ETV Bharat / city

International Museum Day 2022: संग्रहालयों के निहारने बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक...राजस्थानी अंदाज में हुआ स्वागत - ETV bharat rajasthan news

संग्रहालयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है. राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटकों ने संग्रहालय में रखी वस्तुओं को (Tourists visit museums in Rajasthan) निहारा.

Tourists visit museums in Rajasthan
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस बनाई गईं पेंटिग
author img

By

Published : May 18, 2022, 10:25 PM IST

Updated : May 18, 2022, 11:45 PM IST

जयपुर. दुनियाभर में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है. राजधानी जयपुर के संग्रहालय और स्मारकों पर वर्ल्ड म्यूजियम डे मनाया गया. केंद्रीय संग्रहालय अल्बर्ट हॉल, हवा महल, जंतर मंतर, आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट में पर्यटकों के लिए लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए गए. साथ ही पर्यटको को ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी भी दी गई. आने वाले पर्यटकों के राजस्थानी अंदाज में स्वागत (Welcome to tourists in Rajasthani style) किया गया.

ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और देश-विदेश की संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के मकसद से यह खास दिन बड़े उत्साह से मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर गुलाबी नगरी में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से संरक्षित स्मारकों में स्थित संग्रहालयों में प्रवेश नि:शुल्क रखा गया. जयपुर के आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट, हवा महल, जंतर मंतर, अल्बर्ट हॉल में आने वाले पर्यटकों का राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया. पर्यटकों को तिलक लगाकर उन्हें गुलाब का फूल देकर वेलकम किया गया.

गायत्री राठौड़, प्रमुख सचिव, पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग

पढ़े:अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर पुरातत्व विभाग की ऐतिहासिक पहल, “म्यूजियम थ्रू माय आईज” के तहत बच्चों में बढ़ाएंगे कला-संस्कृति के प्रति जागरूकता

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर जयपुर के सबसे बड़े म्यूजियम अल्बर्ट हॉल पर अनोखी पेटिंग एग्जीबिशन लगाई गई. डिजिटल बाल मेले के बच्चों की ओर से बनाई गई इन पेटिंग्स की एग्जीबिशन का प्रदेश की पर्यटन ,कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने फीता काटकर उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने बच्चों की ओर से तैयार की गई पेटिंग्स को देखकर उनकी कला की सराहना की.

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर भारत में पहली बार आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पुरातत्व विभाग के तत्वाधान में बच्चों के लिए लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. पर्यटन और पुरातत्व विभाग के इस प्रयास से अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालयों की जानकारी बच्चों तक पहुंचेगी. साथ ही बच्चों में देश विदेश की कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ेगी.

Tourists visit museums in Rajasthan
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पेंटिग बनाते बच्चे

“म्यूजियम थ्रू माय आईज” का उद्घाटनः पुरातत्व विभाग की ओर से आयोजित “म्यूजियम थ्रू माय आईज” का उद्घाटन राजस्थान के प्रसिद्ध आमेर किले में शाम को किया गया. इस अवसर पर 15 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा हैं, जिसमें देश विदेश के संग्रहालयों के चित्र मौजूद रहेंगे. यह प्रदर्शनी आमेर किले के दीवान-ए-आम में लगाईं जा रही है. 75 से भी ज्यादा पेंटिंग्स में अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, रोम का कॉलोसियम संग्रहालय, हिमाचल प्रदेश का कोलंबो म्यूजियम, शिवाजी म्यूजियम, मुंबई जैसे अनेक संग्रहालयों की पेंटिंग शामिल है. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की स्थापना सन 1950 में हुई थी. इस विभाग के अधीन लगभग 343 स्मारक और 44 पुरास्थल संरक्षित घोषित हैं. राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों में बहुत अच्छा टैलेंट देखने को मिला है. बच्चों ने म्यूजियम देखकर उसकी पेंटिंग बनाई. राजस्थान के सांस्कृतिक गौरव के लिए सरकार की ओर से भी काफी अच्छे प्रयास किए गए हैं. देशभर में संग्रहालय बनाए गए हैं, जहां पर हमारी विरासत और सांस्कृतिक गौरव देखने को मिलता है. टूरिज्म पॉलिसी में भी कई नई नई चीजें आई हैं. इस तरह के आयोजनों से युवा पीढ़ी को बहुत अच्छी दिशा मिलती है. देश को भी कामयाबी की तरफ बढ़ने का मौका मिलता है.

