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सावधान! अगर आपके पास कॉल आए 'हेलो मैं बैक से बोल रहा हूं, आपका ATM कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है', उससे पहले जरूरी है ये खबर पढ़ लें - special report

देश-प्रदेश में इन दिनों कई लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं, जिसमें अगला नंबर आपका भी हो सकता है. बता दें कि फर्जी बैंक अधिकारी बन लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले शातिर साइबर ठगों का अगला निशाना आप भी हो सकते हैं. ऐसे में सावधानी बरतें और सतर्क रहें, आपकी सावधानी और सतर्कता ही आपको साइबर ठगों का शिकार होने से बचा सकती है.

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जयपुर में लोग बन रहे ऑनलाइन ठगी का शिकार
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Published : Dec 25, 2019, 8:26 AM IST

जयपुर. राजधानी में साल 2018 में 150 से अधिक लोग इस तरह की कॉल का शिकार हुए थे. वहीं साल 2019 में 350 से अधिक लोग इस कॉल का शिकार हुए हैं. साइबर ठग कॉल करके खुद को बैंक अधिकारी होना बताते हैं और ATM व क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने का झांसा देकर कार्ड को अनब्लॉक करने के लिए कार्ड से संबंधित जानकारी और OTP के बारे में पूछ लेते हैं.

आधार कार्ड लिंक करने का झांसा...

साइबर ठक बैंक खाते से आधार कार्ड लिंक करने का झांसा देकर भी लोगों से ATM और क्रेडिट कार्ड संबंधित जानकारी लेकर ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर ठग ATM और क्रेडिट कार्ड का नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर बताने को कहते हैं. साथ ही मोबाइल पर आया हुआ OTP पूछते हैं. जैसे ही यह तमाम जानकारी ठग को दी जाती है, वैसे ही व्यक्ति के खाते में से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया जाता है.

राजधानी में कई लोग बने ऑनलाइन ठगी का शिकार...

बैंक कर रहा जागरुक...

इस तरह की ठगी को लेकर बैंक के अधिकारी और कर्मचारी लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं. इस तरह के किसी भी कॉल पर जानकारी न देने की बात कही जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग बड़ी आसानी से ठगी का शिकार हो रहे हैं.

IVR कॉल के जरिए भी बनाए जा रहा लोगों को ठगी का शिकार...

फर्जी बैंक अधिकारी बन लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले अनेक प्रकरण सामने आने के बाद अब साइबर ठगों ने IVR कॉल की जरिए भी लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया है. इसके तहत साइबर ठग कंप्यूटराइज्ड कॉल के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि कंप्यूटराइज्ड कॉल के जरिए व्यक्ति को फोन करके उसकी कार्ड डिटेल एंटर करने के लिए कहा जाता है. साथ ही मोबाइल पर आए हुए OTP को एंटर करने के लिए कहा जाता है. कंप्यूटराइज्ड कॉल के चलते व्यक्ति भी कार्ड से संबंधित डिटेल एंटर कर देता है और कुछ ही देर में उसके खाते से रुपयों का ट्रांजेक्शन हो जाता है.

पढ़ें- सरकारी स्कूलों के सूरत-ए-हाल: कुछ के हालात गड़बड़ तो कुछ के सही, कहीं जर्जर भवन में गढ़ा जा रहा 'भविष्य'

साइबर ठगों से खुद को बचाने के लिए अपनाएं यह सावधानी...

  • यदि आप किसी वेबसाइट पर ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो उस पर अपने कार्ड की डिटेल को डायरेक्ट एंटर न करें, बल्कि मोबाइल बैंकिंग के जरिए वर्चुअल कार्ड क्रिएट करें.
  • यदि डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड रोजाना काम में नहीं आता तो उसके यूज को मोबाइल बैंकिंग में जाकर बंद करें.
  • इसके साथ ही मोबाइल बैंकिंग में जाकर अपने कार्ड की खर्च लिमिट को कम करें.
  • साइबर ठग जब भी किसी को ठगी का शिकार बनाता है तो उसका सारा ट्रांजेक्शन विदेश में होता है. ऐसे में मोबाइल बैंकिंग के जरिए अपने कार्ड के इंटरनेशनल यूज को बंद करें और आवश्यकता होने पर ही इस ऑप्शन को शुरू करें.
  • अपने कार्ड से संबंधित जानकारी और OTP को किसी को भी ना बताए और ना ही IVR सिस्टम के जरिए आई हुई कॉल में एंटर करें.

