जयपुर. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. कोरोना वायरस का शहर त्योहारों पर भी पड़ रहा है. नवरात्रों में घट स्थापना तो की गई है, लेकिन मंदिरों में भक्तों का प्रवेश बंद है. केवल पुजारी ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं. चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां कुशमांडा की पूजा अर्चना की गई. आमेर शिला माता मंदिर में पुजारियों ने ही माता की पूजा अर्चना की. आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला भी नहीं भरेगा. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे.
शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी. शनिवार को चौथे नवरात्र को कुशमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवे नवरात्र को महागौरी माता और नवे और आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.
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शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि, शिला माता मंदिर में 9 दिन तक विधिवत रूप से माता की पूजा-अर्चना की जाएगी, लेकिन भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा. पुजारी बनवारी लाल ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि, राजस्थान में लॉक डाउन के चलते माता के दर्शन बंद रहेंगे. कृपया श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए मंदिर में न आएं. 1 अप्रैल को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति, रात 10 बजे निशा पूजन होगी, 3 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे नवरात्र उत्थापना किया जाएगा.
बता दे कि, हर साल नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. माता के दर्शन पाने के लिए अलसुबह से ही भक्तों की लाइने लगी नजर आती थी, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सभी धार्मिक स्थलों पर लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर सहित तमाम मंदिरों में इस बार भक्तों के बिना ही पुजारियों ने माता की पूजा अर्चना की.