जयपुर. 1995 के चर्चित राजेंद्र मिर्धा अपहरण कांड के मुख्य गवाह हनुमान बागड़ा के घर बुधवार रात को लूट हो गई. देर रात जब हनुमान बागड़ा परिवार के साथ घर में सो रहे थे तो उस वक्त तीन लुटेरे उनके घर में दाखिल हुए. उन्होंने चारपाई पर सोते हुए हनुमान को बांध दिया और कमरे में सो रहे अन्य सदस्यों को बाहर से गेट के कुंडी बंद कर अंदर ही कैद कर दिया. इसके बाद लुटेरों ने घर का एक-एक कोना खंगाला और कीमती सामान, नगदी, इलेक्ट्रॉनिक आइटम लेकर फरार हो गए.
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घटना रामनगरिया थाना क्षेत्र की है. बदमाश अपने साथ सफेद नशीला पाउडर भी लेकर आए थे, जिसको उन्होंने कूलर के पानी में मिला दिया. घटना के वक्त हनुमान का बेटा दूसरे घर में भैंसों की रखवाली के लिए सो रहा था, जिसे तड़के 4 बजे वारदात की भनक लगी. इसके बाद पीड़ित ने रामनगरिया थाना पुलिस को वारदात की सूचना दी.
क्या था राजेंद्र मिर्धा अपहरण कांड
1995 में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा के बेटे राजेंद्र मिर्धा को खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मुखिया देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए अपहरण किया गया था. जयपुर में राजेंद्र का अपहरण करने के बाद आतंकवादियों ने मॉडल टाउन के एक मकान में राजेंद्र को बंद करके रखा. तब दूध बेचने वाले हनुमान को संदेह हुआ और उसने पुलिस को इसकी सूचना दी. हनुमान की सूचना पर ही पुलिस ने घेराबंदी कर उस मकान पर धावा बोला जहां पर आतंकवादियों ने राजेंद्र को बंधक बना रखा था. इस दौरान पुलिस और आतंकियों के बीच में काफी राउंड गोलियां चली. इस प्रकरण के बाद हनुमान को पुलिस सुरक्षा भी दी गई थी, जिसे 4 साल पहले पुलिस ने वापस ले लिया गया.