जयपुर. नागपुर की रहने वाली 23 वर्षीय मोहिनी ने के दोनों हाथ नहीं हैं लेकिन उन्हें पेंटिंग करते देख कोई भी दंग रह जाए. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंची मोहिनी की पेंटिंग ने वहां आने वाले दर्शकों का सबसे अधिक ध्यान खींचा. मोहिनी ने जेएलएफ में पांच दिन तक लाइव पेंटिंग की.
एक रेल हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा चुकी मोहिनी का जज्बा उतना ही हैरान कर देने वाला है जितनी उनकी पेंटिंग्स. ऐसे लगता है मानो वे अपने हृदय के भीतर समाए भावों को कैनवास पर उतार रही हों.
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मोहिनी ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि पेंटिंग्स करने का उनका यह शौक बचपन से ही था. वे कैनवस पर एक्रेलिक पेंटिंग बनाती हैं. लेकिन तीन साल की उम्र में रेल हादसे ने उनके दोनों हाथ छीन लिए. इसके बावजूद उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपने इस शौक को जुनून बना लिया.
मोहिनी ने बताया कि शुरुआती दौर में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर धीरे-धीरे हर चीज आदत में आ गई. आज मोहिनी अपने पैरों पर खड़े होकर खुद का जीवन सवार रही हैं.
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मोहिनी ने स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के बाद यूनिवर्सिटी से बी.टेक. किया है और अब वे आईएएस बनने के लिए तैयारी कर रही हैं. मोहिनी की मां का कहना है कि किसी को भी जीवन में हार नहीं माननी चाहिए. उनकी यह बात सच भी है. मोहिनी इसकी मिसाल हैं.