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'ड्राइव थ्रू' थीम पर क्रिसमस का अनूठा सेलिब्रेशन, हर मोड़ पर सांता ने बांटे तोहफे

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Published : Dec 25, 2020, 10:29 AM IST

कोरोना काल का असर क्रिसमस सेलिब्रेशन पर भी पड़ा है. शहर में कर्फ्यू लगने के चलते कई कार्यक्रम भी रद्द हो गए है. जबकि क्रिसमस पर सांता क्लाज से उपहार लेने के इंतजार में छोटे बच्चे पूरे साल इसका इंतजार करते है. ऐसे में कोविड के बीच हैरान परेशान नन्हें मुन्ने बच्चों के लिए एक अनूठा क्रिसमस सेलिब्रेशन किया गया, जिसको नाम दिया गया 'ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन'...आप भी देखिए

Christmas celebration in vidyashram school jaipur, जयपुर में क्रिसमस सेलिब्रेशन
Christmas celebration in vidyashram school jaipur, जयपुर में क्रिसमस सेलिब्रेशन

जयपुर. लॉकडाउन हो या फिर अनलॉक त्यौहार अभी भी लॉक है. इस दरमियान स्कूल भी बंद है और पिछले 9 महीनों से बच्चें एक तरह से घरों में कैद है. कोरोना की वजह से जिन बच्चों का स्कूल में एडमिशन मार्च में हुआ, उन्हें अपना स्कूल देंखने का भी मौका तक नहीं मिल पाया. वही इस बार क्रिसमस पर नन्हें मुन्ने बच्चों को उम्मीद थी कि सांता क्लाज आएंगे और तरह-तरह के उपहार देंगे लेकिन अफसोस कोरोना महामारी ने सब कुछ चौपट कर दिया. ऐसे में भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम ने अनूठा क्रिसमस सेलिब्रेशन का तरीका सोचा और ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन के जरिए बच्चों की मुस्कान लौटाई.

ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन

ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन के जरिए भारतीय विद्या भवन में छोटे बच्चों को अपने परिजनों के साथ कार और बाइक पर बैठे-बैठे घूमने की आजादी दी गई. सेलिब्रेशन के माहौल के लिए ड्राइव थ्रू के पूरे रास्तों को सजाया गया. जहां दर्जनों गाड़ियों के काफिले में सवार बच्चों ने खूब मस्ती की. इस दौरान बच्चें अपने घर से ही सांता की वेशभूषा में सजधज कर आए और गाड़ी में ही बैठे-बैठे क्रिसमस सिलिब्रेट किया, जिसके बाद सीधे अपने घर की ओर लौट गए. जहां हर मोड़ पर स्टूडेंट्स को सांता ने तोहफा दिया. जैसे ही नौनिहालो ने सांता से गिफ्ट लिए तो मानो सर्दी की सुनहरी धूप में बच्चों के चेहरों पर खुशियां जगमगाने लगी. एक तरह से बच्चों के चेहरे खिल उठे और बच्चों में नूतन चेतना का संचार होने लगा.

पढ़ेंः Special : अंग्रेजों के जमाने की बेकरी हिंदुस्तान में मचा रही धूम...विदेश से भी आते हैं ऑर्डर

वैसे भी क्रिसमस पर सांता क्लाज की बड़ी महिमा है. इस दाढ़ी वाले बाबा के बिना उत्सव फीका-फीका सा लगता है. क्रिसमस उत्सव की महफ़िल में सांता क्लाज लंबी-लंबी कई जेबों वाली अजीबोगरीब पोशाक पहनकर आता है और बच्चों को तरह-तरह के उपहार देकर उनकी मुश्किल लौटाता है. सांता की सफेद दाढ़ी मानो चांदी सी चमकती रहती है और उसी वेशभूषा में नन्हें बच्चें भी क्रिसमस पर सांता बनकर सिलिब्रेट करते है. इस बार कोरोना के चलते सांता तो बच्चों तक नहीं आ सके लेकिन बच्चें ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन के जरिए सांता से उपहार लेने पहुंचे गए.