जयपुर. राजधानी में साल 2018 में 150 से अधिक लोग इस तरह की कॉल का शिकार हुए थे. वहीं साल 2019 में 350 से अधिक लोग इस कॉल का शिकार हुए हैं. साइबर ठग कॉल करके खुद को बैंक अधिकारी होना बताते हैं और ATM व क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने का झांसा देकर कार्ड को अनब्लॉक करने के लिए कार्ड से संबंधित जानकारी और OTP के बारे में पूछ लेते हैं.

आधार कार्ड लिंक करने का झांसा...

साइबर ठक बैंक खाते से आधार कार्ड लिंक करने का झांसा देकर भी लोगों से ATM और क्रेडिट कार्ड संबंधित जानकारी लेकर ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर ठग ATM और क्रेडिट कार्ड का नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर बताने को कहते हैं. साथ ही मोबाइल पर आया हुआ OTP पूछते हैं. जैसे ही यह तमाम जानकारी ठग को दी जाती है, वैसे ही व्यक्ति के खाते में से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया जाता है.

राजधानी में कई लोग बने ऑनलाइन ठगी का शिकार...

बैंक कर रहा जागरुक...

इस तरह की ठगी को लेकर बैंक के अधिकारी और कर्मचारी लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं. इस तरह के किसी भी कॉल पर जानकारी न देने की बात कही जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग बड़ी आसानी से ठगी का शिकार हो रहे हैं.

IVR कॉल के जरिए भी बनाए जा रहा लोगों को ठगी का शिकार...

फर्जी बैंक अधिकारी बन लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले अनेक प्रकरण सामने आने के बाद अब साइबर ठगों ने IVR कॉल की जरिए भी लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया है. इसके तहत साइबर ठग कंप्यूटराइज्ड कॉल के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि कंप्यूटराइज्ड कॉल के जरिए व्यक्ति को फोन करके उसकी कार्ड डिटेल एंटर करने के लिए कहा जाता है. साथ ही मोबाइल पर आए हुए OTP को एंटर करने के लिए कहा जाता है. कंप्यूटराइज्ड कॉल के चलते व्यक्ति भी कार्ड से संबंधित डिटेल एंटर कर देता है और कुछ ही देर में उसके खाते से रुपयों का ट्रांजेक्शन हो जाता है.

पढ़ें- सरकारी स्कूलों के सूरत-ए-हाल: कुछ के हालात गड़बड़ तो कुछ के सही, कहीं जर्जर भवन में गढ़ा जा रहा 'भविष्य'

साइबर ठगों से खुद को बचाने के लिए अपनाएं यह सावधानी...

