में अभी तक 2,500 गांवों के ही 'एक्शन प्लान' तैयार हुए हैं. जबकि विभाग द्वारा सितंबर तक सभी गांवों के 'विलेज एक्शन प्लान' बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कोरोनाकाल को देखते हुए सभी अधिकारी अपने स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और जल भवन, रीजन एवं सर्किल स्तर पर संबंधित अधिकारी छोटी-छोटी अवधि की वीसी लेकर जेजेएम की प्रगति की सतत मॉनिटरिंग करें. इनमें स्वीकृतियों, निविदाओं एवं अन्य कामों में पिछड़ रहे रीजन एवं जिलों की समीक्षा पर फोकस हो. ताकि समेकित प्रगति में सुधार दर्ज किया जा सके.

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वीसी में बताया गया कि जेजेएम के कार्यों में सहयोग के लिए अब तक 27 जिलों में आईएसए (इम्पलीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी) का चयन लिया गया है. राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) तथा जिला स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) के गठन का कार्य इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा. एसीएस ने इन कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

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वीसी में सामने आया कि एसएलएससी की गत बैठकों में मेजर प्रोजेक्ट्स के अतिरिक्त स्वीकृत 9101 कार्यों में से अब तक 4500 कामों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 2800 कार्यों की निविदाएं जारी की गई है. बूंदी में 98 प्रतिशत, चूरू में 93 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 92 प्रतिशत, राजसमंद में 91 प्रतिशत तथा बारां और नागौर में 90-90 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है. वीसी में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) महेश जांगिड़ तथा जिला एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी भी शामिल हुए.

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