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सावधान! कोरोना निगेटिव की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले 2 लोग गिरफ्तार, घरों से खुद ले जाते थे सैंपल

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Published : Apr 28, 2021, 3:47 PM IST

जयपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया है और दोनों से पूछताछ जारी है.

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फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने वाले आरोपियों से पूछताछ जारी

जयपुर. शिप्रापथ थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को पकड़ा है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया और पूछताछ कर रही है.

फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने वाले आरोपियों से पूछताछ जारी

बता दें, पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी लोगों के घर से कोरोना जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किया करते. फिर उन सैंपल को रास्ते में ही फेंककर नष्ट कर दिया करते थे. इसके बाद आरोपी लोगों को फर्जी कोरोना रिपोर्ट भेजते थे. इन लोगों ने अब तक कितने लोगों की इसी तरह से फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाई है. इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है.

यह भी पढ़ें: कोरोना की चेन तोड़ेगी जयपुर ट्रैफिक पुलिस, जन अनुशासन पखवाड़े की सख्ती से करा रही पालना

शिप्रापथ थानाधिकारी महावीर सिंह राठौड़ ने बताया, रिलायबल डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक ने शिकायत दर्ज करवाई, उनके डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से कुछ लोगों को कोरोना रिपोर्ट जारी की गई है. जबकि जिन लोगों को रिपोर्ट जारी की गई है, उनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है. इस पर पुलिस ने जांच करते हुए घर से लोगों के सैंपल इकट्ठा करने वाले अभिषेक शर्मा और निखिल आकड़ को गिरफ्तार किया.

यह भी पढ़ें: COVID-19 : जानें राजस्थान के प्रमुख शहरों में कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स

आरोपियों ने लोगों के घर से सैंपल इकट्ठा किए जाते हैं और फिर उन सैंपल को रास्ते में ही फेंक कर नष्ट कर दिया जाता. इसके बाद आरोपी ऑनलाइन पीडीएफ एडिटर के जरिए पुरानी कोरोना रिपोर्ट को एडिट कर उसमें लोगों के नाम पते बदलकर नई रिपोर्ट तैयार करते. नकली कोरोना रिपोर्ट तैयार करने के बाद आरोपी उसे उस व्यक्ति के मोबाइल पर व्हाट्सएप कर देते, जिससे उन्होंने मोटी राशि लेकर कोरोना जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किया है.

यह भी पढ़ें: Remdesivir Crisis: पिछले महीने पंजाब भेजे थे 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, राजेंद्र राठौड़ ने उठाए सवाल

एफएसएल को आरोपियों के मोबाइल भेज किया जाएगा डेटा रिकवर

शिप्रापथ थानाधिकारी महावीर सिंह राठौड़ ने बताया, आरोपियों से बरामद किए गए मोबाइल से 13 लोगों की कोरोना रिपोर्ट प्राप्त की गई है, जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट आरोपियों के मोबाइल में मिली है, उनसे संपर्क साधकर जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं आरोपियों ने कुछ लोगों की रिपोर्ट भेजने के बाद उसे डिलीट कर दिया है. ऐसे में डेटा रिकवर करने के लिए अब पुलिस आरोपियों के मोबाइल को एफएसएल जांच के लिए भेजेगी. साथ ही पुलिस यह भी जानकारी जुटा रही है, कहीं किसी व्यक्ति ने यात्रा करने के लिए या अन्य किसी काम के लिए आरोपियों को मोटी राशि देकर अपनी फर्जी कोरोना रिपोर्ट तो तैयार नहीं करवाई.

यह भी पढ़ें: हमने ऑर्डर दिया तो वैक्सीन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, रघु शर्मा ने लगाए ये गंभीर आरोप

साथ ही फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के इस खेल में अन्य डायग्नोस्टिक सेंटर के लोगों की मिलीभगत तो नहीं है. इसकी भी पड़ताल पुलिस कर रही है. पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों आरोपी पूर्व में नामी डायग्नोस्टिक सेंटर में सैंपल कलेक्ट करने का काम कर चुके हैं. ऐसे में कुछ अन्य लोगों की मिलीभगत भी होने की आशंका जताई जा रही है.

जयपुर. शिप्रापथ थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को पकड़ा है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया और पूछताछ कर रही है.

फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने वाले आरोपियों से पूछताछ जारी

बता दें, पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी लोगों के घर से कोरोना जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किया करते. फिर उन सैंपल को रास्ते में ही फेंककर नष्ट कर दिया करते थे. इसके बाद आरोपी लोगों को फर्जी कोरोना रिपोर्ट भेजते थे. इन लोगों ने अब तक कितने लोगों की इसी तरह से फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाई है. इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है.

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शिप्रापथ थानाधिकारी महावीर सिंह राठौड़ ने बताया, रिलायबल डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक ने शिकायत दर्ज करवाई, उनके डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से कुछ लोगों को कोरोना रिपोर्ट जारी की गई है. जबकि जिन लोगों को रिपोर्ट जारी की गई है, उनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है. इस पर पुलिस ने जांच करते हुए घर से लोगों के सैंपल इकट्ठा करने वाले अभिषेक शर्मा और निखिल आकड़ को गिरफ्तार किया.

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आरोपियों ने लोगों के घर से सैंपल इकट्ठा किए जाते हैं और फिर उन सैंपल को रास्ते में ही फेंक कर नष्ट कर दिया जाता. इसके बाद आरोपी ऑनलाइन पीडीएफ एडिटर के जरिए पुरानी कोरोना रिपोर्ट को एडिट कर उसमें लोगों के नाम पते बदलकर नई रिपोर्ट तैयार करते. नकली कोरोना रिपोर्ट तैयार करने के बाद आरोपी उसे उस व्यक्ति के मोबाइल पर व्हाट्सएप कर देते, जिससे उन्होंने मोटी राशि लेकर कोरोना जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किया है.

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एफएसएल को आरोपियों के मोबाइल भेज किया जाएगा डेटा रिकवर

शिप्रापथ थानाधिकारी महावीर सिंह राठौड़ ने बताया, आरोपियों से बरामद किए गए मोबाइल से 13 लोगों की कोरोना रिपोर्ट प्राप्त की गई है, जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट आरोपियों के मोबाइल में मिली है, उनसे संपर्क साधकर जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं आरोपियों ने कुछ लोगों की रिपोर्ट भेजने के बाद उसे डिलीट कर दिया है. ऐसे में डेटा रिकवर करने के लिए अब पुलिस आरोपियों के मोबाइल को एफएसएल जांच के लिए भेजेगी. साथ ही पुलिस यह भी जानकारी जुटा रही है, कहीं किसी व्यक्ति ने यात्रा करने के लिए या अन्य किसी काम के लिए आरोपियों को मोटी राशि देकर अपनी फर्जी कोरोना रिपोर्ट तो तैयार नहीं करवाई.

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साथ ही फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के इस खेल में अन्य डायग्नोस्टिक सेंटर के लोगों की मिलीभगत तो नहीं है. इसकी भी पड़ताल पुलिस कर रही है. पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों आरोपी पूर्व में नामी डायग्नोस्टिक सेंटर में सैंपल कलेक्ट करने का काम कर चुके हैं. ऐसे में कुछ अन्य लोगों की मिलीभगत भी होने की आशंका जताई जा रही है.

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