  • यदि आप किसी वेबसाइट पर ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो उस पर अपने कार्ड की डिटेल को डायरेक्ट एंटर न करें, बल्कि मोबाइल बैंकिंग के जरिए वर्चुअल कार्ड क्रिएट करें.
  • यदि डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड रोजाना काम में नहीं आता तो उसके यूज को मोबाइल बैंकिंग में जाकर बंद करें.
  • इसके साथ ही मोबाइल बैंकिंग में जाकर अपने कार्ड की खर्च लिमिट को कम करें.
  • साइबर ठग जब भी किसी को ठगी का शिकार बनाता है तो उसका सारा ट्रांजेक्शन विदेश में होता है. ऐसे में मोबाइल बैंकिंग के जरिए अपने कार्ड के इंटरनेशनल यूज को बंद करें और आवश्यकता होने पर ही इस ऑप्शन को शुरू करें.
  • अपने कार्ड से संबंधित जानकारी और OTP को किसी को भी ना बताए और ना ही IVR सिस्टम के जरिए आई हुई कॉल में एंटर करें.
Intro:जयपुर
एंकर- फर्जी बैंक अधिकारी बन लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले शातिर साइबर ठगों का अगला निशाना आप भी हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी बरतें और सतर्क रहें आपकी सावधानी और सतर्कता ही आपको साइबर ठगों का शिकार होने से बचा सकती है। राजधानी जयपुर में वर्ष 2018 में 150 से अधिक लोग इस तरह की कॉल का शिकार कुए थे और वही वर्ष 2019 में 350 से अधिक लोग इस कॉल का शिकार हुए। साइबर ठग कॉल करके खुद को बैंक अधिकारी होना बताता है और साथ ही ATM व क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने का झांसा देकर कार्ड को अनब्लॉक करने के लिए कार्ड से संबंधित जानकारी और OTP के बारे में पूछता है।


Body:वीओ- साइबर ठक बैंक खाते से आधार कार्ड लिंक करने का झांसा देकर भी लोगों से ATM व क्रेडिट कार्ड संबंधित जानकारी मांग ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर ठग ATM व क्रेडिट कार्ड का नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर बताने को कहते हैं। इसके साथ ही मोबाइल पर आया हुआ OTP पूछते हैं और जैसे ही यह तमाम जानकारी ठग को दी जाती है वैसे ही व्यक्ति के खाते में से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया जाता है। इस तरह की ठगी को लेकर बैंक द्वारा लोगों को जागरुक किया जा रहा है और इस तरह के किसी भी कॉल पर जानकारी ना देने की बात कही जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी लोग बड़ी आसानी से ठगी का शिकार हो रहे हैं।

IVR कॉल के जरिए भी बनाए जा रहा लोगों को ठगी का शिकार

फर्जी बैंक अधिकारी बन लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले अनेक प्रकरण सामने आने के बाद अब साइबर ठगों ने IVR कॉल की जरिए भी लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरु कर दिया है। इस के तहत साइबर ठग कंप्यूटराइज्ड कॉल के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि कंप्यूटराइज्ड कॉल के जरिए व्यक्ति को फोन करके उसकी कार्ड डिटेल एंटर करने के लिए कहा जाता है और इसके साथ ही मोबाइल पर आए हुए OTP को एंटर करने के लिए कहा जाता है। कंप्यूटराइज्ड कॉल के चलते व्यक्ति भी कार्ड से संबंधित डिटेल एंटर कर देता है और कुछ ही देर में उसके खाते से रुपयों का ट्रांजेक्शन हो जाता है।

साइबर ठगों से खुद को बचाने के लिए अपनाएं यह सावधानी:

1. यदि आप किसी वेबसाइट पर ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो उस पर अपने कार्ड की डिटेल को डायरेक्ट एंटर ना करें बल्कि मोबाइल बैंकिंग के जरिए वर्चुअल कार्ड क्रिएट करें

2. यदि डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड रोजाना काम में नहीं आता तो उसके यूज को मोबाइल बैंकिंग में जाकर बंद करें

3. इसके साथ ही मोबाइल बैंकिंग में जाकर अपने कार्ड की खर्च लिमिट को कम करें

4. साइबर ठग जब भी किसी को ठगी का शिकार बनाता है तो उसका सारा ट्रांजेक्शन विदेश में होता है। ऐसे में मोबाइल बैंकिंग के जरिए अपने कार्ड के इंटरनेशनल यूज़ को बंद करें और आवश्यकता होने पर ही इस ऑप्शन को शुरू करें

5. अपने कार्ड से संबंधित जानकारी और OTP को किसी को भी ना बताए और ना ही IVR सिस्टम के जरिए आई हुई कॉल में एंटर करें

बाइट- दीपक उपाध्याय, साइबर ठगी का पीड़ित
बाइट- सुनील शर्मा, बैंक अधिकारी
बाइट- आयुष भारद्वाज, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट


Conclusion:
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