जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि गांव उठेगा तो देश उठेगा. हमारी सोच खाद्य सुरक्षा के साथ किसान की आय को दोगुनी करने वाली होना चाहिए. शुक्रवार को राजभवन से कोविड-19 के बदलते परिदृश्य के तहत कृषि शिक्षा प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए रणनीति पर आयोजित वेबीनार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने यह बात कही.
राज्यपाल ने कहा कि कृषि में प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों को अपनाएं. कृषि वैज्ञानिक किसानों की आय दोगुनी करने पर शोध करें. राज्यपाल के अनुसार यह देखने में आ रहा है कि खेती से युवाओं का मोह भंग हो रहा है. लिहाजा युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने के लिए कृषि और कृषि पर आधारित उद्योगों के लिए कौशल विकास के पाठ्यक्रम आरंभ करने की आवश्यकता है. वेबीनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने यह भी कहा कि इसके लिए पाठ्यक्रम में यथास्थान परिवर्तन भी करना होगा ताकि युवा उद्यमी बनने के साथ-साथ उच्च कोटि के कृषि वैज्ञानिक भी बन सके.
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बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस वेबीनार के दौरान राज्यपाल ने राजभवन से ही कृषि मार्गदर्शिका 2020-21 का विमोचन भी किया. वहीं उन्होंने समृद्ध कृषि प्रणाली इकाई का भी उद्घाटन किया. इस दौरान वेबीनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में सस्ती और टिकाऊ खेती ही अंतिम विकल्प है. हमें अपनी परंपरागत कृषि विधियों की ओर लौटना ही होगा.
उसके साथ ही नवीन कृषि प्रौद्योगिकी का भी इस तरह से समावेश करना होगा कि खेती की लागत कम हो सके. उन्होंने कहा प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों को अपनाना होगा, जिससे लागत कम हो और मुनाफा अधिक हो. वेबीनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया. इस मौके पर राज्यपाल के सचिव सुधीर कुमार और प्रमुख विशेष अधिकारी गोविंद राम जयसवाल भी मौजूद रहे.