जयपुर. घर से दूर रहकर कमरा किराया लेकर विभिन्न भर्तियों की तैयारी करने वाले बेरोजगार अभ्यर्थियों ने किराया माफ करवाने को लेकर ट्विटर को अपना हथियार बनाया है. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की तरफ से चलाएं जा रहे इस ट्विटर अभियान में बेरोजगारी अभ्यर्थी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं.
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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बेरोजगार अभ्यर्थियों का कमरा किराया माफ किया जाए
— Upen yadav official (@Upenyad04535960) April 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
और लॉकडाउन ख्त्म होने के बाद कोचिंगो में जमा कराई गई फीस मे ही कोचिंग करवाई जाए या फीस वापस लौटाई जाए
कोरोना से मुक्ति मिलने के बाद दोनों मामलों को लेकर लड़ाई लड़ेंगे सभी साथी तैयार रहे । https://t.co/4SasPjhS2l
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— Upen yadav official (@Upenyad04535960) April 29, 2020
और लॉकडाउन ख्त्म होने के बाद कोचिंगो में जमा कराई गई फीस मे ही कोचिंग करवाई जाए या फीस वापस लौटाई जाए
कोरोना से मुक्ति मिलने के बाद दोनों मामलों को लेकर लड़ाई लड़ेंगे सभी साथी तैयार रहे । https://t.co/4SasPjhS2lप्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बेरोजगार अभ्यर्थियों का कमरा किराया माफ किया जाए
— Upen yadav official (@Upenyad04535960) April 29, 2020
और लॉकडाउन ख्त्म होने के बाद कोचिंगो में जमा कराई गई फीस मे ही कोचिंग करवाई जाए या फीस वापस लौटाई जाए
कोरोना से मुक्ति मिलने के बाद दोनों मामलों को लेकर लड़ाई लड़ेंगे सभी साथी तैयार रहे । https://t.co/4SasPjhS2l
एकीकृत महासंघ की मांग है कि, जिन बेरोजगार अभ्यर्थियों ने कोचिंग फीस जमा करवा दी हैं, उन अभ्यार्थियों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद उसी फीस में कोचिंग करवाई जाए या सभी अभ्यर्थियों की फीस वापस लौटाई जाएं. साथ ही ट्विटर पर बेरोजगारों ने हजारों ट्वीट कर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि, मकान मालिकों को निर्देश देकर बेरोजगार प्रतियोगी छात्रों का किराया माफ करवाया जाए और साथ में कोचिंग मालिकों को लॉकडाउन के बाद अभ्यर्थियों को उसी फीस में कोचिंग करवाने या फिर फीस वापस लौटाने का स्पष्ट आदेश दिए जाएं.
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दरअसल राजस्थान के जयपुर, कोटा, सीकर और जोधपुर में लाखों गरीब छात्र कोचिंग करने आते हैं. इन लाखों अभ्यर्थियों ने कोचिंग की फीस भी जमा करवा रखी है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से अचानक लॉकडाउन लगने के कारण गरीब छात्रों को अपने घर जाना पड़ा. वहीं, अब मकान मालिक भी मकान किराया मांग रहे हैं, जो कि गरीब छात्रों पर दोहरी मार है. ऐसे में गरीब छात्र बेरोजगारी की वजह से मकान किराया देने में असमर्थ हैं. इसलिए ट्विटर अभियान चलाकर हजारों छात्रों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाई है.