जयपुर. विश्व विरासत जयपुर का निरीक्षण कर रही यूनेस्को टीम ने शुक्रवार को सिटी पैलेस में स्वच्छता को लेकर विभिन्न वर्गों (UNESCO team discussed with different sections) से चर्चा की. साथ ही जयपुर हेरिटेज के संरक्षण को लेकर भी सुझाव मांगे. इस दौरान जयपुर वॉल सिटी की पुरानी हवेलियों और हेरिटेज संरक्षण करने में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी फीडबैक लिया गया. वहीं चर्चा में शामिल हुए डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति केके गुप्ता ने स्वच्छता को लेकर प्रजेंटेंशन दिया. उन्होंने डूंगरपुर को स्वच्छता में अव्वल लाने के अपने अनुभवों को पेश करते हुए कई अहम सुझाव दिए हैं.
51 हज़ार की आबादी वाले डूंगरपुर नगर परिषद ने देश में अलग मिसाल कायम की है. हरियाली और स्वच्छता का संदेश देते हुए डूंगरपुर लगातार आगे बढ़ रहा है. इसी संबंध में पूर्व सभापति ने प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि किसी भी देश, प्रदेश, ग्राम पंचायत, नगर पालिका को वहां की हरियाली, स्वच्छता ही उच्च पायदान पर पहुंचा सकती है. इसके लिए सबसे पहले पॉलीथिन का उपयोग बंद करना चाहिए. केके गुप्ता ने बताया कि डूंगरपुर क्षेत्र की जनता के बीच जन जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसका परिणाम ये रहा कि उन्होंने पॉलिथीन मुक्त डूंगरपुर की स्थापना की.
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शहर में हर साल 5,000 पौधे लगाए गए वहां कोई भी काम दिखावे के लिए नहीं किया गया. हर नागरिक को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है, जिससे उसके घर, मकान, दुकान सहित अन्य स्थानों पर कचरे का ढेर नहीं लगे. इसी के साथ गुप्ता ने कहा कि उन्हें गांधीनगर जिले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है वो हर संभव प्रयास कर रहे हैं, जिससे गांधीनगर स्वच्छता की दृष्टि में देश का पहला जिला बने. आपको बता दें कि यूनेस्को टीम बीते 8 दिनों से चार दीवारी क्षेत्र में विजिट कर रही है. टीम के सदस्यों ने रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी, व्यापारी वर्ग और धरोहर बचाओ समिति से भी हेरिटेज के संरक्षण को लेकर चर्चा की है. साथ ही आम जनता हेरिटेज संरक्षण में कैसे अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकती है, इस पर यूनेस्को एक्सपर्ट और हेरिटेज सेल ने अपना मार्गदर्शन भी प्रदान किया.