जयपुर. इस्लामिक साल के पहले महीने में होने वाली कत्ल की रात शनिवार को है. कत्ल की रात के मौके पर कई कार्यक्रम राजस्थान में किए जाते रहे हैं. लेकिन, कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए किसी भी तरह का कोई बड़ा कार्यक्रम राजस्थान और राजधानी जयपुर में नहीं हो रहा है. इस बात का ऐलान खुद राजधानी जयपुर में ताजिया बनाने वाले लोगों की तरफ से किया गया है. हालांकि, जहां पर इन ताजियों का निर्माण किया गया है, वहां तमाम ताजियों की जियारत किया जाएगा. तमाम रस्में भी वहीं निभाई जाएंगी. लेकिन, इन ताजियों को मुकाम पर नहीं निकाला जाएगा.
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राजस्थान पुलिस की तरफ से भी ताजिये बनाने वालों को नोटिस दिए गए थे और नोटिस में कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मोहर्रम के दौरान भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए. अगर जमा होती है तो आप लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि कत्ल की रात के दिन ताजिये अपने मुकाम पर निकलते हैं. लेकिन, पुलिस की तरफ से दिए गए नोटिस और कोरोना महामारी का ध्यान रखते हुए ताजिये नहीं निकले जाएंगे. राजधानी जयपुर में करीब 350 लाइसेंस वाले ताजिए निकाले जाते हैं. इनमें 70 ताजिये रामगंज इलाके से निकलते हैं.
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ताजिये बनाने वालों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि मोहर्रम से पहले ही कोरोना हिंदुस्तान को अलविदा कह देगा, लेकिन जिस तरह से मौजूदा वक्त में कोरोना के कारण हिंदुस्तान के हालात हैं. उसको देखते हुए हम लोगों ने भी पुलिस को पहले ही बता दिया गया था कि हम ताजिये नहीं निकालेंगे.