पढ़े:Special : अकबर के किले से राजकीय संग्राहलय के सफर में दिखे कई उतार-चढ़ाव...अतीत में सिमटी हैं कई कहानियां

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से लगभग 20 राजकीय संग्रहालय और 2 कला दीर्घा संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें लगभग 3 लाख से अधिक कलापुरा सामग्री, यथा-पाषाण प्रतिमाएं, धातु प्रतिमाएं, लघु रंग चित्र, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र परिधान, सिक्के, हस्तलिखित ग्रंथ, लिथोग्राफ, शिलालेख, टेराकोटा जैसी पूरा वस्तुएं संग्रहित व प्रदर्शित की जाती हैं. विश्व संग्रहालय दिवस प्रतिवर्ष देश दुनिया में मनाया जाता है.

18 मई 1983 को संयुक्त राष्ट्र ने संग्रहालय की विशेषताएं एवं महत्व को समझते हुए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने का निर्णय लिया था. इसका मूल उद्देश्य जन सामान्य में संग्रहालय के प्रति जागरूकता और उनके कार्यकलापों के बारे में जनजागृति का प्रचार प्रसार करना है.

Tourists visit museums in Rajasthan
पेंटिग देखतीं प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़

पर्यटकों ने निहारा फतेह प्रकाश संग्राहलयः चित्तौड़गढ़ जिले के चित्तौड़ दुर्ग पर स्थित फतेह प्रकाश संग्रहालय में जहां सभी पर्यटकों के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया. वहीं इस अवसर पर बाल चित्रकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन भी किया. यहां आने वाले पर्यटकों का तिलक लगा कर स्वागत किया गया. इस दौरान आए अधिकारियों ने चित्तौड़गढ़ के संग्रहालय में और भी नवाचार करने की बात कही है. अधिकारियों का कहना है कि दुर्ग पर स्थित फतह प्रकाश महल डिजिटल किया जाएगा. साथ ही दृष्टिबाधित के लिए ब्रेल लिपि में दीवारों पर मेटल से इतिहास उकेरा जाएगा. चित्तौड़ दुर्ग पर फतहप्रकाश महल में मेवाड़ की ऐतिहासिक धरोहर जो कभी मेवाड़ की सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती थी, जिनमें भाले, तलवारे, बंदूक कवच लोगों के देखने के लिए रखे गए हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक इस संग्रहालय को देखने और गौरव की अनुभूति को महसूस करने आते हैं.

अलवर के संग्रहालय में प्रदर्शनी आयोजितः अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर अलवर के संग्रहालय में एक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. इसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने किया. इस प्रदर्शनी की थीम अतीत के झरोखे से अलवर रखी गई. पुराने व नए फोटो के माध्यम से पर्यटकों को अलवर के इतिहास से अवगत कराया गया. अलवर जिले में वैसे तो 108 दर्शनीय स्थल हैं, लेकिन उनमें 27 प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.

अलवर देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. अलवर का संग्रहालय प्रदेश व देश के बड़े संग्रहालय में से एक है. अलवर के संग्रहालय में चांदी की टेबल, चांदी की साइकिल, एक म्यान में दो तलवार, बंदूक, हथियार व हस्त लिखित वेद ग्रंथ कई भाषाओं में उपलब्ध हैं. इतिहास के लिहाज से अलवर संग्रहालय अपनी खास पहचान रखता है. संग्रहालय में मौजूद दस्तावेजों को नया जीवन देने के लिए बीते साल पुरातत्व विभाग की तरफ से सभी हस्तलिखित ग्रंथ व वेदों को ऑनलाइन करते हुए उनको नया रूप देते हुए लेमिनेशन करने का काम किया गया. अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर देसी विदेशी पर्यटकों को संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश दिया गया. सुबह से शाम तक पूरी प्रवेश प्रक्रिया निशुल्क रही. इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटकों ने संग्रहालय में पहुंचकर अलवर के इतिहास को समझा व देखा.

