जयपुर. मां-बाप ने पढ़ने के लिए जयपुर भेजा, लेकिन शराब ने दो जिंदगियां खत्म कर दी. ऐसा ही एक मामला जयपुर के मानसरोवर थाना इलाके से सामने आया है. एडिशनल डीसीपी साउथ भरत लाल ने बताया कि भीलवाड़ा के रहने वाले दो युवक मनोज मीणा और संजय मीणा की पीजी की छत से क्लीनिक की छत पर गिरने के चलते दर्दनाक मौत हुई है. संजय मीणा किरण पथ स्थित पीजी के कमरे में रहकर रीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, जिसने गुरुवार देर शाम को अपने मित्र मनोज मीणा व एक अन्य साथी को शराब पार्टी के लिए बुलाया.
इसके बाद तीनों ने जमकर शराब पी और देर रात तक पीजी की छत पर पार्टी करते रहे. युवकों ने इतनी ज्यादा शराब पी रखी थी कि उन्होंने खाना भी नहीं खाया और इसी दौरान किसी बात को लेकर संजय व मनोज के बीच में झगड़ा हुआ. इस दौरान मनोज ने संजय के कंधे पर दांतो से काट खाया और शराब के नशे में झगड़ते हुए दोनों 70 फीट ऊंची छत से पड़ोस में स्थित क्लीनिक की छत पर जाकर गिर गए. जिस वक्त ये हादसा घटित हुआ उस वक्त तीसरा युवक छत पर मौजूद नहीं था और शराब का अत्यधिक सेवन कर लेने के चलते वह कमरे में जाकर सो गया.
मौत से संघर्ष भी किया, लेकिन मिली हार : 70 फीट ऊंची छत से पड़ोसी की छत पर गिरने के बाद (Two Youths Died after Falling from Roof in Jaipur) दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी पसलियां टूट गईं और शरीर में कई जगह फ्रैक्चर भी हुआ. लेकिन उसके बावजूद दोनों ने उठने का प्रयास किया. दोनों ने मौत से संघर्ष करते हुए जान बचाने के लिए प्रयास भी किए और घसीटते हुए छत पर ही कुछ मीटर तक गए भी, लेकिन रात अधिक हो जाने के चलते उनकी मदद करने के लिए आसपास कोई भी मौजूद नहीं था.
इसके बाद दोनों ने दम तोड़ दिया और शुक्रवार सुबह जब एक पड़ोसी अपनी छत पर कुछ सामान रखने आया तो उसने (Police Statement in Jaipur Youth Death Case) दोनों युवकों की लाश छत पर पड़ी हुई देखी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर एफएसएल टीम को बुलाया. टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं और साथ ही दोनों युवकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जयपुरिया अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है.
मनोज के पिता टीचर, उसे भी बनाना चाहते थे अध्यापक : हादसे का शिकार हुआ मनोज मीणा स्वर्ण पथ पर अपने छोटे भाई सुरेश मीणा के साथ रहकर रीट की तैयारी कर रहा था. मनोज के पिता टीचर हैं और वह अपने दोनों बेटों को भी टीचर बनाना चाहते थे. इसीलिए उन्होंने अपने दोनों बेटों को पढ़ने के लिए जयपुर भेज दिया. मनोज शुक्रवार देर शाम को अपने भाई सुरेश को संजय के कमरे पर जाने और शनिवार सुबह वापस लौट कर आने की बात कह कर गया था. शुक्रवार सुबह जब मनोज वापस स्वर्ण पथ स्थित अपने कमरे पर नहीं पहुंचा तो उसके छोटे भाई सुरेश ने मनोज को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. इसके बाद सुरेश ने संजय को भी फोन किया, लेकिन उसने भी फोन रिसीव नहीं किया. वहीं, तकरीबन 10:30 बजे पुलिस को घटनाक्रम की सूचना मिली. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सुरेश को फोन कर हादसे की जानकारी दी.