जयपुर. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में 7वीं आर्थिक गणना 2019 के सफल क्रियान्वयन और संचालन के लिए गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई. मुख्य सचिव ने बैठक में राज्यस्तरीय समन्वय समिति की 13 अगस्त 2019 को हुई प्रथम बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट और सातवें आर्थिक गणना की वर्तमान प्रगति की समीक्षा की.
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग से प्राप्त तकनीकी सुविधाओं को शामिल करते हुए सही विश्लेषण कर सूचनाओं और जानकारियों का संकलन करें. उन्होंने कहा कि आर्थिक गणना के दौरान संकलित की गई जानकारी और सूचनाओं का उपयोग सामाजिक आर्थिक विकास की योजनाओं को तैयार करने में किया जाएगा.
पढ़ें- मोदी सरकार किसानों से उनका अधिकार छीनकर मजदूर बनाना चाहती है: डोटासरा
बैठक में आयोजना विभाग के प्रमुख शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने आर्थिक गणना के सर्वे कार्य की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के निर्देशानुसार इस आर्थिक गणना में आर्थिक गतिविधियों में संलिप्त संगठित, असंगठित औद्योगिकी, घरेलू प्रतिष्ठान और कृषि कार्यों की गणना के साथ-साथ उद्योग की स्थिति कार्य प्रगति स्वामित्व और रोजगार से संबंधित सूचना संकलित की गई है. इसके लिए राज्य समिति के साथ जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है.
महाजन ने बताया कि आर्थिक गणना का कार्य 2 चरणों में शुरू किया गया है, जिसमें पहले चरण में सितंबर 2019 तक 15 जिलों और दूसरे चरण में जनवरी 2020 तक 18 जिलों के सर्वे का कार्य किया जाएगा. इसमें प्रदेश में 97 फीसदी फील्ड वर्क समय पर पूरा कर लिया गया है. उन्होंने संस्थानों और कार्मिकों की संख्या और उनके विकास एवं योगिक औसत में हुई वृद्धि दर की जानकारी दी.
सिद्धार्थ महाजन ने राज्य में प्राइमरी मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन ट्रेंनिंग आदि विभिन्न गतिविधियों के आर्थिक योगदान पर हुए सर्वे की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह आर्थिक गणना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जा रही है. घटना के बाद राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय बिजनेस रजिस्टर तैयार किया जाएगा, जिसमें आर्थिक गणना की सभी जानकारी दर्ज की जाएगी.
बैठक में जानकारी दी गई कि यह पहली बार है कि सभी व्यवसायिक उद्योगों के डाटा का सर्वे किया गया है और मोबाइल एप के माध्यम से इंटरव्यू लेकर डाटा तैयार किया गया है. यह सर्वे पूरी तरह से पेपर लेस रखी गई है. सर्वे में जियो टैगिंग एवं टाइम स्टैंप तकनीक के लिए गेट डाटा पूरी तरह से विश्वसनीय माने जाते हैं.