जयपुर. दुनियाभर में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है. राजधानी जयपुर के संग्रहालय और स्मारकों पर वर्ल्ड म्यूजियम डे मनाया गया. केंद्रीय संग्रहालय अल्बर्ट हॉल, हवा महल, जंतर मंतर, आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट में पर्यटकों के लिए लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए गए. साथ ही पर्यटको को ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी भी दी गई. आने वाले पर्यटकों के राजस्थानी अंदाज में स्वागत (Welcome to tourists in Rajasthani style) किया गया.

ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और देश-विदेश की संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के मकसद से यह खास दिन बड़े उत्साह से मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर गुलाबी नगरी में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से संरक्षित स्मारकों में स्थित संग्रहालयों में प्रवेश नि:शुल्क रखा गया. जयपुर के आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट, हवा महल, जंतर मंतर, अल्बर्ट हॉल में आने वाले पर्यटकों का राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया. पर्यटकों को तिलक लगाकर उन्हें गुलाब का फूल देकर वेलकम किया गया.

गायत्री राठौड़, प्रमुख सचिव, पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग

पढ़े:अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर पुरातत्व विभाग की ऐतिहासिक पहल, “म्यूजियम थ्रू माय आईज” के तहत बच्चों में बढ़ाएंगे कला-संस्कृति के प्रति जागरूकता

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर जयपुर के सबसे बड़े म्यूजियम अल्बर्ट हॉल पर अनोखी पेटिंग एग्जीबिशन लगाई गई. डिजिटल बाल मेले के बच्चों की ओर से बनाई गई इन पेटिंग्स की एग्जीबिशन का प्रदेश की पर्यटन ,कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने फीता काटकर उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने बच्चों की ओर से तैयार की गई पेटिंग्स को देखकर उनकी कला की सराहना की.

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर भारत में पहली बार आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पुरातत्व विभाग के तत्वाधान में बच्चों के लिए लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. पर्यटन और पुरातत्व विभाग के इस प्रयास से अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालयों की जानकारी बच्चों तक पहुंचेगी. साथ ही बच्चों में देश विदेश की कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ेगी.

Tourists visit museums in Rajasthan
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पेंटिग बनाते बच्चे

“म्यूजियम थ्रू माय आईज” का उद्घाटनः पुरातत्व विभाग की ओर से आयोजित “म्यूजियम थ्रू माय आईज” का उद्घाटन राजस्थान के प्रसिद्ध आमेर किले में शाम को किया गया. इस अवसर पर 15 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा हैं, जिसमें देश विदेश के संग्रहालयों के चित्र मौजूद रहेंगे. यह प्रदर्शनी आमेर किले के दीवान-ए-आम में लगाईं जा रही है. 75 से भी ज्यादा पेंटिंग्स में अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, रोम का कॉलोसियम संग्रहालय, हिमाचल प्रदेश का कोलंबो म्यूजियम, शिवाजी म्यूजियम, मुंबई जैसे अनेक संग्रहालयों की पेंटिंग शामिल है. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की स्थापना सन 1950 में हुई थी. इस विभाग के अधीन लगभग 343 स्मारक और 44 पुरास्थल संरक्षित घोषित हैं. राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों में बहुत अच्छा टैलेंट देखने को मिला है. बच्चों ने म्यूजियम देखकर उसकी पेंटिंग बनाई. राजस्थान के सांस्कृतिक गौरव के लिए सरकार की ओर से भी काफी अच्छे प्रयास किए गए हैं. देशभर में संग्रहालय बनाए गए हैं, जहां पर हमारी विरासत और सांस्कृतिक गौरव देखने को मिलता है. टूरिज्म पॉलिसी में भी कई नई नई चीजें आई हैं. इस तरह के आयोजनों से युवा पीढ़ी को बहुत अच्छी दिशा मिलती है. देश को भी कामयाबी की तरफ बढ़ने का मौका मिलता है.

