जयपुर. प्रदेश में बिजली कंपनियों में इंजीनियरों के तबादलों को लेकर इन दिनों सियासत हावी हो रही है, यही कारण है कि राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम और उत्पादन निगम में तो इंजीनियरों के बंपर तबादले हुए, लेकिन जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम में इंजीनियरों के तबादले अटके हुए हैं.
इसके पीछे के कारण है कि तीनों डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक नहीं चाहते कि तबादलों में किसी भी तरह का राजनैतिक हस्तक्षेप हो जिससे बिजली सप्लाई और रेवेन्यू वसूली के काम पर नकारात्मक असर पड़े.
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दरअसल, प्रदेश की जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम में फिलहाल विधायकों और नेताओं की सिफारिश पर इंजीनियरों के तबादले नहीं होने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि तीनों ही सरकारी बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों ने तबादलों से बिजली सप्लाई और बिलों की वसूली प्रभावित होने की दलील देते हुए ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया है.
वहीं, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने भी डिस्कॉम में बिजली सप्लाई और रेवेन्यू वसूली प्रभावित होने के कारण फिलहाल ट्रांसफर नहीं करने का फैसला किया है, जबकि बड़ी संख्या में विधायक और नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में मौजूदा इंजीनियरों को बदलकर मनपसंद के इंजीनियर लगाने की सिफारिशें भेजी है. सिफारिश मंत्री से लेकर विभाग के सचिव और डिस्कॉम एमडी तक के पास आई है.
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हाल ही में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के निर्देश पर सरकारी बिजली कंपनियों में 504 से ज्यादा इंजीनियरों के तबादले हुए. इसमें बिजली प्रसारण कंपनी में 401 से ज्यादा ट्रांसफर हुए, वहीं बिजली उत्पादन कंपनी में करीब 103 इंजीनियरों को इधर-उधर किया गया, लेकिन डिस्कॉम में बड़े स्तर पर तबादला सूची का इंतजार है.