कोरोना संकटकाल में डरे सहमे बच्चों के लिए ये क्रिसमस के उपहार अपार खुशियां लेकर आए है. साथ ही इस तरह का अनूठा सेलिब्रेशन क्रिसमस पर सकारात्मक सोच के साथ नन्हे-मुन्ने बच्चों के सपनों को उत्साह व उमंगों को पंखे लगाने वाला है.

जयपुर. लॉकडाउन हो या फिर अनलॉक त्यौहार अभी भी लॉक है. इस दरमियान स्कूल भी बंद है और पिछले 9 महीनों से बच्चें एक तरह से घरों में कैद है. कोरोना की वजह से जिन बच्चों का स्कूल में एडमिशन मार्च में हुआ, उन्हें अपना स्कूल देंखने का भी मौका तक नहीं मिल पाया. वही इस बार क्रिसमस पर नन्हें मुन्ने बच्चों को उम्मीद थी कि सांता क्लाज आएंगे और तरह-तरह के उपहार देंगे लेकिन अफसोस कोरोना महामारी ने सब कुछ चौपट कर दिया. ऐसे में भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम ने अनूठा क्रिसमस सेलिब्रेशन का तरीका सोचा और ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन के जरिए बच्चों की मुस्कान लौटाई.

ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन

ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन के जरिए भारतीय विद्या भवन में छोटे बच्चों को अपने परिजनों के साथ कार और बाइक पर बैठे-बैठे घूमने की आजादी दी गई. सेलिब्रेशन के माहौल के लिए ड्राइव थ्रू के पूरे रास्तों को सजाया गया. जहां दर्जनों गाड़ियों के काफिले में सवार बच्चों ने खूब मस्ती की. इस दौरान बच्चें अपने घर से ही सांता की वेशभूषा में सजधज कर आए और गाड़ी में ही बैठे-बैठे क्रिसमस सिलिब्रेट किया, जिसके बाद सीधे अपने घर की ओर लौट गए. जहां हर मोड़ पर स्टूडेंट्स को सांता ने तोहफा दिया. जैसे ही नौनिहालो ने सांता से गिफ्ट लिए तो मानो सर्दी की सुनहरी धूप में बच्चों के चेहरों पर खुशियां जगमगाने लगी. एक तरह से बच्चों के चेहरे खिल उठे और बच्चों में नूतन चेतना का संचार होने लगा.

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वैसे भी क्रिसमस पर सांता क्लाज की बड़ी महिमा है. इस दाढ़ी वाले बाबा के बिना उत्सव फीका-फीका सा लगता है. क्रिसमस उत्सव की महफ़िल में सांता क्लाज लंबी-लंबी कई जेबों वाली अजीबोगरीब पोशाक पहनकर आता है और बच्चों को तरह-तरह के उपहार देकर उनकी मुश्किल लौटाता है. सांता की सफेद दाढ़ी मानो चांदी सी चमकती रहती है और उसी वेशभूषा में नन्हें बच्चें भी क्रिसमस पर सांता बनकर सिलिब्रेट करते है. इस बार कोरोना के चलते सांता तो बच्चों तक नहीं आ सके लेकिन बच्चें ड्राइव थ्रू क्रिसमस सेलिब्रेशन के जरिए सांता से उपहार लेने पहुंचे गए.

कोरोना संकटकाल में डरे सहमे बच्चों के लिए ये क्रिसमस के उपहार अपार खुशियां लेकर आए है. साथ ही इस तरह का अनूठा सेलिब्रेशन क्रिसमस पर सकारात्मक सोच के साथ नन्हे-मुन्ने बच्चों के सपनों को उत्साह व उमंगों को पंखे लगाने वाला है.

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