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Prashasan Shehro Ke Sang : प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि में नामांतरण को लेकर यूडीएच ने दी विशेष छूट

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Published : Jan 3, 2022, 5:00 PM IST

यूडीएच विभाग ने प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि में नामान्तरण के लिए पूर्व में लिए जा रहे प्रति वर्गमीटर की दर से देय राशि को खत्म कर दिया है. नए आदेशों के मुताबिक एकमुश्त शुल्क (Land Mutation fees in Prashasan Shehro Ke Sang) लेकर नाम परिवर्तन के अनुसार ही फ्री होल्ड का पट्टा देने के लिए निर्देशित किया ​है.

Land Mutation fees in Prashasan Shehro Ke Sang
Land Mutation fees in Prashasan Shehro Ke Sang

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि के लिए कृषि भूमि रूपांतरण, भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क, उप-विभाजन/पुनर्गठन शुल्क और नाम हस्तांतरण के प्रकरणों की दरें/शुल्क में अभियान अवधि के लिए विशेष छूट प्रदान की गई है. यूडीएच विभाग ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि अभियान अवधि के लिए नगरीय निकाय अपने मंडल के किसी पूर्व निर्णय/आदेश के आधार पर अन्य दर/शुल्क वसूल नहीं करेगा.

यूडीएच विभाग ने अभियान अवधि में नामान्तरण के लिए पूर्व में लिए जा रहे प्रति वर्गमीटर की दर से देय राशि को खत्म करते हुए एकमुश्त शुल्क (Land Mutation fees in Prashasan Shehro Ke Sang) लेकर नाम परिवर्तन के अनुसार ही फ्री होल्ड का पट्टा देने के लिए निर्देशित किया ​है. 300 वर्ग मीटर तक (एकमुश्त) शुल्क हजार रुपए, जबकि 300 मीटर से ज्यादा के लिए 4 हजार (एकमुश्त) शुल्क देय होगा. किसी भी नगरीय निकाय की ओर से नामान्तरण के प्रकरणों में इस राशि के अलावा अन्य कोई सेस/प्रमाण-पत्र शुल्क वसूल नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें: 7th Pay Commission in Rajasthan : सातवें वेतन आयोग को लेकर राजस्थान रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारी और कार्यरत कर्मचारी आमने-सामने...

यदि किसी नगरीय निकाय के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की ओर से अभियान अवधि में डिमाण्ड नोट में इन मदों के अलावा कोई अन्य राशि जोड़ी जाती है, तो ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यदि इस तरह का प्रस्ताव बोर्ड में लिया गया है, तो संबंधित आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी की ओर से उसे राज्य सरकार को प्रेषित कर निरस्त करवाया जाएगा.

पढ़ें: Ajmer Invest 2022 : 15 हजार करोड़ रुपए के 250 से अधिक हुए एमओयू, 13 हजार 50 को मिलेगा रोजगार

इसके साथ आदेशों में स्पष्ट किया है कि कोई अधिकारी/कर्मचारी नाम हस्तान्तरण के मामले में मौका निरीक्षण नहीं करेगा. नाम हस्तान्तरण के मामले में रजिस्टर्ड विक्रय पत्र/रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड होने पर अखबार में विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं कराई जाएगी. नगरीय निकाय की ओर से प्रार्थी को नया पट्टा देने का विकल्प दिया जाएगा. यदि किसी स्थानीय निकाय के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की ओर से अभियान अवधि में डिमाण्ड नोट में तय एकमुश्त शुल्क के अलावा कोई भी अन्य राशि जोड़ी जाती है, तो ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि के लिए कृषि भूमि रूपांतरण, भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क, उप-विभाजन/पुनर्गठन शुल्क और नाम हस्तांतरण के प्रकरणों की दरें/शुल्क में अभियान अवधि के लिए विशेष छूट प्रदान की गई है. यूडीएच विभाग ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि अभियान अवधि के लिए नगरीय निकाय अपने मंडल के किसी पूर्व निर्णय/आदेश के आधार पर अन्य दर/शुल्क वसूल नहीं करेगा.

यूडीएच विभाग ने अभियान अवधि में नामान्तरण के लिए पूर्व में लिए जा रहे प्रति वर्गमीटर की दर से देय राशि को खत्म करते हुए एकमुश्त शुल्क (Land Mutation fees in Prashasan Shehro Ke Sang) लेकर नाम परिवर्तन के अनुसार ही फ्री होल्ड का पट्टा देने के लिए निर्देशित किया ​है. 300 वर्ग मीटर तक (एकमुश्त) शुल्क हजार रुपए, जबकि 300 मीटर से ज्यादा के लिए 4 हजार (एकमुश्त) शुल्क देय होगा. किसी भी नगरीय निकाय की ओर से नामान्तरण के प्रकरणों में इस राशि के अलावा अन्य कोई सेस/प्रमाण-पत्र शुल्क वसूल नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें: 7th Pay Commission in Rajasthan : सातवें वेतन आयोग को लेकर राजस्थान रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारी और कार्यरत कर्मचारी आमने-सामने...

यदि किसी नगरीय निकाय के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की ओर से अभियान अवधि में डिमाण्ड नोट में इन मदों के अलावा कोई अन्य राशि जोड़ी जाती है, तो ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यदि इस तरह का प्रस्ताव बोर्ड में लिया गया है, तो संबंधित आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी की ओर से उसे राज्य सरकार को प्रेषित कर निरस्त करवाया जाएगा.

पढ़ें: Ajmer Invest 2022 : 15 हजार करोड़ रुपए के 250 से अधिक हुए एमओयू, 13 हजार 50 को मिलेगा रोजगार

इसके साथ आदेशों में स्पष्ट किया है कि कोई अधिकारी/कर्मचारी नाम हस्तान्तरण के मामले में मौका निरीक्षण नहीं करेगा. नाम हस्तान्तरण के मामले में रजिस्टर्ड विक्रय पत्र/रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड होने पर अखबार में विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं कराई जाएगी. नगरीय निकाय की ओर से प्रार्थी को नया पट्टा देने का विकल्प दिया जाएगा. यदि किसी स्थानीय निकाय के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की ओर से अभियान अवधि में डिमाण्ड नोट में तय एकमुश्त शुल्क के अलावा कोई भी अन्य राशि जोड़ी जाती है, तो ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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