पढ़े:Special : अकबर के किले से राजकीय संग्राहलय के सफर में दिखे कई उतार-चढ़ाव...अतीत में सिमटी हैं कई कहानियां

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से लगभग 20 राजकीय संग्रहालय और 2 कला दीर्घा संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें लगभग 3 लाख से अधिक कलापुरा सामग्री, यथा-पाषाण प्रतिमाएं, धातु प्रतिमाएं, लघु रंग चित्र, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र परिधान, सिक्के, हस्तलिखित ग्रंथ, लिथोग्राफ, शिलालेख, टेराकोटा जैसी पूरा वस्तुएं संग्रहित व प्रदर्शित की जाती हैं. विश्व संग्रहालय दिवस प्रतिवर्ष देश दुनिया में मनाया जाता है.

18 मई 1983 को संयुक्त राष्ट्र ने संग्रहालय की विशेषताएं एवं महत्व को समझते हुए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने का निर्णय लिया था. इसका मूल उद्देश्य जन सामान्य में संग्रहालय के प्रति जागरूकता और उनके कार्यकलापों के बारे में जनजागृति का प्रचार प्रसार करना है.

Tourists visit museums in Rajasthan
पेंटिग देखतीं प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़

पर्यटकों ने निहारा फतेह प्रकाश संग्राहलयः चित्तौड़गढ़ जिले के चित्तौड़ दुर्ग पर स्थित फतेह प्रकाश संग्रहालय में जहां सभी पर्यटकों के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया. वहीं इस अवसर पर बाल चित्रकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन भी किया. यहां आने वाले पर्यटकों का तिलक लगा कर स्वागत किया गया. इस दौरान आए अधिकारियों ने चित्तौड़गढ़ के संग्रहालय में और भी नवाचार करने की बात कही है. अधिकारियों का कहना है कि दुर्ग पर स्थित फतह प्रकाश महल डिजिटल किया जाएगा. साथ ही दृष्टिबाधित के लिए ब्रेल लिपि में दीवारों पर मेटल से इतिहास उकेरा जाएगा. चित्तौड़ दुर्ग पर फतहप्रकाश महल में मेवाड़ की ऐतिहासिक धरोहर जो कभी मेवाड़ की सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती थी, जिनमें भाले, तलवारे, बंदूक कवच लोगों के देखने के लिए रखे गए हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक इस संग्रहालय को देखने और गौरव की अनुभूति को महसूस करने आते हैं.

अलवर के संग्रहालय में प्रदर्शनी आयोजितः अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर अलवर के संग्रहालय में एक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. इसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने किया. इस प्रदर्शनी की थीम अतीत के झरोखे से अलवर रखी गई. पुराने व नए फोटो के माध्यम से पर्यटकों को अलवर के इतिहास से अवगत कराया गया. अलवर जिले में वैसे तो 108 दर्शनीय स्थल हैं, लेकिन उनमें 27 प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.

अलवर देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. अलवर का संग्रहालय प्रदेश व देश के बड़े संग्रहालय में से एक है. अलवर के संग्रहालय में चांदी की टेबल, चांदी की साइकिल, एक म्यान में दो तलवार, बंदूक, हथियार व हस्त लिखित वेद ग्रंथ कई भाषाओं में उपलब्ध हैं. इतिहास के लिहाज से अलवर संग्रहालय अपनी खास पहचान रखता है. संग्रहालय में मौजूद दस्तावेजों को नया जीवन देने के लिए बीते साल पुरातत्व विभाग की तरफ से सभी हस्तलिखित ग्रंथ व वेदों को ऑनलाइन करते हुए उनको नया रूप देते हुए लेमिनेशन करने का काम किया गया. अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर देसी विदेशी पर्यटकों को संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश दिया गया. सुबह से शाम तक पूरी प्रवेश प्रक्रिया निशुल्क रही. इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटकों ने संग्रहालय में पहुंचकर अलवर के इतिहास को समझा व देखा.

Last Updated : May 18, 2022, 11:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.